जहरीली शराब से मौतों के बाद लाशें उठने लगी तब कार्रवाई आई याद Aligarh news
जिले में शराब का अवैध कारोबार अचानक शुरू नहीं हुआ। मिलावटी और जहरीली शराब काफी समय से बिक रही है। इसकी जानकारी संबंधी विभाग को भी है लेकिन अब जहरीली शराब से हुई मौतों के बाद विभाग जागा है। जिले में ताबड़तोड़ छापेमारी की जा रही है।
अलीगढ़, जेएनएन । जिले में शराब का अवैध कारोबार अचानक शुरू नहीं हुआ। मिलावटी और जहरीली शराब काफी समय से बिक रही है। इसकी जानकारी संबंधी विभाग को भी है, लेकिन अब जहरीली शराब से हुई मौतों के बाद विभाग जागा है। जिले में ताबड़तोड़ छापेमारी की जा रही है। पुलिस-प्रशासन और आबकारी विभाग की टीमें पूरे जिले में दो दिनों से देशी शराब की दुकानें छान रहे हैं। गुड इविनंग समेत कई ब्रांड की शराब के दो दर्जन से अधिक सेंपल लिए गए हैैं, जिनकी जांच हरदुआगंज स्थित वेब डिस्टलरी व आगरा लैब में होगी। वहां से करीब 15 दिनों में जांच रिपोर्ट आने की संभावना है, उसके बाद विभाग कार्रवाई करेगा।
सुबह छह बजे ही निकली टीम
छापामार कार्रवाई के लिए शनिवार को सुबह छह बजे से ही टीमें निकल पड़ीं। करसुआ, अंडला, छेरत, रायट, कौरह रुस्तमपुर आदि गांवों में महिलाएं और परिजनों की चीखें कान को भेद रही हैं। वो चीख-चीख कर कह रहे हैं कि जब लाशें उठने लगी तब कार्रवाई की याद आ रही है, इससे पहले मिन्नतें करते रहे मगर पुलिस और आबकारी विभाग के अधिकारियों ने एक न सुनी। खैर तहसील क्षेत्र में तो गली-मुहल्ले की परचून की दुकानों पर भी शराब मिल जाती है। शराबियों के कारण गांवों में बहन-बेटियों का निकलना मुश्किल हो जाता है। लोग पुलिस से अक्सर शिकायत करते रहते हैं। मगर, चर्चा है कि पुलिस मिली हुई है। करसुआ, अंडला, छेरत और रायट आदि गांवों में महिलाएं चीख-चीख कह रही थीं कि पुलिस कार्रवाई नहीं करती है। अब लाशें उठ रही हैं तो अब दौड़-भागकर क्या करोगे? कोल विधायक अनिल पाराशर ने भी आरोप लगाया था कि प्रशासन, पुलिस और आबकारी विभाग के अधिकारी कार्रवाई नहीं करते हैं। होली से पहले उनसे कहा भी गया था, मगर कोई कार्रवाई नहीं की। यदि नकली शराब के खिलाफ कार्रवाई होती तो आज इतनी मौतें न होतीं।
सन्नाटे में पसरा आबकारी विभाग
जिला आबकारी अधिकारी धीरज शर्मा समेत पांच को निलंबित किए जाने से पुलिस लाइन के निकट आबकारी विभाग शनिवार को सन्नाटे में पसरा रहा। कुछ कर्मचारी थे जो कंप्यूटर पर काम कर रहे थे। बाकी आबकारी निरीक्षक और सिपाही सभी छापेमार कार्रवाई के लिए निकले हुए थे। उप आयुक्त आबकारी ओपी सिंह को कमिश्नर गौरव दयाल ने बुला लिया था। इसलिए कार्यालय में सन्नाटा पसरा पड़ा था।