डेढ़ माह में बना दिए 800 बेड के कोविड हास्पिटल Aligarh news
कोरोना की दूसरी लहर के बीच यह सप्ताह भले ही सुकून से गुजरा है लेकिन पूर्व के हालात ने सरकारी तंत्र को सवालों के घेरे में खड़़ा दिया। मरीजों को न बेड मिले और न आक्सीजन-वेंटीलेटर। इलाज के अभाव में सांसों की टूट गई।
अलीगढ़, जेएनएन । कोरोना की दूसरी लहर के बीच यह सप्ताह भले ही सुकून से गुजरा है, लेकिन पूर्व के हालात ने सरकारी तंत्र को सवालों के घेरे में खड़़ा दिया। मरीजों को न बेड मिले और न आक्सीजन-वेंटीलेटर। इलाज के अभाव में सांसों की टूट गई। आपदा अचानक आई या तंत्र ने उदासीनता और लापरवाही बरती, अब यह बहस का समय नहीं हैं, क्योंकि आपदा के चरमकाल में सरकारी अमला बेहद तेजी से हरकत में आया, इससे हालात तो काबू में हुए ही। संसाधन भी बढ़ गए और तैयारियां भी। एक अप्रैल को जहां जनपद में सिर्फ चार सौ कोविड बेड थे, 18 मई तक उनकी संख्या बढ़कर 1200 से अधिक पहुंच गई। वर्तमान में आक्सीजन की उपलब्धता पर्याप्त है। संक्रमण दर घटने व रिकवरी रेट में वृद्धि से कोविड अस्पतालों में बेड के लिए मारामारी नहीं है। कोरोना के खिलाफ एक बार फिर से जंग जीतने के कगार पर पहुंच चुके हैं, लेकिन समय निश्चंत होने का नहीं है। इस समय जरूरत है कि हमनें 45 दिनों में जो हासिल किया है, उसे सहेजे रखें। तैयारियों को और पुख्ता रखें, ताकि संभावित तीसरी लहर में हालात से निपटने के लिए फिर से वही जद्दोजहद न करनी पड़ी। इन्हीं तैयारियां पर पेश है एक रिपोर्ट।
संसाधनों ने पकड़ी रफ्तार
कोरोना संक्रमण ने जब अप्रैल में रफ्तार पकड़ी तो स्वास्थ्य विभाग के पास संसाधनों के नाम पर केवल 300 बेड का दीनदयाल कोविड अस्पताल ही थी। इसमें 100 आक्सीजन बेड व 30 वेंटीलेटर बेड थे। 40-50 आक्सीजन सिलेंडर की बामुश्किल खपत थी। जिले में 400-450 आक्सीजन सिलेंडर उपलब्ध थे, जिन्हें बाहर तक सप्लाई किया जा रहा था। वर्तमान में 1500 तक सिलेंडर की उपलब्धता है। अचानक मरीज बढ़े तो संसाधन बढ़ाए गए। 100-100 बेड के अतरौली व छेरत में लेवल-1 के हास्पिटल फिर बनाए गए। अतरौली में 45 लीटर प्रतिमिनट की क्षमता वाला आक्सीजन कंसंट्रेटर लग चुका है। दीनदयाल में बेड क्षमता 364 करीब पहुंच गई है। 175 आक्सीजन बेड हैं। आक्सीजन कंसंट्रेटर की संख्या 35 से बढ़कर 61 पहुंच गई है। 61 वेंटीलेटर कार्यशील हैं। आउटसोर्सिंग से डाक्टर व पैरामेडिकल स्टाफ की नियुक्ति की गई है। जिला अस्पताल में भी 40 बेड का कोविड केयर सेंटर संचालित हो गया है।
ऐसे बढ़े अस्पताल और बेड
एक अप्रैल तक 18 मई तक
कोविड अस्पताल, 02 कोविड अस्पताल, 14
एल-वन बेड, 00 एल-वन बेड, 540
एल-टू बेड, 400 एल-टू बेड, 632
आक्सीजन बेड, 150 अक्सीजन बेड, 374
वेंटीलेटर बेड, 60 वेंटीलेटर बेड, 120
कुल बेड, 400 कुल बेड, 1172
मरीजों की जांच
2200-2500
(एक अप्रैल तक प्रतिदिन)
3000-5500
(एक अप्रैल के बाद प्रतिदिन
कोविड अस्पताल
नाम, बेड संख्या
दीनदयाल, 362
मेडिकल कालेज, 100
जिला अस्पताल, 100
अतरौली, 160
छेरत, 135
मंगलायतन, 100
खैर सीएचसी, 22
चंडौस सीएचसी, 25
जीवन ज्योति, 45
शेखर सर्राफ, 15
वरुण, 24
मिथराज, 30
एसजेडी, 40
वकार, 34
आक्सीजन में होगी आत्मनिर्भरता
दीनदयाल अस्पताल में एक 570 लीटर प्रतिमिनट की क्षमता का आक्सीजन प्लांट (राज्य अापदा निधि), एक आक्सीजन प्लांट पीएम केयर फंड व एक पेटीएम फाउंडेशन की अोर से प्रस्तावित। उक्त प्लांटों के लगने से अस्पताल की बाहरी प्लांटों पर आक्सीजन की निर्भरता खत्म हो जाएगी। अतरौली में 45 लीटर प्रतिमिनट की क्षमता वाला आक्सीजन कंसंट्रेटर लग चुका है। जिला अस्पताल में भी 570 लीटर प्रतिमिनट की क्षमता वाला आक्सीजन जनरेटर लग रहा है। एक आक्सीजन प्लांट शुगर केन इंडस्ट्रीज की अोर से लगाया जाना प्रस्तावित है। 150 सिलेंडर मंडलायुक्त द्वारा और खरीदे जा रहे हैं। ऐसे में आने वाले समय में आक्सीजन व सिलेंडर पर्याप्त संख्या में होंगे।
बनेंगे पीडियाट्रिक आइसीयू
मेडिकल कालेज, 100 बेड
दीनदयाल अस्पताल, 50 बेड
संक्रमण की स्थिति
एक अप्रैल से सत्रह अप्रैल तक कुल संक्रमित, 8250
एक अप्रैल तक कुल संक्रमित मरीज, 11,600
एक मई तक कुल संक्रमित मरीज, 12, 011
सत्रह मई तक कुल संक्रमित मरीज, 17, 478
इनका कहना है
कोरोना की दूसरी लहर में शुरुआती समस्या हुई, मगर सरकार व स्थानीय प्रशासन के सहयोग से संसाधनों का विस्तार हुआ। इससे हम भविष्य की चुनौतियों से निपटने में भी सक्षण हो गए हैं। खासतौर से आक्सीजन की समस्या नहीं रहेगी।
- डा. बीपीएस कल्याणी, सीएमओ।