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बौना चोर के किले में होगा सैर-सपाटा

By Edited By: Published: Sun, 07 Sep 2014 01:48 AM (IST)Updated: Sun, 07 Sep 2014 01:48 AM (IST)

संतोष शर्मा, अलीगढ़

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18वीं सदी में अंग्रेजों की हुकूमत की धुरी रहा बौना चोर का किला (अलीगढ़ किला) वैश्विक नक्शे में फिर पहचान बनाने जा रहा है। इस ऐतिहासिक किले को एएमयू प्रशासन एक पिकनिक स्पॉट बनाने जा रहा है। किले के चारो ओर विशाल खाई में पानी भरा जाएगा। खाली पड़ी जगह में पार्क बनाया जाएगा। किले की खाई में एएमयू कैंपस के सीवरेज वाटर को ट्रीट करके भरा जाएगा। इसके लिए ट्रीटमेंट प्लांट भी लगाया जा रहा है। यहां के पानी में मछलियां भी पाली जाएंगी।

विदेशी तकनीक पर फिदा

यूरोपीय संघ की मदद से एएमयू में सेफगार्डिग वाटर रिसोर्सेस इन इंडिया विद ग्रीन एंड सस्टेनेबल टेक्नोलॉजी (स्विंग्स) नाम से शोध संयंत्र बनाया जा रहा है। इससे रोजाना तीन से पांच लाख लीटर सीवरेज वाटर शुद्ध किया जा सकेगा। यह प्लांट बगैर बिजली के चलेगा। इससे प्रभावित होकर एएमयू एक और संयंत्र भी बनाने जा रहा है। इससे रोजाना 60 लाख लीटर सीवरेज वाटर को शुद्ध किया जा सकेगा। यह पानी एएमयू से निकलता है, जो अभी बरौला बाईपास स्थित ट्रीटमेंट प्लांट में शुद्धिकरण के लिए भेजा जाता है। वहीं पर एक नया संयत्र लगाया जाएगा। इसमें छह-सात करोड़ रुपये खर्च होंगे। प्लांट में टाइफा (आस्ट्रेलिया व न्यूजीलैंड की घास), फ्रैगमाइटिस (आस्ट्रेलियाई घास) आदि प्रजातियों के पौधे रोपे जाएंगे। यही पौधे पानी की गंदगी शुद्ध करेंगे। इस प्लांट के बहाने किले का उद्धार होगा।

पालेंगे मछलियां

एएमयू के ट्रीटमेंट प्लांट से शुद्ध होकर निकले पानी का इस्तेमाल अलीगढ़ किला की खाई को भरने में होगा। इस पानी में मछलियां पाली जाएंगी। पहले यहां मौका विहार का भी प्लान था, लेकिन फिलहाल इसे टाल दिया गया है। किले के चारो ओर बागवानी होगी, पार्क भी विकसित किया जाएगा। इससे लोग यहां सैर-सपाटा कर सकेंगे।

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किले का इतिहास

1524-25 में इब्राहिम लोधी के कार्यकाल में किले की नींव रखी गई थी। यूरोपीय स्थापत्य कला में गढ़ने के लिए 1759 में किले का पुनर्निर्माण माधव राव सिंधिया के जमाने में हुआ। उन्होंने इसकी जिम्मेदारी फ्रेंच कमांडेंट काउंट बेनोइट और कुलीयर पेरोन को दी। फ्रेंच इंजीनियरों की भी मदद ली गई। किले की कमान मीर सादत अली के हाथों में थी। चार सितंबर 1803 में ब्रिटिश जनरल लेक ने आक्रमण करके किले पर कब्जा कर लिया। युद्ध में मारे गए ब्रिटिश अफसरों के नाम यहां के शिलालेख में आज भी दर्ज हैं। कालांतर में अलीगढ़ किला 'बौना चोर का किला' हो गया। एएमयू की देखरेख में होने के कारण अब इसे एएमयू किला भी कहने लगे हैं।

इनका कहना है

नंवबर के बाद काम शुरू कर देंगे। पहले किले की खाई में तीन-चार सौ मीटर तक पानी भरेंगे। खाई में दरार नहीं हुई तो जलभराव के क्षेत्र को बढ़ाते चलेंगे। इस पानी में मछली पालने की योजना है।

- प्रो. नदीम खलील, सिविल इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट, एएमयू।

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18वीं सदी में अंग्रेजों ने ऐतिहासिक किले पर इसलिए आक्रमण किया था, ताकि इस पर कब्जा करके आसपास के इलाकों पर नजर रख सकें। वे सफल भी रहे। अब यहां सुंदरीकरण से किले की शान में इजाफा होगा।

- प्रो. अली अथर, इतिहासकार, एएमयू।


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