आंबेडकर विवि में कार्यवाहक कुलपति ने संभाला पद, साझा कीं प्राथमिकताएं
Ambedkar University कार्यवाहक कुलपति के रूप में संभाला पद। छात्रों की समस्या दूर करना राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर दिया जोर। प्रो. पाठक ने कहा कि संबद्धता से लेकर हर काम में पारदर्शित लानी होगी। इसके लिए नए संबद्ध कालेजों की जिओ टैगिंग होगी जिससे हर छात्र को हर जानकारी मिले।
आगरा, जागरण संवाददाता। डा. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय के नए कार्यवाहक कुलपति के रूप में जिम्मेदारी संभालते ही प्रो. विनय कुमार पाठक ने डिजिटलाइजेशन पर जोर दिया।उन्होंने अपनी प्राथमिकताओं में चार्टों के डिजिटलाइजेशन से लेकर छात्रों को हर सुविधा देने के बिंदु को शामिल किया।
छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. विनय पाठक को डा. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय का कार्यवाहक कुलपति नियुक्त किया गया है।गुरुवार को उन्होंने कार्यवाहक कुलपति के रूप में जिम्मेदारी संभाल रहे लखनऊ विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. आलोक राय से चार्ज लिया।उसके बाद उन्होंने कुलसचिव, परीक्षा नियंत्रक, वित्त अधिकारी एवं सभी सहायक कुलसचिवों के साथ बैठक की। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय के शिक्षाविदों और छात्रों के बीच अनुसंधान योग्यता को बढ़ावा देनेे पर ध्यान दिया जाएगा। साथ ही विभिन्न राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय शोध पत्रिकाओं को आनलाइन निश्शुल्क उपलब्ध कराया जाएगा।
कंप्यूटराइजेशन पर दिया जोर
अधिकारियों के साथ बैठक के बाद हुई प्रेसवार्ता में उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय को वृहद स्तर पर कंप्यूटराइजेशन की जरूरत है। ऐसा साफ्टवेयर डेवलप किया जाए, जिसमें नए व पुराने सभी छात्रों का संपूर्ण डाटा हो।उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय नए दौर, नई चुनौतियों से गुजर रहा है।उसे वैश्विक प्रतियोगी मिल रहे हैं। छात्र प्रवेश लेने से पहले गूगल पर जांच करते हैं। हमें पुराने छात्रों की समस्याओं को दूर करना है और नए छात्रों को नए दौर की शिक्षा देनी है।इसके लिए नई तकनीक व नई विधा के कोर्स खोलने होंगे।उन्होंने कर्मचारियों की कार्यप्रणाली पर भी आनलाइन निगाह रखने पर चर्चा की।डिग्री व अंकतालिकाओं के लिए भी आनलाइन सिस्टम बनाना होगा।
काम में पारदर्शिता लानी होगी
प्रो. पाठक ने कहा कि संबद्धता से लेकर हर काम में पारदर्शित लानी होगी। इसके लिए नए संबद्ध कालेजों की जिओ टैगिंग होगी, जिससे हर छात्र को हर जानकारी मिले। इससे परीक्षा केंद्र चुनाव में भी आसानी होगी।उन्होंने पूर्व कुलपति प्रो. अशोक मित्तल पर लगे आरोपों का जिक्र करते हुए कहा कि उन पर संबद्धता संबंधी आरोप भी लगे थे। इसलिए तकनीक के माध्यम से इन सभी को दूर करना होगा।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति प्राथमिकता
प्रो. पाठक ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लागू करना प्राथमिकता है।जल्द ही विभागाध्यक्षों व संबंधित समितियों से चर्चा कर इस नीति को लागू करने में आ रही समस्याओं को दूर किया जाएगा। वोकेशनल कोर्सों की समस्याओं पर भी फैसला लिया जाएगा।जल्द ही पहली सेमेस्टर परीक्षा कराने पर फैसला लिया जाएगा।
नए कुलपति की प्राथमिकताएं
- छात्रों को सुविधाएं मिलें।
- नई शिक्षा नीति लागू हो।
- चार्टों का डिजिटलाइजेशन हो।
- शैक्षिक गुणवत्ता।
- ई-आफिस लागू हो।