भाई ने स्विच आफ कर लिया मोबाइल, घर वापसी के लिए इंतजार कर रही बहन, पढ़ें पूरा मामला
ससुराल दमोह से जिद करके मायके ओडिशा माता-पिता से मिलने आई थी विवाहिता। बड़े भाई से पटरी नहीं खाने पर घर से निकाल दिया। पति के पास लौटते में स्टेशन पर छूट गई ट्रेन। आशा ज्योति केंद्र की काउंसलर कर रही मदद।
आगरा, जागरण संवाददाता। ससुराल से माता-पिता से मिलने गई बहन को उसके भाई ने घर से निकाल दिया। वह पति के पास इंदौर जाने के लिए ट्रेन में बैठी। दो दिन पहले आगरा कैंट रेलवे स्टेशन पर उतर गई। ट्रेन छूटने के बाद उसे भटकता देख जीआरपी ने आशा ज्योति केंद्र भेज दिया। कांउसिलिंग के बाद उसके भाई का मोबाइल नंबर हासिल किया, फोन करने पर उसने अपना मोबाइल बंद कर लिया।
मामला मध्य प्रदेश के दमोह जिले की रहने वाली विवाहिता का है। उसकी शादी पांच वर्ष पहले हुई थी। पति इंदौर में एक फैक्ट्री में मजदूरी करता है। पत्नी दमोह में सास-ससुर के पास रहती है। महिला ने करीब एक महीने पहले सास-ससुर से मायके जाने की इच्छा जताई। इसके बाद अकेले ही वह ससुराल चली आई। मायके में बड़े भाई से महिला का विवाद हो गया। उसे घर से निकाल दिया। विवाहिता अपनी ससुराल लौट रही थी। दो दिन पहले वह ट्रेन के कैंट रेलवे स्टेशन पर रुकने के बाद पानी लेने उससे उतरी थी। इस बीच ट्रेन चली गई तो वह उसे घूमता देख जीआरपी ने शुक्रवार की शाम को आशा ज्योति केंद्र भेज दिया।
महिला की भाषा अलग होने के चलते उसकी काउंसिलिंग में दिक्कत आई। मगर, महिला से किसी तरह उसके भाई और पति का मोबाइल नंबर ले लिया। काउंसलर ने भाई से महिला को ले जाने के बारे में बातचीत की। भाई ने कुछ देर बाद में बात करने की कहा। इसके बाद अपना मोबाइल स्विच आफ कर लिया। इसके बाद काउंसलर ने उसके पति से संपर्क किया। पति का कहना था कि वह फैक्ट्री में कांट्रैक्ट पर है। तीन महीने तक नहीं आ सकता है। उसने काउंसलर को पसोपेश में डाल दिया है। अब महिला को उसके घर पहुंचाने के लिए पुलिस की मदद लेने का फैसला किया है।