शराब कांड के प्रमुख आरोपित अनिल चौधरी के पिता के खिलाफ भी दर्ज हुआ था मुकदमा Aligarh news
शराब से हुई मौतों के मुख्य आरोपित अनिल चौधरी का इस कारोबार से नया नाता नहीं है। इसके पिता करण सिंह उर्फ कंछी सिंह भी इस कारोबार से जुड़े रहे हैं। 12 साल पहले इसके पिता के खिलाफ भी इगलास थाने में मुकदमा दर्ज हुआ था।
अलीगढ़, जेएनएन । शराब से हुई मौतों के मुख्य आरोपित अनिल चौधरी का इस कारोबार से नया नाता नहीं है। इसके पिता करण सिंह उर्फ कंछी सिंह भी इस कारोबार से जुड़े रहे हैं। 12 साल पहले इसके पिता के खिलाफ भी इगलास थाने में मुकदमा दर्ज हुआ था। इस केस में क्या हुआ, ये तो पुलिस भी नहीं बता पाई, लेकिन इतना साफ है कि पुलिस ने इस केस में खेल किया था। यही कारण रहा है कि सख्त कार्रवाई नहीं हो सकी।
21 जनवरी 2009 में दर्ज हुआ था मुकदमा
इगलास कोतवाली में यह मुकदमा 21 जनवरी 2009 में इंस्पेक्टर रहे लक्ष्मण राय ने दर्ज कराया था। करण सिंह व अन्य से 192 शराब की अवैध पेटी बरामद की गई थीं। गौंडा थाना क्षेत्र के धारा की गढ़ी निवासी करण सिंह के अलावा विजेंद्र सिंह निवासी तिलक गढ़ी थाना नौहझील (मथुरा), ब्रजभान निवासी कासिमपुर थाना एटा, श्रीकृष्ण निवासी अनी थाना मुरसान (हाथरस) के खिलाफ आबकारी अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज हुआ था। चर्चा ये भी है कि रसूखदारों के नाम निकालने के लिए इस केस की विवेचना भी दोबारा हुई थी। चर्चा तो ये भी है कि चार्जशीट दाखिल हुई थी, उसमें करण सिंह का नाम भी नहीं था। इसके बाद क्या कार्रवाई हुई, यह फिलहाल अफसर नहीं बता पाए। हालांकि, पुलिस अब इसकी तह में जाने में लगी हुई है। पुराने मामलों को खंगाला जा रहा है, जो अनिल चौधरी से जुड़े लोगों पर दर्ज हुए थे। अनिल चौधरी का नेटवर्क कितना बड़ा था, ये आबकारी अधिकारी भी बखूबी जानते थे। इसलिए दोस्ती भी खूब घुटती थी। सब कुछ पता होते हुए भी चाह कर भी कुछ नहीं कर पाते थे। जिले में केवल अनिल चौधरी ही नहीं और भी शराब माफिया हैं, जिनका सिक्का चलता है। इन बड़ी मछलियों पर हाथ डालने की हिम्मत कभी किसी की नहीं हुई। चेकिंग के नाम पर शराब पीने के शौकीनों को ही तस्कर बताकर वाहवाही लूटते रहे। अब गेंद पुलिस क हाथ में है। देखना यह है पुलिस इस मामले का पर्दाफाश कैसे कर पाती है। पुलिस से उन लोगों को भी उम्मीदें हैं, जिनके अपने शराब की भेंट चढ़ गए हैं।
रालोद से जुड़े हैं अनिल चौधरी
अनिल चौधरी राष्ट्रीय लोकदल से जुड़ा है। इसकी पत्नी ममता चौधरी वार्ड 26 से जिला पंचायत सदस्य चुनी गई है। ममता ने रालोद के बैनरतले ही चुनाव लड़ा था और भाजपा समर्थित प्रत्याशी को हराया। अनिल चौधरी भी रालोद में सक्रिय रहता है। पत्नी ममता जिला पंचायत अध्यक्ष के लिए दावेदार बताई जा रही थी।
फंस गया सियासी भविष्य
शराब कांड में जवां की निर्वतमान ब्लाक प्रमुख रेनू शर्मा के पति ऋषि शर्मा का नाम भी सामने आया है। इससे इसका राजनैतिक भविष्य फंस गया है। पला कस्तली से निर्विरोध बीडीसी सदस्य चुना गया ऋषि शर्मा जवां से ब्लाक प्रमुख की दावेदारी कर रहा था। इसके परिवार से तीन लोगों के नाम सामने आए हैं। इनमें भाई मुनीश शर्मा व पत्नी ममता शर्मा का भी नाम मुकदमे में लिखा गया है। ऋषि शर्मा के परिवार के खिलाफ शराब के मामले में यह कोई नया मुकदमा नहीं है। पहले भी विभिन्न थानों में मुकदमे भी दर्ज हैं। पहले यह बसपा में था, अब कुछ दिनों से भाजपा में सक्रिय है।