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मूलभूत समस्याओं से जूझते अरदाया के ग्रामीण

दो किलोमीटर दूर से पानी लाने लाने को है मजबूर शिकायत के बाद भी समस्याओं का नहीं हो पा रहा समाधान

By JagranEdited By: Published: Sun, 11 Apr 2021 06:00 AM (IST)Updated: Sun, 11 Apr 2021 06:00 AM (IST)
मूलभूत समस्याओं से जूझते अरदाया के ग्रामीण
मूलभूत समस्याओं से जूझते अरदाया के ग्रामीण

जागरण टीम, आगरा। किरावली के गांव अरदाया गांव की सरकार से लेकर संसद तक पहुंचने वाले जनप्रतिनिधियों व प्रशासनिक अधिकारियों की उदासीनता का शिकार है। गांव में चारों तरफ आपको जनसमस्याएं देखने को मिल जाएंगी। ग्रामीण मूलभूत सुविधाओं व अपने हक कर लिए जूझ रहे हैं। हर जगह शिकायत और समस्या के समाधान के लिए गुहार लगाई, लेकिन आज तक किसी भी समस्या का समाधान नहीं हो सका है।

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पांच हजार के आबादी वाले गांव में सरकारी तंत्र पूरी तहर फेल है। गांव के मार्ग में गहरे गढ्डे व नालियों में गंदगी भरी पड़ी है। गांव में खारा पानी होने व तालाबों सूखने की वजह से ग्रामीण पशुओं को दो किलोमीटर दूर नहर में पानी पिलाने के लिए मजबूर हैं। वहीं पीने के लिए पानी खरीद रहे हैं। 2010 में जलनिगम द्वारा बनाई गई टंकी की पाइप लाइन जर्जर होने व टंकी पर तैनात कर्मचारी की मनमानी की वजह से गांव के कुछ ही हिस्से में पानी की सप्लाई हो पा रहा है। वहीं टीटीएसपी की टंकी और सरकारी नल कई सालों से खराब पडे़ हैं। कुछ ग्रामीण अपने निजी पैसों से दो किलोमीटर दूर से सबमर्सिबल लगवाकर पाइप लाइन डाल लाए हैं, लेकिन गरीब आज भी सिर पा पानी भर कर ला रहा है। सरकारी हैंडपंप खराब, तालाबों पर अवैध कब्जा

गांव में कुल 12 सरकारी हैंडपंप लगे हैं। इनमें से मात्र दो ही हैंडपंप चालू है। बाकी सब खराब पडे़ हैं। इसके अलावा सरकारी तालाबों पर अवैध कब्जा हो चुका है। जिसकी वजह से लगातार जलस्तर गिर रहा है।

गांव के प्रधान विधायक, सांसद के अलावा आला अधिकारियों से कई बार लिखित व मौखिक शिकायत की, लेकिन आज तक पानी की समस्या का समाधान नहीं हो सका है।

जलदेवी गांव के सभी मार्ग खराब पड़े है। नालियों की सफाई नहीं न होने के कारण पानी मार्ग पर बहता रहता है। इससे बीमारी फैलने का डर बना रहता है।

भूरी देवी गांव में पानी की विकट समस्या है। हर बार जनप्रतिनिधि वादा करते है, लेकिन आज तक समस्या वैसी की वैसी ही बनी हुई है। रोजाना 50 से लेकर 100 रुपये का पानी खरीदना पड़ता है।

वीरो सिंह गांव में गंदगी की अंबार है। इसके अलावा स्कूलों में अध्यापक नहीं आते हैं। इसकी वजह से बच्चों की पढ़ाई नहीं हो पा रही है। गरीबों के बच्चे सरकारी स्कूल में पढ़ने के लिए मजबूर हैं।

हरेंद्र


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