हथियारों की तस्करी में शामिल आरोपित मुकेश अभी भी दिल्ली पुलिस की पकड़ से दूर
बीते दिनों दिल्ली पुलिस ने अलीगढ़ में छापा मारकर रवि नाम के आरोपित को गिरफ्तार किया था लेकिन मौके से मुख्य आरोपित रवि का चाचा मुकेश फरार हो गया। बताते हैं कुछ दिन पहले ही चाचा भतीजा जेल से छूटकर आए थे। पुलिस को अभी भी मुकेश की तलाश है।
अलीगढ़, जागरण संवाददाता। हथियार तस्करी को लेकर दिल्ली पुलिस की अलीगढ़ में कार्रवाई के बाद अलीगढ़ पुलिस भी सक्रिय हो गई है। पुलिस को अब दिल्ली पुलिस के हत्थे चढ़े रवि के चाचा मुकेश की तलाश है। सूत्रों के मुताबिक, मुकेश ही हथियार तस्करी में शामिल था। लेकिन, वह रवि का इस्तेमाल करता था। हालांकि यहां किसी को कानों-कान खबर नहीं थी। मुकेश पहले भी मारपीट में जेल जा चुका है। कुछ दिन पहले ही छूटकर आया था।
दिल्ली की स्पेशल सेल ने मारा था छापा
दिल्ली की स्पेशल सेल ने कुछ दिनों पहले सासनीगेट थाना क्षेत्र के सराय मानसिंह स्थित माया चौक निवासी दुकान में छापकर निर्मित व अर्द्ध निर्मित 19 अवैध कट्टे बरामद किए थे। हथियार बनाने में प्रयुक्त सामान आदि भी मिले। मौके से पुलिस ने रवि को गिरफ्तार किया गया। जबकि उसका चाचा मुकेश भाग निकला। पूछताछ में सामने आया है कि चाचा-भतीजा कई साल से अवैध हथियार बना रहे थे और दिल्ली व आस पास के इलाकों में आपूर्ति करते थे। एक साल में करीब एक हजार कट्टे बनाए जाते थे। इधर, इलाके में मुकेश सट्टेबाजी के लिए भी जाना जाता है।
चाचा मुकेश के साथ ही काम करता था रवि
रवि भी चाचा के साथ शामिल रहता था। मई 2021 में सराय मानसिंह में वाल्मीकि व कोरी समाज के लोगों में बड़ा विवाद हुआ था। इसमें पथराव और फायरिंग भी हुई। वीडियो वायरल हुआ था, जिस आधार पर आरोपित चिह्नित किए गए थे। इस विवाद में रवि और मुकेश दोनों जेल गए थे। पुलिस ने दोनों समेत 18 लोगों को गिरफ्तार किया था। करीब तीन माह पहले ही मुकेश जेल से जमानत पर छूटकर आया है। वहीं रवि करीब दो माह पहले जेल से छूटा है। सासनीगेट थाना प्रभारी ने बताया कि मुकेश के बारे में जानकारी की जा रही है। उसकी तलाश में टीमें लगी हैं।
मुकेश के नाम से बात करता था रवि
सूत्रों के मुताबिक, दिल्ली पुलिस यहां मुकेश को पकड़ने के लिए आई थी। जब यहां आकर उसका फोन लगाया गया तो वह रवि निकला। जिसकी निशानदेही पर पुलिस यहां आई थी, उसने भी रवि को पहचान लिया। लेकिन, वह उसे मुकेश नाम से जानता था। इससे स्पष्ट है कि मुकेश अपने नाम का इस्तेमाल करवाकर रवि से बात करवाता था।