Move to Jagran APP

एक ऐसी रिपोर्ट जो सिर्फ सम्मान ही नहीं आगे बढ़ने की राह भी दिलाएगी, जानें विस्‍तार से

यह बात छात्र-छात्राओं को समझनी चाहिए। विद्यार्थियों काे वैक्सीन लगवाने की बाध्यता का पता चल गया है। भविष्य में बोर्ड परीक्षा में शामिल होने के लिए कोविड-19 वैक्सीनेशन की रिपोर्ट जरूरी होगी। इसलिए जीवन में आगे बढ़ने के लिए ये रिपोर्ट अहम होगी।

By Sandeep Kumar SaxenaEdited By: Published: Fri, 21 Jan 2022 03:51 PM (IST)Updated: Fri, 21 Jan 2022 03:51 PM (IST)
एक ऐसी रिपोर्ट जो सिर्फ सम्मान ही नहीं आगे बढ़ने की राह भी दिलाएगी, जानें विस्‍तार से
डीआइओएस ने कहा कि विद्यार्थियों की सूची तैयार करेंगे।

अलीगढ़, जागरण संवाददाता। कोरोना संक्रमण काल ने सिर्फ विषमताएं व परेशानियां ही नहीं बल्कि बेहतरी के दरवाजे खोलने वाले मौके भी दिए हैं। जीवन शैली व कार्यशैली जरूर बदली लेकिन जीवन को जीने का नया नजरिया भी इस आपदा काल में मिला है। विद्यार्थियों के लिए आनलाइन शिक्षा के रूप में कठिन समय भले ही आया हो लेकिन एक नई तकनीकी के जरिए पढ़ाई करने का जो अनुभव इस आपदा काल में मिला उसके बारे में शायद ही भारत देश में किसी ने कल्पना भी की हो। अब विद्यार्थियों के लिए कोरोना संक्रमण से बचाव में वैक्सीन को ढाल बनाने की प्रक्रिया में सम्मान भी मिलेगा और आगे बढ़ने की राह भी इससे ही खुलेगी।

loksabha election banner

यह है मामला

15 से 18 वर्ष आयु के किशोरों को वैक्सीन लगाने का काम शुरू हो चुका है। इस आयु वर्ग के ज्यादातर विद्यार्थी हाईस्कूल व इंटरमीडिएट की कक्षाओं में होते हैं। इसलिए इस आयु वर्ग के ज्यादा से ज्यादा किशोरों को वैक्सीन लगवाने में शिक्षा विभाग का भी अहम रोल सामने आ रहा है। विद्यार्थी ज्यादा से ज्यादा संख्या में वैक्सीनेशन कराएं इसके लिए प्रधानाचार्य व शिक्षक विद्यार्थियों के घरों तक संपर्क करने से भी पीछे नहीं हट रहे। इसके मद्देनजर माध्यमिक शिक्षा में शिक्षाधिकारियों ने इस ओर नया कदम भी बढ़ा दिया है। उक्त कक्षाओं के आयु वर्ग के हिसाब से पात्र विद्यार्थियों के लिए प्री-बोर्ड व वार्षिक परीक्षा से पहले वैक्सीन लगवाने की रिपोर्ट देने की व्यवस्था बनाई है। इससे अनिवार्य रूप से विद्यार्थियों काे वैक्सीन लगवाने की बाध्यता का पता चल गया है। भविष्य में बोर्ड परीक्षा में शामिल होने के लिए कोविड-19 वैक्सीनेशन की रिपोर्ट जरूरी होगी। इसलिए जीवन में आगे बढ़ने के लिए ये रिपोर्ट अहम होगी।

वैक्‍सीनेशन की रिपोर्ट जरूरी

 माध्यमिक शिक्षा परिषद उत्तरप्रदेश (यूपी बोर्ड) ही नहीं बल्कि सीबीएसई व आइसीएसई के स्कूल-कालेजों को भी इस व्यवस्था में भागीदार बनना है। जिले में यूपी बोर्ड के हाईस्कूल व इंटरमीडिएट के विद्यार्थी करीब एक लाख से ज्यादा हैं। डीआइओएस डा. धर्मेंद्र कुमार शर्मा ने कहा कि अगर सभी विद्यालय अपने संस्थान के हाईस्कूल व इंटरमीडिएट के विद्यार्थियों की सूची तैयार करेंगे तो बड़ी संख्या में 15 से 18 आयु के विद्यार्थियों का वैक्सीेनेशन हो जाएगा। सभी प्रधानाचार्यों को इस संबंध में निर्देश जारी किए जा रहे हैं कि अपने-अपने संस्थानों के ज्यादा से ज्यादा पात्र विद्यार्थियों का टीकाकरण कराएं। इसकी रिपोर्ट भी हर सप्ताह ली जाएगी। प्री-बोर्ड परीक्षा से पहले वैक्सीनेशन रिपोर्ट भी देने की अनिवार्यता की जा रही है। उक्त आयु वर्ग में किसी विद्यालय से कोई विद्यार्थी वैक्सीनेशन से दूर रहेगा तो प्रधानाचार्यों की जवाबदेही तय होगी। बताया कि कोरोना संक्रमण काल से राहत मिलने पर जब विद्यालय खोले जाएंगे और विद्यार्थियों को बुलाकर पढ़ाई कराई जाएगी तो वैक्सीन लगवाने वाले विद्यार्थियों को विद्यालय स्तर पर सम्मानित भी किया जाएगा। उनको प्रमाणपत्र भी बांटे जाएंगे। इस पहल से विद्यार्थियों में दूसरी वैक्सीन लगवाने के प्रति भी उत्साह जगेगा।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.