बड़ा सवाल, मासूम की मौत का जिम्मेदार कौन?
नाले को खुला छोड़ने वाले ठेकेदार व अफसर पर क्या होगी कार्रवाई स्वजन उठा रहे सवाल अधिकारियों से शिकायत भी करेंगे
आगरा, जागरण संवाददाता। स्वजन बारिश में उफने नाले में गिरने से बालिका की मौत का जिम्मेदार ठेकेदार व संबंधित अफसर को ठहरा रहे हैं। ठेकेदार व अफसर कौन हैं, यह अभी तक पता नहीं चला है। स्वजन वरिष्ठ अधिकारियों से इसकी शिकायत करने की बात कह रहे हैं।
बालिका के पिता वकील ने बेटी की मौत के लिए सिस्टम को जिम्मेदार ठहराया है। उनका कहना है कि घर के सामने पहले नाला ढका हुआ था। 15 दिन पहले पाइप लाइन डाले जाने के दौरान ठेकेदार ने नाला खोल दिया। आश्वासन दिया था कि एक-दो दिन में ढक देंगे। इसके बाद अब तक नहीं लौटे। अगर नाला ढक दिया जाता था शबनम की जान नहीं जाती। वकील का कहना है कि उन्हें यह नहीं पता कि ठेकेदार किस विभाग या अफसर के अधीन काम कर रहे थे। पुलिस को भी इसकी जानकारी दी है। ठेकेदार व अफसर के बारे में जानकारी करने के बाद मामले की शिकायत वरिष्ठ अधिकारियों से करेंगे। क्षेत्र के लोग सवाल कर रहे हैं कि मासूम की मौत के जिम्मेदार कौन हैं, इसकी जांच होनी चाहिए।
आगरा स्मार्ट सिटी प्रा. लि. के मुख्य कार्यकारी अधिकारी निखिल टीकाराम से इस बाबत बातचीत हुई तो उन्हें ठेकेदार व संबंधित अफसर का नाम नही पता। इतना जरूर है कि बुधवार को नगर निगम और स्मार्ट सिटी की टीम मौके पर विभिन्न बिन्दुओं पर जांच करेगी। जांच के बाद ही तय होगा कि ठेकेदार दोषी है या नहीं। वैसे क्षेत्रीय लोगों के कहने पर ही नाला के उस हिस्से को बंद नहीं किया गया था।
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गरीब है परिवार
वकील के दो बेटे और दो बेटी थीं। सबसे बड़ी बेटी छह वर्षीय शबनम थी। उससे छोटा बेटा हसन है, दो वर्षीय बेटे के साथ ही एक 15 दिन की बेटी है। वह किराए पर गोबर चौकी में रहता है। मजदूरी करके परिवार का खर्च उठाता है।
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किसी काम न आया बारिश का अलर्ट
पिछले दिनों बारिश को लेकर शासन ने अलर्ट जारी किया था। प्रशासनिक अधिकारियों ने इसको लेकर दिशा निर्देश दिए थे। इसके बाद भी लापरवाही बरती गई, जिससे मासूम बालिका की जान चली गई।
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पहले भी नाले और सीवर के मैनहोल में गई बच्चों की जान
-7 जून 2018 को सदर के शहीद नगर बैंक कालोनी निवासी राजवीर त्यागी का चार वर्षीय बेटा नमन की नाले में गिरने से मौत हो गई थी।
- सात वर्ष पहले रकाबगंज के टीला नंदराम में मां के साथ जा रहा 12 वर्ष का बेटा नाले में बह गया। उसे बचाने के चक्कर में मां भी नाले में गिर गई। स्थानीय लोगों ने मां को बचा लिया। जबकि बेटे की नाले में डूबने से मौत हो गई।
- तीन वर्ष पहले ताजगंज क्षेत्र में एक होटल के सामने खुले पड़े सीवर के मैनहोल में गिरने से बच्चे की मौत हो गई थी। इस मामले में ताजगंज थाने में मुकदमा भी दर्ज हुआ था। मगर, किसी सरकारी विभाग की लापरवाही सामने नहीं आई। एक होटल संचालक को जिम्मेदार मानते हुए कार्रवाई कर दी गई।
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यहां तो हर गली और रोड में घूमती है मौत
- सौ वार्डों में हैं 331 नाले, 21 बड़े और 15 भूमिगत
- 25 हजार हैं मैनहोल, 15 से 25 फीसद हैं खुले
जासं, आगरा : आगरा स्मार्ट सिटी का नाला हो या फिर मंटोला और खतैना नाला। कई जगहों पर इन नालों की दीवार टूट गई हैं। कुछ यही हाल शास्त्रीपुरम नाले की दीवार का भी है। दीवारों का निर्माण नहीं हुआ है और न ही जरूरत के हिसाब से नालों को ढका गया है। खासकर आबादी वाले क्षेत्र में इस बात का ध्यान नहीं रखा गया है। नगर निगम के सौ वार्डों में 331 नाले हैं। इसमें 21 बड़े और 15 भूमिगत हैं। मैनहोल की संख्या 25 हजार है। 15 से 25 फीसद मैनहोल खुले पड़े हैं। पार्षद मनोज सोनी का कहना है कि आबादी वाले क्षेत्र में नालों के कुछ हिस्से को ढका जाना चाहिए। जिन नालों की दीवार टूट गई हैं, उनका निर्माण किया जाना चाहिए। पार्षद जरीना बेगम का कहना है कि नालों की दीवार के निर्माण का मुद्दा नगर निगम के सदन में भी उठाया जा चुका है।