Corona की दूसरी लहर में कम हो गया अलीगढ़ का Air Pollution, आवोहवा हुई शुद्ध जानिए कैसे
कोरोना की दूसरी लहर से निपटने के लिए लगाए गए कर्फ्यू से पिछले साल की तरह ही वायु प्रदूषण में कमी आई है। शहर की आवोहवा हुई साफ हुई है। रेस्पिरेबल सस्पेंड पार्टिकुलेट मैटर पीएम-10 की मात्रा में गिरावट आई है।
अलीगढ़, जेएनएन। कोरोना की दूसरी लहर से निपटने के लिए लगाए गए कर्फ्यू से पिछले साल की तरह ही वायु प्रदूषण में कमी आई है। शहर की आवोहवा हुई साफ हुई है। रेस्पिरेबल सस्पेंड पार्टिकुलेट मैटर पीएम-10 की मात्रा में गिरावट आई है। पीएम - 10 का सामान्य स्तर 100 से 120 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर रहता है, जो मौजूदा समय में 38 से 40 कम हो गया है। इसका कारण सड़कों पर पसरा सन्नाटा व निर्माण कार्यों के साथ अन्य प्रोजक्टों पर काम कम होनाा है। पिछले चार दिन से रुक-रुक कर हुई बारिश से आसमां में छाई कार्बन की परत भी साफ हो गई हैं। सबसे ज्यादा राहत दमा के मरीजों को हुई है।
प्राकृतिक आक्सीजन लेबल भी ठीक हुआ
दो साल (2019) पहले तक मई माह में धूल के उड़ते हुए गुबार व तेजी आंधी के चलते वायु मंडल में धुंध के कड़ आसमा में जम जाते थे। इन दिनों में त्वचा को झुलसा देने वाली धूप व गर्मी से लोग बेहाल रहते थे। वायु मंडल में धूल के कड़ जमजाने के चलते प्राकृतिक आक्सीजन में गिरावट आती थीं।
पिछले साल 22 मार्च 2020 को जनता कर्फ्यू के बाद रिकार्ड लगातार 59 दिन का देश लाकडाउन रहा था। इस बीच वायु व जल प्रदूषण न्यूनतम स्तर से भी कई गुना तक नीचे चला गया था। उस समय पीएम-10 सात अप्रैल 2020 को यह 66.50, 28 अप्रैल को 90.20 दर्ज किया गया था।
पीएम-10 वर्ष 2021
चार जनवरी, 112, 00
15 जनवरी, 116.20
22 जनवरी, 136.40
16 फरवरी, 152.00
19 फरवरी, 163, 33
12 मार्च, 160.40
20 मार्च, 162.80
27 मार्च, 162.20
नौ अप्रैल, 164.80
23 अप्रैल, 124.20
30 अप्रैल, 112.60
छह मई, 108.80
13 मई, 108.20
वर्ष 2020 पीएम-10
पिछले साल प्रदूषण साल की शुरूआत से ही अधिक था। 20 मार्च 2020 को पीएम - 10 का स्तर 132.72 दर्ज किया गया था। 24 मार्च से लागू हुए लाकडान में राहत मिली। सात अप्रैल 2020 को यह 66.50, 28 अप्रैल को 90.20 दर्ज किया गया। जो न्यूनतम से भी 9.9 फीसद कम था। लाकडाउन में छूट मिलने के साथ प्रदूषण का स्तर भी बढ़ता गया। 26 जून को 120.20, 27 जुलाई को 130.20, 23 सितंबर को 142.38, 31 अक्टूबर को 154 दर्ज किया गया।
वायु प्रदूषण कम होने से प्राकृतिक आक्सीजन साफ सुधरी हुई है। बारिश होने से आसमां में जमे पीएम -2.5 की धूल के छोटे छोटे कण भी हट गए हैं। जनता कर्फ्यू के चलते सड़कों पर वाहन भी कम चल रहे है। प्रदूषण कम होने का सबसे बड़ा बात उत्पादन यूनिट व निर्माण काम कम होना भी है।
- रामगोपाल, क्षेत्रीय अधिकारी, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड
पिछले चार दिन से हो रही बारिश के बीच जब सूरज की किरणें निकलती हैं, उनमें चमक अधिक होती है। वायु प्रदूषण कम हुआ है। घर के उम्र दराज लोग को अब सांस लेने में परेशानी नहीं हो रही है। पर्यावरण शुद्ध हुआ है।
- विवेक शर्मा, सामाजिक कार्यकर्ता