Tajmahal: कोरोना के बाद पर्यटन पर मौसम का असर, ताज पर पहुंचे बहुत कम पर्यटक
तापमान गिरने के साथ दोपहर दो बजे तक छाई रही आगरा में धुंध। यमुना एक्सप्रेस वे पर भी धुंध छाने का आगरा आने वाले घरेलू पर्यटकों की संख्या पर पड़ता है फर्क। आने वाले दिनों में सुबह के समय यही स्थिति बरकरार रहने की उम्मीद है।
आगरा, जागरण संवाददाता। कोरोना वायरस संक्रमण के बाद अब आगरा के पर्यटन उद्योग पर मौसम का भी असर नजर आने लगा है। गुरुवार को सुबह धुंध छाए रहने और ठंडक होने से ताजमहल पर सन्नाटा पसरा रहा। यहां इक्का-दुक्का पर्यटक ही नजर आए। दोपहर दो बजे तक शहर में धुंध छाई रही। इसके बाद जरूर कुछ पर्यटक यहां पहुंचे।
कोरोना काल में खोले गए ताजमहल में कैपिंग लागू है। यहां एक दिन में अधिकतम पांच हजार टिकट ही बुक हो सकते हैं। सुबह व दोपहर के स्लाट में 2500-2500 पर्यटक ही ताज देख सकते हैं। वीकेंड को छोड़कर ताजमहल में कम ही पर्यटक आ रहे हैं। इस पर अब मौसम का भी असर साफ नजर आने लगा है। गुरुवार सुबह धुंध और ठंड होने का असर ताजमहल पर साफ दिखा। सुबह 10 बजे तक यहां बहुत कम संख्या में पर्यटक पहुंचे। ताजमहल में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआइ) के कर्मचारियों व केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआइएसएफ) के जवानों को छोड़कर इक्का-दुक्का पर्यटक ही नजर आए। आने वाले दिनों में सुबह के समय यही स्थिति बरकरार रहने की उम्मीद है। धुंध व कोहरे के चलते सुबह के समय पर्यटक यहां नहीं आ पाएंगे, जिससे दोपहर के स्लाट में केवल 2500 टिकटें ही बुकिंग को उपलब्ध होने से पर्यटकों को परेशानी का सामना करना पड़ेगा।
विदेशियों से गुलजार रहता था टूरिस्ट सीजन
आगरा की सर्दी तो वैसे ही मशहूर है। यहां सर्दियों में पारा एक डिग्री सेल्सियस तक जा चुका है। घरेलू टूरिस्ट सर्दी के मौसम में यहां आने से बचते हैं। दरअसल कोहरे और धुंध के चलते ट्रेनें लेट रहती हैं और सर्दी भी बहुत से लोग नहीं झेल पाते हैं। अक्टूबर से मार्च तक चलने वाले पर्यटन सीजन को गुलजार रखने वाले विदेशी पर्यटक ही होते हैं। माइनस में तापमान रहने वाले देशों से आने वाले विदेशियों को यहां एक डिग्री का तापमान भी खुशनुमा लगता है। लेकिन इस साल कोरोना वायरस संक्रमण के चलते अंतरराष्ट्रीय फ्लाइट्स आरंभ नहीं हुई हैं। इसके चलते ताजमहल देखने आने वाले विदेशियोें की संख्या न के बराबर ही है।