100 लीटर छिड़का कीटनाशक फिर भी नहीं मरे मच्छर Hathras news
मौसम में बदलाव आ जाने के बाद मलेरिया और डेंगू का प्रकाेप जिले में बढ़ रहा है। लेकिन इस बार मलेरिया विभाग पहले जहां कोरोना से परेशान था तो अब सिस्टम ने उसे बीमार कर दिया है। मच्छरों को देखते हुए पांच एमटी डीडीटी शासन से आनी थी।
हाथरस, जेएनएन : मौसम में बदलाव आ जाने के बाद मलेरिया और डेंगू का प्रकाेप जिले में बढ़ रहा है। लेकिन इस बार मलेरिया विभाग पहले जहां कोरोना से परेशान था तो अब सिस्टम ने उसे बीमार कर दिया है। मच्छरों को देखते हुए पांच एमटी डीडीटी शासन से आनी थी। जिसकी डिमांड भी भेज दी गई। लेकिन इस बार डीडीटी की सुविधा नहीं मिल पा रही। तो वहीं खानापूर्ति के लिए जिले के विभिन्न गांवों में सौ लीटर से अधिक कीटनाशक का छिड़काव करा दिया गया। लेकिन मलेरिया का प्रकोप निरंतर बना हुआ है।
वायरल फीवर का प्रकोप
जिले में वायरल फीवर का प्रकोप निरंतर बना हुआ है। लेकिन इस बार कोरोना वायरस के संक्रमण और सिस्टम की लापरवाही की वजह से मलेरिया का प्रकोप बढ़ गया है। जिले के हसायन और सिकंदरााराऊ ब्लॉक हाई रिस्क है। इन दोनों ही ब्लॉकों में मलेरिया का प्रकोप रोकने के लिए डीडीटी का छिडकाव होता है। लेकिन इस बार शासन स्तर से डीडीटी उपलब्ध नहीं कराई गई। जबकि स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने साढ़े पांच एमटी डीडीटी के लिए डिमांड भेजी थी। वर्ष 2019-20 में 33104 लोगों का मलेरिया टेस्ट हुआ था। जिसमें से 117 लोग पॉजिटिव निकले थे। लेकिन इस साल सिर्फ 9422 लोगों की स्लाइड बनाई गई,जिसमें 06 लोग पॉजिटिव निकले। जिसमें अक्टूबर माह में 1894 लोगों की स्लाइड बनाई गई।
पूरे माह चला अभियान
संचारी रोग नियंत्रण अभियान के तहत एक से 31 अक्टूबर तक अभियान पूरे जिले में चला। 474 ग्राम पंचायत से जुड़े गांवों में मलेरिया विभाग द्वारा एंट्री लार्वा दवाई (टेमोफास) का छिड़काव कराया गया। करीब सौ लीटर दवाई का छिड़काव हुआ,लेकिन इसके बाद भी मच्छर नहीं मरें। लगातार मलेरिया का प्रकोप बना हुआ है। जिस वजह से झोलाछाप चिकित्सक चांदी काट रहे हैं।
इनकी सुनो
मलेरिया संक्रमण से निपटने के लिए इस साल प्रयास किए गए। डीडीटी के लिए शासन को डिमांड भेजी गई। लेकिन वो प्राप्त नहीं हो सकी। संचारी रोग नियंत्रण अभियान के तहत सौ लीटर एट्री लार्वर कीटनाशक का छिड़काव कराया गया।
एम के जौहरी,मलेरिया अधिकारी,हाथरस।