कुदरत का गजब करिश्मा, यमुना की कलकल में यहां बसी है ऊँ की गूंज
फीरोजाबाद और आगरा के सीमावर्ती इलाकों में अनूठा आकार लेती है युमना। जैन और हिंदूू धर्म का आस्था का केंद्र है यह स्थान। गूगल अर्थ पर देखी जा सकता है अनूठा आकार।
गांव हरिहा और बटेश्वर के बीच गूगल अर्थ पर दिखती है दुर्लभ तस्वीर
हिंंदू और जैन धर्म से जुड़े कई मंदिर हैं यहां, है एतिहासिक महत्व भी
राजीव शर्मा, फीरोजाबाद: बटेश्वर में यमुना की धारा का विपरीत प्रवाह(उत्तर वाहिनी) एक चमत्कार तो है ही, गूगल अर्थ पर यही लोकेशन यमुना की अलौकिक आकृति नजर आ रही है। ऊँ की प्रतिकृति के रूप में प्रवाहित हो रही यमुना की कल-कल मानो यहां पर ऊँ का उच्चारण कर रही हो। इस दायरे में बह रही यमुना के किनारे हिंदू और जैन धर्म के कई केंद्र स्थापित हैं।
अभी तक लोगों को यही पता था कि आगरा के बटेश्वर तक आकर यमुना उल्टी दिशा (उत्तर वाहिनी) में प्रवाहित होने लगती है। लेकिन गूगल अर्थ से सर्च करने पर यही उल्टा प्रवाह फीरोजाबाद और आगरा के सीमावर्ती इलाकों में ऊँ की आकृति बनाती है। यह आकृति शिकोहाबाद ब्लॉक के गांव हरिहा से शुरू होकर यमुना की धारा के घेराव से यहीं पर समाप्त हो जाती है। इस बीच यमुना आगरा के भरतार और बटेश्वर होते हुए आती है। इसके आगे इटावा की तरफ जाते हुए यमुना ऊँ की आकृति बनाती है।
रंजीत का पुरा के दोनों तरफ है यमुना
ऊँ की दुर्लभ आकृति बनने के कारण यमुना हरिहा ग्राम पंचायत क्षेत्र में शामिल रंजीत का पुरा गांव को घेरे हुए है। पहले यह आगरा से आते हुए रंजीत का पुरा के किनारे से बहते हुए बिधौली भरतार, बटेश्वर और शौरीपुर होते हुए फिर रंजीत का पुरा के दूसरी तरफ से निकलती है।
दूर-दूर तक नहीं है ऐसी आकृति
यह अपने आप में दुर्लभ चित्रण है। यमुना ओम शब्द के 'ऊँ की आकृति बनाती हुई बहती है। हमने गूगल पर कई सौ किलोमीटर दूर तक यमुना की स्थिति देखी, लेकिन अन्य कहीं ऐसा देखने में नहीं आया।
प्रभात मिश्रा
सहायक निदेशक बचत एवं बीडीओ फीरोजाबाद