बीटेक में 5537 व बीआर्क में 1732 अनुपस्थित रहे
एएमयू की बीटेक-बीआर्क की प्रवेश परीक्षा रविवार को हुई।
जागरण संवाददाता, अलीगढ़ : एएमयू की बीटेक-बीआर्क की प्रवेश परीक्षा रविवार को एएमयू सहित 39 सेंटरों पर हुई। एएमयू में मौजूदा हालात का असर परीक्षा में दिखाई दिया। बीटेक की प्रवेश परीक्षा में 21809 में 5537 अनुपस्थित रहे और 16272 ने परीक्षा दी, वहीं बीआर्क में 3284 में 1732 अनुपस्थित रहे, जबकि 1552 ने परीक्षा दी।
यहां के अलावा लखनऊ, पटना, श्रीनगर, कोलकाता, कोझीकोड और भोपाल में परीक्षा केंद्र बनाए गए थे। शांतिपूर्वक परीक्षा कराने में प्रशासन ने भी सहयोग दिया। कैंपस में मौजूदा हालातों को लेकर अभ्यर्थियों की भीड़ कम रही। उदाहरण के तौर पर एएमयू गर्ल्स स्कूल सेंटर पर 1048 में 308 व सिटी हाईस्कूल में 526 में 180, एबीके हाईस्कूल गर्ल्स में 377 में 139 व ब्वॉयज पर 448 में 152 गैर हाजिर रहे।
कुलपति प्रो. तारिक मंसूर ने कंट्रोलर मुजीबुल्लाह जुबैरी व प्रॉक्टर प्रो. मोहसिन खान के साथ परीक्षा केंद्रों का निरीक्षण किया। परीक्षा केंद्रों पर कई वरिष्ठ शिक्षकों को पर्यवक्षक बनाया गया था। बीटेक की प्रवेश परीक्षा सुबह 10 बजे से दोपहर एक बजे व बीआर्क की प्रवेश परीक्षा दोपहर तीन बजे से शाम छह बजे तक हुई। सहायता के लिए शिविर लगाए : रेलवे स्टेशन व अन्य स्थानों पर छात्रों व अभिभावकों की सहायता के लिए एनएसएस के स्वयंसेवकों द्वारा सहायतार्थ शिविर लगाए गए। जहां विभिन्न क्षेत्रों से आए छात्र व छात्राओं को उनके सेंटर के बारे में जानकारी दी गई। शिविर में एनएसएस कार्यक्रम समन्वयक प्रो. एम मसरूर आलम उपस्थित थे। छात्रों, गैर शिक्षक कर्मियों व टेक्निकल स्टाफ एसोसिएशन के कर्मचारियों की च्वाइंट एक्शन कमेटी और अन्य स्वयंसेवी संस्थाओं द्वारा सहायतार्थ शिविर लगाए गए। मैथ और फिजिक्स ने उलझाया
एएमयू के सेंटरों पर हुई बीटेक की प्रवेश परीक्षा में मैथ व फिजिक्स के पेपरों में परीक्षार्थियों को काफी माथापच्ची करनी पड़ी। परीक्षार्थी बोले
मैथ के सवाल सॉल्व करने में दिक्कत आई थी।
सुभांगी फिजिक्स के सवालों को सॉल्व करने में अधिक समय लगा।
राखी मैथ और फिजिक्स के सवालों को हल करने में समय लगा।
शाकिब, सिविल लाइन
अभिभावक बोले
सुना है एएमयू में अच्छी और सस्ती पढ़ाई होती है।
हरेश कुमार, सादाबाद इंजीनिय¨रग कॉलेज विख्यात है। इसलिए टेस्ट दिलाने आए हैं।
तसव्वुर अंसारी, आजमगढ़ माहौल के साथ पढ़ाई भी अच्छी होती है।
लक्ष्मण प्रसाद, मथुरा