Monument in Agra: स्मारकों के बंद होने के साथ थम गए आगरा में टैक्सियों के पहिए
Monument in Agra खड़ी गाड़ियों का देना पड़ रहा है टैक्स। करीब 150 ट्रैवल ट्रेड से जुड़े कारोबारी। पिछले वर्ष 188 दिनों की ताजमहल की बंदी से भी काम बुरी तरह प्रभावित हुआ था। चार धाम यात्रा की सभी बुकिंग कैंसिल हो चुकी हैं।
आगरा, जागरण संवाददाता। स्मारकों के बंद होने के साथ ही ट्रैवल एजेंसी संचालकों के समक्ष संकट खड़ा हो गया है। पर्यटकों के नहीं आने से टैक्सियाें के पहिए थम गए हैं। कारोबारियों को खड़ी गाड़ियों का टैक्स अदा करना पड़ रहा है। पिछले वर्ष भी लाक डाउन में ऐसा ही हुआ था।
आगरा में बड़ी संख्या में पर्यटक आते हैं, हालांकि, कोरोना ने पर्यटकों के आने पर ग्रहण लगा दिया है। यही वजह है कि यहां ट्रैवल ट्रांसपोर्ट का काम करने वाले छोटे-बड़े करीब 150 कारोबारी हैं। इनकी बसों से लेकर टैक्सियां चलती हैं। यह पर्यटकों को स्थानीय स्तर पर टैक्सी सेवा उपलब्ध कराने के साथ ही उनके गंतव्य तक गाड़ी की व्यवस्था करते हैं। संस्कृति मंत्रालय ने 16 अप्रैल को देशभर के सभी स्मारकों को बंद कर दिया था, इसके साथ ही ट्रैवल ट्रांसपोर्ट का काम करने वाले कारोबारियों की गाड़ियों के पहिए थम गए हैं। बुकिंग कैंसिल होने से उनके पास बिल्कुल भी काम नहीं बचा है। पिछले वर्ष 188 दिनों की ताजमहल की बंदी से भी काम बुरी तरह प्रभावित हुआ था।
सभी गाड़ियां खड़ी हैं। परमिट सरेंडर नहीं हो रहा। इंश्योरेंस व टैक्स का पैसा देना पड़ रहा है। चार धाम यात्रा की सभी बुकिंग कैंसिल हो चुकी हैं। महाराष्ट्र व गुजरात से आने वाले पर्यटकों ने कोरोना वायरस का संक्रमण बढ़ने पर टूर कैंसिल कर दिए हैं।
-निखिल गर्ग, अध्यक्ष आल इंडिया फेडरेशन आफ टूरिस्ट ट्रांसपोर्ट आगरा
सभी बसें एक वर्ष से खड़ी हैं और खड़ी गाड़ियों का टैक्स देना पड़ रहा है। गाड़ियों को बेचना भी चाहते हैं, लेकिन कोई खरीदार नहीं मिल रहा। मार्च में डोमेस्टिक टूरिज्म शुरू हुआ था, लेकिन अब कोई उम्मीद इस वर्ष नजर नहीं आ रही है।
-सुनील गुप्ता, चेयरमैन नोर्दर्न रीजन, इंडियन एसोसिएशन आफ टूर आपरेटर्स