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संपत्ति कर में यूजर चार्ज अधिनियम के खिलाफ, पार्षदों ने ये दिए तर्क Aligarh News

यूजर चार्ज को लेकर नगर निगम बोर्ड अधिवेशन में हुआ हंगामा बेवजह नहीं था। पार्षदों की बात भी अपनी जगह ठीक है। जब किसी सुविधा के मद में कोई शुल्क लिया जा रहा है तो उस व्यक्ति को वो सुविधा तो मिले।

By Sandeep SaxenaEdited By: Published: Sat, 26 Sep 2020 06:32 PM (IST)Updated: Sat, 26 Sep 2020 06:32 PM (IST)
संपत्ति कर में यूजर चार्ज अधिनियम के खिलाफ, पार्षदों ने ये दिए तर्क Aligarh News
यूजर चार्ज को लेकर नगर निगम बोर्ड अधिवेशन में हुआ हंगामा बेवजह नहीं था।

अलीगढ़ जेएनएन: यूजर चार्ज को लेकर नगर निगम बोर्ड अधिवेशन में हुआ हंगामा बेवजह नहीं था। पार्षदों की बात भी अपनी जगह ठीक है। जब किसी सुविधा के मद में कोई शुल्क लिया जा रहा है तो उस व्यक्ति को वो सुविधा तो मिले। दूसरी बात बिना सर्वे के संपत्ति का कंप्यूटराइज्ड मूल्यांकन कर यूजर चार्ज की दरें निर्धारित कर दी गईं। जबकि वहां इतनी सुविधा उठाने वाले परिवार ही नहीं हैं, जितना शुल्क वसूला जा रहा है। 

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ऐसे है अधिनियम के विरुद्ध 

पार्षद दल के नेता वीरेंद्र सिंह ने यूजर चार्ज को नगर निगम अधिनियम के विरुद्ध बताया है। उनका कहना है कि यूजर चार्ज कोई टैक्स नहीं है, प्रयोगकर्ता प्रभार है। जिसका हम प्रयोग कर रहे हैं, उसका शुल्क देना है। 2011 में यूजर चार्ज उप विधि नगर निगम ने बनाई थी, जिसमें स्पष्ट है। नगर निगम का जिस एजेंसी (एटूजेड) से करार हुआ है, वह डोर टू डोर कूड़ा उठाकर हर महीने निर्धारित शुल्क लेगी और नगर निगम में जमा कराएगी। यदि कम वसूली होती है तो नगर निगम कूड़ा कलेक्शन प्वॉइंट से कूड़ा उठाने के लिए कंपनी को दी जाने वाली फीस में से 50 फीसद काट लेगा। कंपनी ने सुविधा नहीं दी तो लोगों ने यूजर चार्ज देना बंद कर दिया। नगर निगम ने यूजर चार्ज की शत प्रतिशत वसूली के लिए इसे संपत्ति कर में शामिल कर दिया, जो अधिनियम के विरुद्ध है।

 अधिनियम के तहत संपत्ति कर में गृहकर, जलकल, ड्रेनेज कर और स्वच्छता कर लगाए गए हैं। इसके अलावा कोई कर नहीं है। संपत्ति कर में यूजर चार्ज शामिल करने के सुझाव मांगे तो पार्षद दिनेश गुप्ता ने कह दिया कि ठीक रहेगा। इसे ही प्रस्ताव मानकर निगम ने पारित कर दिया। ये कोई प्रस्ताव नहीं था। शुरुआत में तो बिल नहीं दिए गए। मई-जून में बिल आए तब संपत्ति कर में यूजर चार्ज शामिल होने का पता चला। कंप्यूटर संपत्ति का मूल्यांकन फीड है, इसी के आधार पर यूजर चार्ज की दरें निर्धारित कर दीं। कंपनी घर-घर से कूड़ा उठाए और हर महीने पैसे ले। इसमें क्या गलत है। 

कर निर्धारण करना नगर निगम का प्रशासनिक मामला है। नियमानुसार ही कार्रवाई की जाएगी। डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन को प्रभावी किया जा रहा है। 

अरुण कुमार गुप्ता, प्रभारी नगर आयुक्त 


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