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बायो मेट्रिक मशीन पर अंगूठा लगवाकर आगरा में लोगों के खाते खाली कर रहा था शातिर

साइबर सेल की मदद से आगरा पुलिस ने आरोपित युवक को किया गिरफ्तार आठ से अधिक लोग बनाए शिकार। आधार इनबिल्ड पेमेंट सिस्टम के जरिये खातों से रकम पार कर रहा था वह। सरकारी योजनाओं का लाभ दिलाने का देता था ग्रामीणों को झांसा।

By Prateek GuptaEdited By: Published: Sun, 05 Dec 2021 09:37 AM (IST)Updated: Sun, 05 Dec 2021 09:37 AM (IST)
बायो मेट्रिक मशीन पर अंगूठा लगवाकर आगरा में लोगों के खाते खाली कर रहा था शातिर
बायोमेट्रिक मशीन पर अंगूठा लगवाकर आगरा में शातिर ग्रामीणों के खाते खाली कर रहा था।

आगरा, जागरण संवाददाता। सरकारी योजनाओं का लाभ दिलाने का झांसा देकर शातिर लोगों को ठगी का शिकार बना रहा था। बायो मेट्रिक मशीन पर अंगूठा लगवाने के बाद वह आधार इनबिल्ड पेमेंट सिस्टम (एईपीएस) के जरिये लोगों के खातों से रकम पार कर रहा था। शिकायत मिलने पर एसएसपी ने साइबर सेल को जांच दी। साइबर सेल की टीम और जैतपुर थाना पुलिस ने आरोपित को गिरफ्तार कर लिया। उससे बायो मेट्रिक मशीन व अन्य सामान भी बरामद किया है।

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जैतपुर निवासी मोतीलाल ने पिछले दिनों एसएसपी से शिकायत की थी। माेतीलाल ने बताया कि गांव में एक युवक आया था। उनसे कहा कि श्रम कार्ड बनवा देगा।सरकारी योजनाओं का लाभ दिलवाने के नाम पर उसने बायो मेट्रिक मशीन पर अंगूठा लगवाया। इसके बाद खाते से रकम पार कर ली। उनके गांव के आठ लोगों के इसी तरह खातों से रकम पार हो चुकी है। एसएसपी सुधीर कुमार सिंह ने साइबर सेल को मामले की जांच दे दी। साइबर सेल ने जांच के दौरान पता चला कि ग्रामीणों के खातों से रकम एक वालेट में ट्रांसफर की गई थी। इसके बाद उस रकम से आनलाइन शापिंग की गई। एसएसपी सुधीर कुमार सिंह ने बताया कि इस मामले में जैतपुर के गढ़ी रम्मपुरा निवासी ध्रुवचंद को गिरफ्तार किया गया है। आरोपित के पास से एक मोबाइल, छह फर्जी आधार कार्ड, बायोमेट्रिक मशीन आदि सामान मिला। शातिर ने बताया है कि सभी के बैंक खाते आधार से लिंक हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में ग्राहक सेवा केंद्र खोले गए हैं। यहां बायो मेट्रिक मशीन पर अंगूठा लगाने के बाद एईपीएस के जरिये ग्रामीणों को उनके खाते से कैश निकालकर देने की सुविधा है। शातिर ने इसी योजना का लाभ उठाया।डोगाम सॉफ्ट लिमिटेड की रिटेलरशिप ले ली। यह कंपनी भी ग्राहकों को ऐसी सुविधा मुहैया कराती है। कंपनी ने जो सॉफ्टवेयर दिया उसमें ग्राहकों का आधार डाटा मिल गया। वह गांव-गांव जाता ग्रामीणों से कहता कि उनका श्रम कार्ड बनवा देगा। बायोमेट्रिक मशीन पर उनके अंगूठे का निशान लेता और आधार नंबर पूछता। कार्ड कुछ दिन में मिलेगा यह कहकर चला जाता। ग्रामीण जाल में फंस जाते। अंगूठे के निशान और आधार नंबर के जरिए वह एईपीएस के जरिए उन ग्राहकों के खाते से कैश निकाल लेता था।


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