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Tajmahal Ticket: ताजमहल के टिकट बुक करते समय पर्यटक को बताना होगा अब नाम

लपकों द्वारा की जा रही टिकटों की बुकिंग पर रोक लगाने को होगा बदलाव। कैपिंग बढ़ाने या टिकट पर पर्यटकों का नाम अंकित करने के दिए सुझाव। स्मारकों में केवल आनलाइन टिकट बुकिंग हो रही है। इस स्थिति में टिकट पर पर्यटक का नाम आसानी से अंकित हो सकता है।

By Prateek GuptaEdited By: Published: Sat, 21 Nov 2020 11:56 AM (IST)Updated: Sat, 21 Nov 2020 11:56 AM (IST)
Tajmahal Ticket: ताजमहल के टिकट बुक करते समय पर्यटक को बताना होगा अब नाम
ताजमहल के टिकट पर अब पर्यटक का नाम भी प्रिंट होगा।

आगरा, जागरण संवाददाता। ताजमहल के टिकट बुक करते समय पर्यटक को अपना नाम बताना होगा। लपकों द्वारा की जा रही टिकटों की बुकिंग पर रोक लगाने को यह बदलाव होगा। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण द्वारा ताजमहल पर कैपिंग बढ़ाने या पर्यटकों का नाम अंकित करने का सुझाव मुख्यालय को दिया है। इस पर शीघ्र निर्णय हो सकता है। दोनों ही स्थितियों में लपकों द्वारा की जा रही टिकटों की अवैध बिक्री पर राेक लग सकेगी और पर्यटकों को ताजमहल देखे बगैर नहीं लौटना पड़ेगा।

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कोरोना काल में 21 सितंबर को 188 दिनों की बंदी के बाद ताजमहल खोला गया था। एक दिन में ताजमहल की अधिकतम पांच हजार टिकट (सुबह व दोपहर के स्लाट में 2500-2500 टिकटें) ही बुक हो सकती हैं। 15 से 18 सितंबर तक प्रतिदिन ताजमहल से दोपहर के स्लाट के टिकट बुक होने के चलते टिकट नहीं बुक हो पाने पर पर्यटकों को लौटना पड़ा। चारों दिन दोपहर के स्लाट की टिकटें तो सभी बुक हुईं, लेकिन पर्यटक पूरे नहीं आए। गुरुवार को जब विश्व धरोहर सप्ताह के पहले दिन ताजमहल में टिकट लागू नहीं था, तब 4996 वयस्क पर्यटकों ने ताजमहल निहारा था। किसी पर्यटक को वापस नहीं लौटना पड़ा था। लपकों द्वारा टिकट बुक कर अवैध बिक्री किए जाने से ही पर्यटक ताजमहल देखे बगैर लौट रहे हैं। पर्यटकों को हो रही परेशानी को देखते हुए भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआइ) ने दिल्ली मुख्यालय को दो सुझाव दिए हैं। कोरोना काल में स्मारकों में केवल आनलाइन टिकट बुकिंग हो रही है। इस स्थिति में टिकट पर पर्यटक का नाम आसानी से अंकित हो सकता है, इसके लिए केवल सोफ्टवेयर को अपडेट करना होगा। टिकट पर अंकित नाम का आइडी से मिलान किए जाने पर लपके टिकट बुक कर उसे नहीं बेच सकेंगे। दूसरे कैपिंग को बढ़ाने से भी टिकट बुक नहीं होने की समस्या दूर हो सकती है। टिकट उपलब्ध होंगे तो पर्यटक लपकों से अधिक कीमत पर टिकट नहीं खरीदेंगे।

अधीक्षण पुरातत्वविद वसंत कुमार स्वर्णकार ने बताया कि मुख्यालय को टिकट पर पर्यटक का नाम अंकित करने का सुझाव दिया गया है। टिकट पर नाम अंकित होने पर लपकों द्वारा टिकट बुक कर उसकी अवैध बिक्री की समस्या हमेशा के लिए खत्म हो सकती है।

पूर्व में टिकट बुक करते समय लेते थे आइडी

एएसआइ की वेबसाइट से आनलाइन टिकट बुक करते समय पूर्व में पर्यटक की आइडी अनिवार्य थी। वर्तमान में ऐसा नहीं हो रहा है, केवल फोन नंबर या ईमेल आइडी ही पूछी जा रही है। इसका फायदा लपके उठा रहे हैं और वो पहले ही बल्क में टिकटें बुक करा ले रहे हैं। इससे पर्यटकों को टिकट नहीं मिलतीं। लपके 45 रुपये में बुक की गई टिकट को अधिक दामों पर पर्यटकों को बेचते हैं।


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