अचल सरोवर: मछलियाें व कछुए पर भारी पड़ रही आस्था, जानें विस्तार से
अचल सरोवर में मना करने के बावजूद लोग आटा बिस्किट मेदा की गोलियां आदि डाल रहे हैं जिससे पानी दूषित हो रहा है। इससे मछलिया मर रही हें और कछुए भी मर रहे हैं। अचल सरोवर को स्मार्ट सिटी के तहत विकसित किया जा रहा है।
अलीगढ़, जागरण संवाददाता। आस्था के प्रतीक अचल सरोवर में पल रहीं मछलियाें पर लोगों की आस्था ही भारी पड़ रही है। पुण्य कमाने के चक्कर में लोग मछलियां चुगाने के लिए तालाब में कुछ भी डाल आते हैं। आटा, बिस्किट, मेदा की गोलियां आदि डालने से पानी दूषित हो रहा है। इससे अब तक काफी संख्या में मछलियां मर चुकी हैं। पानी दूषित होने से कछुए भी पानी से बाहर निकल आते हैं। सरोवर के सुंदरीकरण का कार्य करा रहे राजकीय निर्माण निगम के अफसर पानी दूषित होने की वजह तालाब में लोगों का डाला गया चारा बता रहे हैं। इनका कहना है कि लोग पानी में जो चारा डाल जाते हैं, वह मछलियों के लिए नुकसानदायक है।
ऐसे हो रहा पानी काला
शहर के प्राचीन अचल सरोवर का सुंदरीकरण स्मार्ट सिटी के महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट में शामिल है। 25 करोड़ रुपये के इस प्रोजेक्ट में सुंदरीकरण का कार्य राजकीय निर्माण निगम करा रहा है। सरोवर में हजारों मछलियां पल रही थीं, इनमें 400-500 ही बची हैं। सुंदरीकरण के लिए पानी सुखा दिया गया था। मछलियों के लिए एक हिस्से में छोटा तालाब बनाया गया। लेकिन, कुछ समय बाद इसका पानी काला पड़ने लगा। कई मछलियां मर गईं। महीनेभर पहले ही दूसरे हिस्से में तालाब बनाकर मछलियाें को इसमें डाल दिया गया। मछलियों के मरने का सिलसिला फिर शुरू हो गया है। पिछले कुछ दिनों में मरी हुई मछलियां तालाब के किनारे नजर आ रही हैं। इससे लोगों में आक्रोश है। राजकीय निर्माण निगम के प्रोजेक्ट मैनेजर हरीओम शर्मा का कहना है कि आटा, मेदा, बिस्किट आदि डालने से पानी काला पड़ जाता है, जिससे मछलियां मरती हैं। पहले जो तालाब बनाया गया था, उसमें भी लोग आटा डालते थे।
नहीं मान रहे लोग
लोगों को समझाया गया, लेकिन नहीं माने। तब नया तालाब बनाकर इसमें मछलियां छोड़ी गईं। लेकिन लोगों ने अब इसमें भी आटा डालना शुरू कर दिया है। टोकने पर लोग अास्था का हवाला दे देते हैं। कोई सुनता ही नहीं है। प्रोजेक्ट मैनेजर ने बताया कि मछलियों के लिए दाना और दवाएं डाली जा रही हैं, जिससे वह जिंदा रह सकें। ट्यूबवेल के जरिए तालाब में हर रोज पानी छोड़ा जाता है। तालाब में मछलियों के लिए लोगों को कुछ भी डालने की जरूरत नहीं है। ये चीजें मछलियों को नुकसान पहुंचाएंगी। पानी इसी वजह से काला होता है। उन्होंने बताया कि जून तक सुंदरीकरण का कार्य पूरा कर लिया जाएगा। स्वच्छ और सुंदर सरोवर बनाया जाएगा, जिसमें पानी स्वच्छ होगा।