अलीगढ़ में सालभर में 2337 छापे, 13 मुकदमे, 54 लाइसेंस निरस्त, नतीजा सिफर Aligarh news
ऐसा नहीं कि सरकारी महकमे सुस्त पड़े हैं। अनियमितताओं पर कार्रवाई होती हैं हो भी रही हैं। अब जिला पूर्ति विभाग को लें। सालभर में राशन की 2337 दुकानों पर छापे मारे। अनियमितता मिलने पर 13 के खिलाफ रिपोर्ट भी दर्ज करा दी।
अलीगढ़ , जेएनएन । ऐसा नहीं कि सरकारी महकमे सुस्त पड़े हैं। अनियमितताओं पर कार्रवाई होती हैं, हो भी रही हैं। लेकिन, जो परिणाम आने चाहिए, वे नहीं आ पा रहे। अब जिला पूर्ति विभाग को लें। सालभर में राशन की 2337 दुकानों पर छापे मारे। अनियमितता मिलने पर 13 के खिलाफ रिपोर्ट भी दर्ज करा दी। 26 दुकानों का अनुबंध पत्र निलंबित किया गया, 54 का निरस्त कर दिया। जुर्माना भी काफी वसूला गया। लेकिन, अनयमितताओं की शिकायतें अब भी मिल रही हैं। कहीं घटतौली की शिकायत तो कहीं राशन की कालाबाजारी के आरोप। विभागीय अधिकारी जांच का हवाला दे देते हैं।
आरटीआई के तहत मांगी गयी जानकारी
जिला पूर्ति विभाग से आरटीआइ के तहत सालभर में हुई कार्रवाई के संबंध में जानकारी ली गई थी। प्रिंस नगर के केशवदेव ने पूछा कि जनवरी 2020 से 22 फरवरी 2021 तक राशन की किन दुकानों के खिलाफ क्या-क्या कार्रवाई हुई। आवेदक ने बताया कि निर्धारित समय पर जवाब नहीं मिला तो प्रथम अपील की गई। 24 मार्च को पत्र जारी किया गया, जो तीन जून को प्राप्त हुआ था। विभाग ने छापामारी, मुकदमे, लाइसेंस निरस्तीकरण और निलंबन के आंकड़े बता दिए। ये भी बताया कि सालभर में 42,2500 रुपये जुर्माना भी वसूला है। लेकिन, कार्रवाई किन राशन डीलरों के खिलाफ की गई, ये जानकारी नहीं दी। आवेदक का कहना है कि जिन दुकानों के खिलाफ कार्रवाई हुई है, वे दुकानें अब भी संचालित हैं। लाइसेंस निरस्तीकरण और निलंबन होने के बाद ये दुकानें किस आधार पर चल रही हैं? जो सूचनाएं उपलब्ध कराई गईं, उसने राशन डीलरों की जानकारी क्यों नहीं दी गई? इन सवालों को लेकर राज्य सूचना आयोग में अपील की जाएगी।