Aligarh District Panchayat President Chunav : सपा का पारा हाई, जाएगी सुप्रीम कोर्ट, ये है वजह
वरिष्ठ सपा नेता संजय यादव ने कहा कि वोटरों के लिए सहायक तभी उपलब्ध कराए जाते हैं जब वह शारीरिक रूप अक्षम हो या निरक्षर हो। सीएमओ द्वारा गठित पैनल जांच की जाती है। लेकिन जिन 17 सदस्यों को सहायक दिए गए उनमें 16 पढ़े-लिखे हैं।
अलीगढ़, जेएनएन। वोट डालने के लिए जिला पंचायत सदस्यों को सहायक दिलाने का मुद्दा चुनाव के दौरान भी गर्म रहा। सपा नेताओं का कहना है कि 17 सहायकों के सहारे चुनाव जीता गया है। ये जीत भाजपा की नहीं सरकार की हुई है। पार्टी प्रत्याशी अर्चना यादव के पति संजय यादव ने कहा कि इस मुद्दे पर वह सीएमओ व प्रशासनिक अधिकारियों को पार्टी बनाकर हाईकोर्ट, सुप्रीम कोर्ट तक जाएंगे। चुनाव बाद उन सभी सदस्यों के कोर्ट में बयान कराए जाएंगे, जिन्हें मतदान से पहले पता ही नहीं था कि उन्हें सहायक दिए जाएंगे।
यह है मामला
वरिष्ठ सपा नेता संजय यादव ने कहा कि वोटरों के लिए सहायक तभी उपलब्ध कराए जाते हैं, जब वह शारीरिक रूप अक्षम हो या निरक्षर हो। सीएमओ द्वारा गठित पैनल जांच की जाती है। लेकिन, जिन 17 सदस्यों को सहायक दिए गए, उनमें 16 पढ़े-लिखे हैं। सबसे कम साक्षरता हाईस्कूल है। शारीरिक रूप से अक्षम भी नहीं हैं। चुनाव को निरस्त कराने की मांग की जाएगी। लोहिया वाहिनी के जिलाध्यक्ष पंकज यादव ने बताया कि कुछ सदस्यों से सहायक लेने की वजह पूछी तो किसी ने कहा घबराहट हो रही थी, तो किसी ने तबियत खराब बताई। महासचिव मनाेज यादव ने कहा कि प्रदेश के इतिहास में किसी भी चुनाव में इतने सहायक नहीं दिए गए। सोची समझी साजिश के तहत ऐसा किया गया है। जिला प्रशासन ने भाजपा को चुनाव जिताया है। जिलाध्यक्ष गिरीश यादव ने कहा कि भाजपा को अपने सिंबल पर जीते हुए सदस्यों पर भी भरोसा नहीं था। इसीलिए उनको भी सहायक मुहैया कराया गया। जिलाध्यक्ष ने कार्यकर्ताओं से निराश न होने और आने वाले विधानसभा में पूरी ताकत से एकजुट होकर भाजपा को हटाने का आह्वान किया। विरोध जताने वालाें में महानगर अध्यक्ष अब्दुल हमीद घोसी, लक्ष्मी धनगर, रुबीना खानम, डा. गुलिस्ताना, संजय शर्मा, रंजीत चौधरी, कालीचरण यादव, पंकज यादव आदि थे।