गए थे देश सेवा का जज्बा लेकर, मौत खींच ले गई सागर की लहरों तक Agra News
ओडिशा के पुरी में हुआ हादसा खेरागढ़ से चार युवक गए थे भर्ती रैली में। समुद्र तट पर मस्ती के दौरान हो गया बड़ा हादसा। गांव में कोहराम।
आगरा, जेएनएन। शायद इसे ही होनी कहते हैं। देश सेवा का जज्बा मन में लेकर ओडिशा में हो रही सेना भर्ती रैली में भाग लेने गए युवा हादसे का शिकार हो गए। दो युवकों की वहां समुद्र में डूबने से मौत हो गई। लहरें उन्हें गहरे सागर में खींच ले गईं। दोनों के शव बरामद हो गए हैं। इस हादसे की खबर के बाद गांव में कोहराम मच गया है।
आगरा के खेरागढ़ कस्बा थाना क्षेत्र के चीत व सोन गॉव के नवयुवक देशभक्ति का जज्बा लिए घर से हजारों किलोमीटर दूर भुवनेश्वर के पुरी शहर में सेना की खुली भर्ती के माध्यम से सेना में भर्ती होने 12 अक्टूबर को गए थे। इनमें रविन्द्र उर्फ अनिल सिकरवार निवासी सोन, आशु, सुनील, विजयपाल पुत्र साहब सिंह थे। शारीरिक परीक्षा के बाद वे मंगलवार शाम मौज मस्ती में पहुच गए समुद्र किनारे पहुंच गए। चारो दोस्त समुद्र में नहाने लगे। इस दौरान खूब तस्वीरें भी खींची। आशु व सुनील नहाने के बाद बाहर आ गए, जब उन्होंने पीछे मुड़कर देखा तो रविन्द्र व विजयपाल दिखाई नही दिए। दोनों ने समुद्र तट पर जोर से शोर मचाया, आसपास मौजूद लोगों ने भी दोनों को खोजने का प्रयास किया लेकिन सफलता नही मिली ।
आशु व सुनील ने पुलिस को दी सूचना
काफी प्रयास के बाद जब रविन्द्र और विजयपाल का पता नहीं चला तो आशु और सुनील ने घटना की सूचना पुलिस को दी। लेकिन तब तक देर हो चुकी थी। उसके बाद दोनों मित्रोंं ने बड़ी हिम्मत जुटाकर परिवारीजनों को हादसे की सूचना दी। आशु व सुनील ने फोन पर ग्रामीणों को बताया कि मौके पर गोताखोर नही थे, यदि समय पर मदद मिल जाती तो ये हादसा नही होता।
सलेक्शन में उम्र आ गई आड़े
ग्रामीणों ने बताया कि रविन्द्र बहुत ही होनहार था। भर्ती प्रक्रिया में भी अव्वल रहा लेकिन उम्र कम होने कारण भर्ती प्रक्रिया से बाहर हो गया। रविन्द्र तीन भाइयों में सबसे छोटा था। बड़े भाई वीरेंद्र सेना में कार्यरत हैंं। जबकि एक भाई घर का काम संभालते है ।
क्षेत्र में दौड़ गई शोक की लहर
रविन्द्र व विजयपाल की मौत की खबर क्षेत्र आग की तरह फैल गई। जिसेे भी हादसे की जानकारी हुई मायूस हो गया। दोनों युवाओं के परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। विजयपाल के पिता ब्लॉक क्षेत्र में सफाई कर्मचारी हैंं। उन्हें अपने बेटे से बहुत उम्मीद थी, विजयपाल अपने चार भाइयोंं में सबसे बड़ा था ।