नयति अस्पताल पर यस बैंक का कब्जा, 218 करोड़ का है कर्जदार
गुरुग्राम में अस्पताल निर्माण को यस बैंक से लिया था ऋण। चुकाने थे 218 करोड़ आगरा-मथुरा के अस्पताल थे बंधक। किस्त नियमित न होने पर बैंक ने नोटिस जारी किया पर कर्ज का भुगतान नहीं हुआ। विधिक रूप से बैंक ने अस्पताल पर कब्जा कर लिया है।
आगरा, जागरण संवाददाता। आगरा और मथुरा स्थित नयति अस्पतालों पर यश बैंक ने कब्जा कर लिया। बैंक ने 218.27 करोड़ के कर्ज की अदायगी न करने पर ये कार्रवाई की है। दोनों अस्पतालों में चिकित्सकीय सेवाएं लंबे समय से बंद हैं। इन अस्पतालों का संचालन मैसर्स नयति हेल्थकेयर एंड रिसर्च एनसीआर प्राइवेट लिमिटेड कंपनी कर रही थी। इसकी डायरेक्टर नीरा राडिया हैं।
यस बैंक नोएडा के प्रबंधक अजीत गोदरा की ओर से दोनों अस्पताल पर इस कार्रवाई के नोटिस चस्पा कर दिए गए हैं। बैंक ने अपना कार्मिक भी तैनात कर दिया है। नोटिस में स्पष्ट किया गया है कि गुरुग्राम में अस्पताल निर्माण के लिए मैसर्स नयति हेल्थकेयर एंड रिसर्च एनसीआर प्राइवेट लिमिटेड कंपनी ने 312 करोड़ का कर्ज लिया था। कंपनी ने इसके लिए गुरुग्राम के सेक्टर-58 डीएलएफ सिटी स्थित अपने कार्यालय की जमीन, आगरा और मथुरा स्थित नयति सुपर मल्टीस्पेशलिटी अस्पताल बंधक रखे थे। छह सितंबर 2021 तक मय ब्याज 218.27 करोड़ रुपये बकाया हैं। किस्त नियमित न होने पर बैंक ने नोटिस जारी किया पर कर्ज का भुगतान नहीं हुआ। विधिक रूप से बैंक ने अस्पताल पर कब्जा कर लिया है।
पहले से विवादों के घेरे में
नयति अस्पताल एक साल से विवादों के घेरे में है। 15 अगस्त 2021 को मथुरा के थाना हाईवे में सुरेश चंद पुंडीर निवासी सराय आजमाबाद की ओर से धारा 306 में अस्पताल के प्रशासनिक अधिकारी सागर डुडेजा और सुनील जैकब के खिलाफ मुकदमा दर्ज है। आरोप है कि उनका बेटा संतोष कुमार 20 हजार रुपये मासिक वेतन पर अस्पताल में कर्मचारी था। उसका वेतन का 1.60 लाख रुपया बकाया थ। वेतन न मिलने पर संतोष ने आत्महत्या कर ली।
दिल्ली पुलिस भी कर रही जांच
नयति हेल्थकेयर एंड रिसर्च एनसीआर प्राइवेट लिमिटेड कंपनी से जुड़े राजीव शर्मा की तहरीर पर दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने नीरा राडिया और चार अन्य के खिलाफ कर्ज धोखाधड़ी मामले में मुकदमा अपराध संख्या 175/2020 चार नवंबर 2020 को दर्ज किया। इस मामले की विवेचना कर रहे दिल्ली पुलिस के एसीपी रमेश कुमार ने बताया कि इस कंपनी ने यस बैंक से 312 करोड़ रुपये की कर्ज राशि प्राप्त करने के बाद, 208 करोड़ रुपये की राशि अहलूवालिया कंस्ट्रक्शन के खाते में ट्रांसफर कर दी। यह खाता राहुल सिंह यादव का था। जिसे कर्ज राशि को डायवर्ट करने के उद्देश्य से खोला गया था। जांच में पता चला कि 208 करोड़ रुपये के हस्तांतरण यतीश वहाल और एस के नरूला द्वारा अधिकृत किया गया था, जो कंपनी के खाते के अधिकृत हस्ताक्षरकर्ता थे। हेराफेरी में आरोपियों के संलिप्तता पाए जाने के बाद पुलिस ने 14 अक्तूबर 2021 को तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। नीरा राडिया को नोटिस जारी किया गया। यस बैंक से कर्ज गुरुग्राम में अस्पताल निर्माण के लिए लिया गया था।