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अलीगढ़ में हत्याकर जमीन में दबाए दो भाइयों के शव, खाई थी खून का बदला खून से लेने की कसम

टप्पल क्षेत्र के गांव हामिदपुर निवासी दो भाइयों की हत्या कर शव जट्टारी क्षेत्र में उसरह ईंट भट्ठा के पास गड्ढे में दबा दिए गए। चार दिन से लापता दोनों के शव मिले।

By Edited By: Published: Sun, 09 Dec 2018 11:00 AM (IST)Updated: Sun, 09 Dec 2018 11:29 AM (IST)
अलीगढ़ में हत्याकर जमीन में दबाए दो भाइयों के शव, खाई थी खून का बदला खून से लेने की कसम
अलीगढ़ में हत्याकर जमीन में दबाए दो भाइयों के शव, खाई थी खून का बदला खून से लेने की कसम

अलीगढ़ (जेएनएन)। टप्पल क्षेत्र के गांव हामिदपुर निवासी दो भाइयों की हत्या कर शव जट्टारी क्षेत्र में उसरह ईंट भट्ठा के पास गड्ढे में दबा दिए गए। चार दिन से लापता दोनों के शव मिले। हत्या गोली मारकर किए जाने की आशंका है। इन्हें चार दिसंबर को जट्टारी का युवक घर से बुलाकर ले गया था। दोनों भाई आपराधिक प्रवृत्ति के थे। पिसावा क्षेत्र के राऊपुर में हुए विपिन हत्याकांड में भी दोनों जेल भी गए थे।

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ऐसे दिया घटना को अंजाम
मूलरूप से पिसावा क्षेत्र के गांव राऊपुर निवासी उदयवीर टप्पल में हामिदपुर तिराहे के पास परिवार के साथ रह रहे हैं। मकान के बाहर ही उनका होटल है। उदयवीर के अनुसार जट्टारी में उसरह बाईपास निवासी मोनू उर्फ मोंटी पुत्र प्रहलाद ने चार दिसंबर को उनके छोटे बेटे शिवकुमार उर्फ शिवजी (27) को फोन कि या था। फिर 8:30 बजे मोनू घर पर आया और शिव कुमार व बड़े बेटे मामेंद्र (29) को बाइक पर बिठाकर ले गया। फिर उनका पता नहीं चला।

अपहरण की कराई थी रिपोर्ट
टप्पल थाने में राऊपुर के योगेंद्र सिंह, शीलू, जट्टïारी के मोनू, गुलावठी (बुलंदशहर) के गांव भटौना निवासी जीतू व नीटू के खिलाफ अपहरण की रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी। शनिवार को मोमेंद्र व शिव कुमार के शव जट्टारी क्षेत्र में उसरह भट्ठा के पास पोखर के किनारे गड्ढे में दबे मिले।

दोनों भाइयों को एक ही गड्ढे में दबाया
गांव उसरह की महिला शनिवार की शाम पोखर से मिट्टी लेने गई थी, तभी उसे मामेंद्र का पैर जमीन से बाहर दिखा। दोनों शवों को एक ही गड्ढे में दबाया गया था। शिवकुमार का नीचे व मोमेंद्र का ऊपर था। शव कुछ क्षत-विक्षत हो गए थे। उदयवीर के अनुसार राऊपुर में ढाई साल पहले विपिन पुत्र योगेंद्र सिंह की हत्या हुई थी, जिसमें शिव कुमार व मामेंद्र समेत चार लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ था। इन दिनों दोनों भाई जमानत पर थे। उदयवीर के अनुसार इसके चलते ही योगेंद्र ने मोनू के साथ हत्याकांड को अंजाम दिया है। विपिन हत्याकांड के बाद से ही उदयवीर गांव छोड़कर हामिदपुर में रह रहे थे। देर रात तक पोस्टमार्टम कराने की कार्रवाई चल रही थी। इधर घटना की जानकारी मिलने पर एसएसपी अजय साहनी टप्‍पल व जट़टारी गए और घटना की पूरी जानकारी अधीनस्‍तों से ली।

दोनों भाई आपराधिक पृष्ठभूमि के थे
एसपी देहात मणिलाल पाटीदार का कहना है कि रंजिशन हत्याकांड को अंजाम दिया गया है। दोनों को गोली मारी गई है। पोस्टमार्टम से और साफ हो सकेगा। दोनों भाई आपराधिक पृष्ठभूमि के थे। उन पर कई मुकदमे भी दर्ज हैं। मोनू व अन्य की तलाश की जा रही है।

चिता से टीका कर खाई थी खून  का बदला खून से लेने की कसम
अलीगढ़ के टप्पल क्षेत्र में हामिदपुर के शिव कुमार उर्फ शिवजी व मामेंद्र की हत्या ऐसे ही नहीं हो गई, बड़े प्लानिंग से हुई है। जट्टारी के मोनू उर्फ मोंटी ने दोनों को दोस्ती के जाल में ऐसा फंसाया कि वे निकल नहीं सके। दो साल पहले हुई विपिन की हत्या की रंजिश अहम वजह बताई जा रही है। शिवजी के पिता उदयवीर का साफ कहना है कि विपिन के मामा जीतू व नीटू ने चिता की राख से तिलक कर कसम खाई थी कि खून का बदला खून से लेंगे। बेटों को मारने के लिए उन्होंने जट्टारी के मोंटी को साथ लिया। मोंटी का हमारे घर आना जाना था। वो ही दोनों को घर से ले गया था।

दोनों भाई साथ गए थे जेल
पिसावा क्षेत्र के गांव राऊपुर निवासी योगेंद्र सिंह के इकलौते पुत्र विपिन की 22 नवंबर 2016 को गोली मारकर हत्या की गई थी। एक लाख रुपये भी लूट लिए थे। हत्या की रिपोर्ट शिव कुमार, मामेंद्र समेत चार लोगों के खिलाफ दर्ज हुई थी। पुलिस जांच में मुख्य आरोपी शिव कुमार पाया, गोली मारने का आरोप उस पर ही लगा। दोनों भाई इस हत्याकांड में जेल भी गए। इसके बाद से दोनों ओर से रंजिश चली आ रही थी। शिव कुमार के पिता उदयवीर ने बताया कि गुलावठी (बुलंदशहर) के भटौना निवासी जीतू और नीटू ने विपिन की चिता से राख लेकर माथे पर तिलक लगाकर खून का बदला खून से लेने की कसम खाई थी। इसके बाद से दोनों भाई सचेत भी रहते थे। मैैं गांव से परिवार समेत छह साल पहले ही मकान व खेत बेचकर हामिदपुर आ गया था। विपिन की हत्या बाद में हुई।

डेढ़ माह पहले मोंटी के शिकंजे से बच निकला था शिवजी
मोंटी व शिवजी का डेढ़ माह पहले झगड़ा हुआ था। मोंटी ने शिवजी की घेराबंदी भी की, लेकिन शिवजी बचकर भाग निकला। उदयवीर के अनुसार शिव कुमार ने जट्टारी पुलिस चौकी पहुंचकर जान बचाई थी। इसके बाद दोनों के बीच कोई विवाद तो नहीं हुआ, लेकिन वह चार दिसंबर को यह कहकर शिव कुमार को लेने आया था कि जट्टारी होटल पर चल रहे हैं। शिव कुमार को अकेला भेजने की बजाय मामेंद्र भी उसके साथ चला गया। मोंटी रिश्ते में गांव का भांजा है, इस लिए उस पर विश्वास किया गया। उसने ही दगा दे दी।

शव हुआ क्षत-विक्षत
टप्पल इंस्पेक्टर संजय पांडेय ने बताया कि मामेंद्र का शव काफी क्षत विक्षत था। चेहरा व पैर बाहर निकले हुए थे, जिसे कुत्ते भी नोंच गए। शिव कुमार का शव सही था। मामेंद्र के शव की पहचान उसके कपड़ों से परिजनों ने की।

परिवार पर टूटी आफत
दो भाइयों की हत्या से परिवार पर पहाड़ टूट पड़ा है। दोनों भाइयों की शादी पिसावा क्षेत्र के बसेरा निवासी रामवीर की बेटी नीलम (मामेंद्र संग) व अनीता (शिव कुमार संग) हुई थी। मामेंद्र पर पांच साल का बेटा और शिव कुमार पर तीन व पांच साल के दो बेटा हैं। दोनों की हत्या की खबर से परिवार में कोहराम मच गया।

जट्टारी से भागा मोंटी, कई मामले हैं दर्ज
डबल हत्याकांड का मुख्य सूत्रधार मोंटी अपने घर से परिवार सहित गायब है। उस पर भी टप्पल थाने में जट्टारी में एक युवक की हत्या समेत कई मामले दर्ज हैं। शनिवार को पुलिस उसके घर पर गई तो ताला लटका मिला। वहीं पीडि़त परिवार पुलिस की कार्रवाई से संतुष्ट नहीं है। दोनों भाइयों के गायब होने की सूचना पुलिस को पांच दिसंबर को दोपहर बाद दी गई थी, लेकिन पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज नहीं की। परिजनों की मानें तो दूसरे दिन थाने फिर गए। तब पुलिस ने तहरीर ली, रिपोर्ट दर्ज फिर नहीं लिखी। सात दिसंबर को दूसरी तहरीर लिखवाई और तारीख भी उसी दिन की दर्ज कराई। इसके बाद रिपोर्ट दर्ज हो सकी। पुलिस अगर मोंटी की तलाश करती तो वह पकड़ में आ भी सकता था। टप्पल कोतवाल ने बताया कि पहले गुमशुदगी की तहरीर दी थी, बाद में उन्होंने मुकदमा दर्ज कराया।

मामेंद्र व शिवजी पर पिसावा में दर्ज मुकदमे
वर्ष,  मुकदमा 
2009, 323, 504, 459 (दोनों पर)
2011, 110 जी (शिवजी)
2012, 307, 504, 324, 506 (दोनों पर)
2012, 3यूपी गुंडा एक्ट
2013, 147, 323, 336, 354,506, 427 (दोनों पर)
2015, 110 जी (मामेंद्र)
2016, 302 (दोनों पर)


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