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KBC 13: आंखों में रोशनी नहीं, फिर हिमानी ने एक करोड़ जीतने लायक ज्ञान बटोरा कैसे, ये भी कम दिलचस्‍प नहीं

आडियो बुक्स और टाकिंग सोफ्टवेयर से हुआ आगरा की हिमानी बुंदेला की जिंदगी में ज्ञान का उजाला। केबीसी-13 की पहली करोड़पति बनी हैं हिमानी बुंदेला। 30-31 अगस्त को होगा एपिसोड का प्रसारण। केबीसी-13 तक के सफर की उनकी दास्तां किसी फिल्मी कहानी से कम नहीं है।

By Prateek GuptaEdited By: Published: Sun, 29 Aug 2021 10:34 AM (IST)Updated: Sun, 29 Aug 2021 10:34 AM (IST)
KBC 13: आंखों में रोशनी नहीं, फिर हिमानी ने एक करोड़ जीतने लायक ज्ञान बटोरा कैसे, ये भी कम दिलचस्‍प नहीं
कौन बनेगा करोड़पति में बिग बी के साथ हिमानी बुंदेला।

आगरा, निर्लोष कुमार। केबीसी-13 की पहली करोड़पति बनीं ताजनगरी की बेटी हिमानी बुंदेला ने शहर का मान तो बढ़ाया ही है, अपने जैसे असंख्य दिव्यांगों को भी उम्मीद की किरण दिखाई है। केबीसी-13 तक के सफर की उनकी दास्तां किसी फिल्मी कहानी से कम नहीं है। एक दुर्घटना में आंखों की रोशनी गंवाने वाली हिमानी का हौसला माता-पिता और भाई-बहनों ने बढ़ाया। वहीं, उनकी जिंदगी में ज्ञान का उजाला आडियो बुक्स और टाकिंग सोफ्टवेयर से हुआ।

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तााजनगरी की हिमानी बुंदेला (25) के अमिताभ बच्चन के साथ हाट सीट पर बैठकर केबीसी खेलने के एपिसोड का प्रसारण 30 व 31 अगस्त को होगा। शनिवार को गुरु गोविंद नगर राजपुर चुंगी स्थित अपने निवास पर वो मीडिया से रूबरू हुईं। केबीसी से जुड़े सवालों को तो उन्होंने सस्पेंस का हवाला देते हुए टाल दिया, लेकिन अपने संघर्ष और सफलता की सीढ़ियां चढ़ने के सफर पर उन्होंने बात की। एक दुर्घटना में आंखों की रोशनी गंवाने वाली हिमानी ने बताया कि वो डाक्टर बनना चाहती थीं, लेकिन आंखों की रोशनी खोने के बाद उनकी जिंदगी में अंधेरा छा गया था। तब उनके माता-पिता और भाई-बहनों ने उन्हें हिम्मत दी। छोटी बहन पूजा और छोटा भाई रोहित उनको किताबें पढ़कर सुनाया करते थे। मां हमेशा कहती थीं कि अगर तुमसे नहीं होगा, तो किससे होगा। उन्होंने आडियो बुक्स और टाकिंग सोफ्टवेयर की सहायता से पढ़ाई की। डा. शकुंतला मिश्रा नेशनल रिहेबिलिटेशन यूनिवर्सिटी, लखनऊ में प्रवेश के बाद वहां मिले माहौल से उनमें आत्मविश्वास जगा। बीएड करने के बाद वर्ष 2017 में केंद्रीय विद्यालय नंबर एक में गणित शिक्षक के पद पर नियुक्ति पाई। आज भी सुबह उठने के बाद यूट्यूब पर वो सामान्य ज्ञान से संबंधित शो सुनती हैं। हिमानी, दृष्टि दिव्यांग आइएएस प्रांजल प्राटिल को अपना आदर्श मानती हैं। केबीसी में अमिताभ बच्चन के सामने हाट सीट पर बैठने के सवाल पर उन्होंने बताया कि उन्होंने यही सोचा था कि उनके पास खोने को कुछ नहीं है। यहां से वो जीतकर जाएंगी या फिर कुछ सीखकर। इसी सोच ने उन्हें सफल बनाया। प्रेसवार्ता में हिमानी के पिता विजय बुंदेला, मां सरोज बुंदेला, बहन पूजा बुंदेला और भाई रोहित बुंदेला साथ रहे।

दिव्यांगों के लिए खोलना चाहती हैं कोचिंग

हिमानी ने बताया कि वो दिव्यांगों के लिए पूरे देश में जागरूकता अभियान चलाने के साथ, उनके लिए कोचिंग सेंटर खोलना चाहती हैं। इसमें विजुअली, हिअरिंग और फिजिकली इंपेयर्ड लोगों को साइन लैंग्वेज का प्रशिक्षण देकर सशक्त बनाने की उनकी इच्छा है। केंद्रीय विद्यालय में भी वो सामान्य छात्रों को साइन लैंग्वेज सिखाती हैं।

जीवन का हर सपना हुआ साकार

अमिताभ बच्चन से मुलाकात के सवाल पर हिमानी ने बताया कि उन्होंने बचपन से अमिताभ बच्चन के साथ केबीसी की हाट सीट पर बैठने का सपना देखा था जो पूरा हो गया। शायराना अंदाज में उन्होंने कहा कि आज जीवन का हर सपना पूरा हो गया। सदी के महानायक का दीदार हो गया।

तीन दिन में बन गईं सेलिब्रिटी

केबीसी-13 का प्रोमो लांच होने के बाद हिमानी तीन दिन में सेलिब्रिटी बन चुकी हैं। उनके मित्र, स्टूडेंट्स और उनके अभिभावक समेत सभी उन्हें शुभकामनाएं देने के साथ फोटो व सेल्फी की ख्वाहिश जता रहे हैं।


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