जीएलए पॉलीटेक्निक के 50 छात्रों को आपदा में रोजगार के अवसर Aligarh news
मैकेनिकल इलैक्ट्रीकल कंप्यूटर साइंस व इलैक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग के करीब 50 से अधिक छात्रों को जेबीएम व वीवीडीएन सहित अन्य कंपनियों में प्लेसमेंट दिलाए हैं।
अलीगढ़, [जेएनएन]। जीएलए विश्वविद्यालय के पॉलीटेक्निक संस्थान ने छात्रों को कोरोना महामारी में रोजगार के अवसर देने के प्रयास किए हैं। मैकेनिकल, इलैक्ट्रीकल, कंप्यूटर साइंस व इलैक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग के करीब 50 से अधिक छात्रों को जेबीएम व वीवीडीएन सहित अन्य कंपनियों में प्लेसमेंट दिलाए । डिप्लोमा इंजीनियरिंग के लगभग 50 छात्र-छात्राओं को जेबीएम व वीवीडीएन के अहमदाबाद, मानेसर, नासिक, गुड़गांव व कोसी स्थित प्लान्टों में प्लेसमेंट मिला। मैकेनिकल संकाय के भगत सिंह, विष्णु कुमार, उदय सिंह व अन्य छात्रों को लॉकडाउन के दौरान ही जेबीएम कंपनी में प्लेसमेंट मिला। सिविल इंजीनियरिंग विभाग के सौरभ कुंतल, शिखा अग्रवाल को बीजीएसबी कॉन्क्रीट सोल्यूशन में, पवन प्रताप सिंह व तरूण पुंढीर को स्ट्राटा जिओसिस्टम में प्लेसमेंट मिला है। कंप्यूटर साइंस संकाय के राधिका श्रीनिवासन, सौरभ गौतम को कैपजेमिनी में व पुनीत यादव और अजय यादव को अदान टैक्नोलोजी में रोजगार मिला है। चयनित छात्र-छात्राओं ने बताया कि पॉलीटेक्निक संस्थान की अत्याधुनिक लैब, वर्कशॉप व फैकल्टी उच्चस्तरीय हैं। यहां विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास में कोई कमी देखने को नहीं मिलेगी। पॉलीटैक्निक संस्थान के शैक्षणिक प्राचार्य डॉ. विकास कुमार शर्मा व प्रशासनिक प्राचार्य डॉ. दिवाकर भारद्वाज ने चयनित छात्र-छात्राओं को बधाई दी।
छात्राओं के प्रवेश में हो रही अनदेखी
अलीगढ़ के टीकाराम कन्या इंटर कॉलेज में बुधवार को छात्राएं विभिन्न कक्षाओं में प्रवेश लेने के लिए आईं। छात्राओं को प्रवेश फार्म पाने के लिए लंबी लाइनों में इंतजार करना पड़ा। हैरानी की बात यह है कि जिन छात्राओं ने कक्षा 10 में अच्छे अंक लाकर विद्यालय का रोशन किया, उन्हीें छात्राओं के नाम प्रवेश सूची में नहीं थे। जबकि उनसे कम अंकों से उत्तीर्ण हुई छात्राओं के नाम विज्ञान व कला वर्ग की सूची में देखे गये। इस प्रक्रिया के चलते जहां होनहार छात्राएं अपने को ठगा से महसूस कर रही थी। विद्यालय की प्रधानाचार्य डॉ. इंदू सिंह ने शिक्षिका मंजरी को आफिस गेट पर लगाकर अभिभावकों को प्रधानाचार्य से न मिलने की व्यवस्था सोंप रखी थी। अभिभावक व छात्राएं दोपहर हुई वारिश के कारण प्रधानाचार्य से बिना मिले और फार्म लिये बिना ही मायूस से लौटते देखे गये।