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बिना किट के मापा जा रहा पानी का पीएच

पानी का रंग देखकर अंदाजे से ही डाल दी जाती है क्लोरीन , 700 से अधिक ब'चे रोज करते हैं तैराकी

By JagranEdited By: Published: Sat, 23 Jun 2018 10:50 AM (IST)Updated: Sat, 23 Jun 2018 10:50 AM (IST)
बिना किट के मापा जा रहा पानी का पीएच
बिना किट के मापा जा रहा पानी का पीएच

आगरा(कुलदीप सिंह): स्विमिंग पूल में पानी का पीएच स्तर मापने के लिए एकलव्य स्पो‌र्ट्स स्टेडियम में किट ही नहीं है। यहां पानी का रंग देखकर ही पीएच का आकलन कर लिया जा है। पानी का रंग पीला होने के बाद अंदाज से क्लोरीन और कई बार फिटकरी मिलाकर पानी की सफाई कर दी जाती है। पानी की पीएच स्तर मापे बिना इस तरह का प्रयोग कभी भी खिलाड़ियों को गंभीर बीमारी की चपेट में ला सकता है।

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वेदा लाइफ रिसर्च के निदेशक डॉ प्रणव प्रकाश ने बताया कि पानी में पीएच का स्तर चैक करने के बाद ही पूल में डाली जाने वाली क्लोरीन की मात्रा तय की जाती है। क्लोरीन से बैक्टीरिया पूरी तरह खत्म नहीं होते हैं। क्लोरीन की अधिक मात्रा बच्चों और संवदेनशील लोगों के स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव डालती है।

7-8 तक होना चाहिए पानी का पीएच

स्विमिंग पूल के पानी का पीएच 7 से 8 के बीच होना चाहिए। इससे कम होने पर पानी अम्लीय हो जाता है। पीएच को स्थिर करने के लिए पानी में क्लोरीन डाली जाती है।

प्रति मिनट पैदा होते हैं बैक्टीरिया:

बच्चे 10 ग्राम तक यूरीन पूल में ले आते हैं। यानी अगर किसी स्विमिंग पूल में 1000 बच्चे जाते हैं तो वे लगभग 10,000 ग्राम यूरीन पानी में छोड़ेंगे। इससे लगातार पानी में बैक्टीरिया फैलते हैं। तैराकों को अपने स्तर पर सतर्क रहना चाहिए। एक टेस्टिंग किट लेकर पूल के पानी मे क्लोरीन का स्तर मापा जा सकता है। बहुत ज्यादा ज‌र्म्स होने पर पानी में क्लोरीन की मात्रा कम हो जाती है। क्लोरीन से तुरंत नहीं मरते ज‌र्म्स:

डॉ. प्रणव प्रकाश के मुताबिक ज्यादातर लोगों का ऐसा मानना है कि स्विमिंग पूल के पानी में क्लोरीन डालने से पूल में मौजूद ज‌र्म्स तुरंत मर जाते हैं। लेकिन यह सच्चाई नहीं है। ज्यादातर रोगाणु, क्लोरीन के प्रति सहनशील होते हैं और उनका खात्मा करने में क्लोरीन को कई दिनों का वक्त लग सकता है। स्वास्थ्य मानकों के अनुसार क्लोरीन का स्तर 1.0 से 3.0 पीपीएम (पार्ट्स पर मिलियन) होना चाहिए।

पूल में जाने से पहले क्या करें:

स्विमिंग पूल का पानी आपको बीमार न करे इसलिए कुछ जरूरी बातों का ध्यान रखें। स्विमिंग पूल में जाने से पहले शावर लेना न भूलें। अगर हाल ही में आपको डायरिया हो चुका है तो स्विमिंग पूल में जाने से परहेज करें।

स्विमिंग में हुए हैं 726 रजिस्ट्रेशन:

एकलव्य स्पो‌र्ट्स स्टेडियम में स्विमिंग सीखने के लिए अब तक 726 रजिस्ट्रेशन हो चुके हैं। -स्विमिंग पूल के पानी से महिलाओं को संक्रमण

स्विमिंग पूल के पानी से महिलाओं में जननांगों के संक्रमण की समस्या काफी पाई जाती है। स्विमिंग पूल में नहाने वाली महिलाओं में जननांग संक्रमण की बीमारी अपेक्षाकृत अधिक पाई जाती है। -स्विमिंग पूल के पानी में सफाई का विशेष ध्यान रखना पड़ता है। पानी में बैक्टीरिया फैलने से स्किन टीवी और एलर्जी की समस्या हो सकती है। पानी की लगातार जांच करनी चाहिए।

डॉ. यतेन्द्र चाहर, चर्म रोग विभागाध्यक्ष, एसएन मेडिकल कॉलेज -पानी का पीएच मापने की किट मौजूद नहीं है। स्विमिंग पूल की नियमित सफाई की जाती है। जल्द किट की व्यवस्था की जाएगी।

राजेश कुमार सिंह, क्षेत्रीय क्रीड़ा अधिकारी


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