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उमरा के बाद भटकी घर की राह, जानिए जन्‍नत की जिंदगी कैसे बची दोजख बनने से

रुनकता की जन्‍नत बानो सऊदी अरब में उमरा करने गई थीं। भिखारी महिलाओं के चंगुल में फंसी। केरल की संस्‍था ने की मदद। परिजनों के साथ पहुंची रुनकता।

By Prateek GuptaEdited By: Published: Fri, 01 Mar 2019 05:44 PM (IST)Updated: Fri, 01 Mar 2019 05:44 PM (IST)
उमरा के बाद भटकी घर की राह, जानिए जन्‍नत की जिंदगी कैसे बची दोजख बनने से
उमरा के बाद भटकी घर की राह, जानिए जन्‍नत की जिंदगी कैसे बची दोजख बनने से

आगरा, जेएनएन। उमरा करने सऊदी अरब गई आगरा की बुजुर्ग महिला को वहां बंधक बना भीख मंगवाई गई। मदीना पुलिस ने भिखारियों के गिरोह को दबोच लिया, जेल में वृद्धा के फिंगर प्रिंट न मिलने पर इसका राज खुला, तब उसने आपबीती सुनाई। पासपोर्ट मिलने पर पुलिस ने उसे एयरपोर्ट से दिल्ली रवाना कर दिया। वहां से वृद्धा एक महिला के साथ केरल पहुंच गई। केरल की संस्था के प्रयास से वह गुरुवार को आगरा पहुंची।

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आगरा के रुनकता निवासी 62 वर्षीय हाजी सेंबर, 60 वर्षीय पत्नी जन्नत बानो के साथ 22 दिसंबर, 2018 को सऊदी अरब उमरा करने गई थी। आठ दिन मक्का में गुजारने के बाद 30 दिसंबर, 2018 को दंपती मदीना पहुंचे। दो जनवरी को उनके पति सेंबर चार बजे असर की नमाज पढऩे निकले थे, दस मिनट बाद ही जन्नत गायब हो गईं। सेंबर ने बहुत तलाश की पर वह नहीं मिली। छह जनवरी की फ्लाइट होने के कारण सेंबर आगरा आ गए। उनका बेटा जमील मां को ढूंढने सऊदी अरब गया, लेकिन कोई सुराग नहीं लगा।

जन्नत ने बताया कि वह रास्ता भटक मदीना शहर के बंगाली मार्केट पहुंच गई। वहां उसे कुछ भिखारिन महिलाओं ने पकड़ लिया, उसके कपड़े बदलकर भीख मंगवाई। कुछ दिन बाद पूरे गिरोह को पुलिस ने पकड़कर जेल भेज दिया। जेल में जन्नत के फिंगर प्रिंट न मिलने पर पुलिस ने पूछताछ की। पासपोर्ट मिलने पर एयरपोर्ट से दिल्ली के रवाना कर दिया। एक महिला के साथ जन्नत दिल्ली से केरल पहुंच गई। केरल की एक संस्था ने 19 दिन बाद पासपोर्ट के आधार पर रुनकता के जनसेवा केंद्र पर संपर्क कर फोटो भेज दिए। इस पर गुरुवार रात दो बजे जन्नत का बेटा जमील उसका साला शमशेर और जन्नत की बेटी रेशमा उसे केरल से घर लेकर पहुंचे।

पासोपोर्ट के आधार पर छाना जनसेवा केंद्र

जनसेवा केंद्र के मोनू ने बताया कि उसका मोबाइल नंबर नेट पर शो होता है। जन्नत के आधार कार्ड की लोकेशन के हिसाब से जनसेवा केंद्र सर्च किया। उस पर उपलब्ध नंबर पर संस्था ने कॉल कर जन्नत की जानकारी दी।  

केरल के आश्रम में तीन साल से अपनों की राह देख रही है आगरा की शहनाज 

आगरा की एक महिला तीन वर्षों से केरल के आश्रम में अपनों की राह देख रही है। वह यह नहीं बता पा रही कि केरल कैसेट पहुंची। आश्रम के लोगों के अनुसार महिला केरल के एक रेलवे स्‍टेशन नी मिली थी। केरल के इस आश्रम में सऊदी अरब में उमरा करने गईं जन्‍नत बानो के परिजन उन्‍हें लेने पहुंचे थे। यहां उन्‍हें पता चला कि आगरा की एक और महिला यहां है। जन्‍नत की बेटी रेशमा ने उस महिला से बात की। उक्‍त महिला ने अपना नाम शहनाज बेगम उम्र 45 वर्ष पति बाबुददीन अली निवासी ताजगंज, आगरा बताया। उसने अपना मायका कटी घाटी, बड़ा चौक, रामाजी का पुरा जिन्‍नत वाली मस्जिद के पास ग्‍वालियर बताया। रेशमा के अनुसार महिला ने जानकारी दी कि उसके एक बेटा बबलू उम्र 15 वर्ष और एक बेटी सितारा है। बेटी की शादी हो चुकी है। वह केरल के रेलवे स्‍टेशन पर भटकती हुई मिली थी। वह यहां तक कैसेट पहुंची इसकी उसे जानकारी नहीं है।


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