गर्भवती व स्तनपान कराने वाली महिलाओं के लिए पूरी तरह से सुरक्षित है वैक्सीन
विश्व स्तनपान सप्ताह पर चिकित्सकों ने किया जागरूक। स्टडी में यह बात भी आई है सामने कि स्तनपान कराने से मां के शरीर में बनीं एंटीबॉडीज शिशु तक भी पहुंच रही हैं। वैक्सीन लगवाने के बाद दर्द और थकान की शिकायत होती है तो भी घबराने की जरूरत नहीं।
आगरा, जागरण संवाददाता। वैक्सीन मां और बच्चे दोनों के लिए ही सुरक्षित है। गर्भवतियों के साथ ही अब स्तनपान कराने वाली महिलाएं भी कोरोना वैक्सीन लगवा सकती हैं। वैक्सीन लगवाने के बाद बनने वाली जो एंटीबाडी मां के शरीर में बनती है, वो बच्चों तक भी पहुंचती है। विश्व स्तनपान सप्ताह पर वैक्सीन और स्तनपान को लेकर बनी भ्रांतियों को दूर करने के लिए शहर की स्त्री रोग विशेषज्ञों से बात की।
स्तनपान कराने वाली महिलाएं बेझिझक वैक्सीन लगवाएं। यह पूरी तरह से सुरक्षित है। स्तनपान कराने वाली मां का टीकाकरण प्रसव के बाद कभी भी किया जा सकता है। वैक्सीन लेने के बाद अगर बुखार आता है, दर्द और थकान की शिकायत होती है तो भी घबराने की जरूरत नहीं। अगर दो दिन तक भी बुखार न उतरे, तब चिकित्सक से संपर्क करें।- डा. रेखा गुप्ता, सीएमएस, लेडी लायल अस्पताल
गाइडलाइंस में भी आया है कि वैक्सीन मां और बच्चे दोनों के लिए पूरी तरह से सुरक्षित है। गर्भवती महिलाएं व स्तनपान कराने वाली महिलाएं भी वैक्सीन लगवा सकती हैं। वैक्सीन के बाद बुखार आना सामान्य है, उसमें घबराएं नहीं। विदेशों में तो स्तनपान कराने वाली महिलाओं से बच्चों में एंटीबाडी पहुंच रही हैं, यह स्टडी में साबित हो चुका है। भारत में महिलाओं को जागरूक होना होगा।- डा. रूचिका गर्ग, स्त्री रोग विशेषज्ञ, एसएन मेडिकल कालेज
छह माह होते ही शुरू करें पूरक आहार
जिला सामुदायिक प्रोग्राम मैनेजर डॉ. विजय सिंह ने बताया कि जिन बच्चों की उम्र छह माह की हो चुकी है उनकी माताएं पूरक आहार शुरू कर सकती हैं और इसके साथ मां का दूध जारी रखें। छह माह से अधिक उम्र के बच्चों को घर पर बना तरल और ऊपरी आहार दो से तीन चम्मच देना है। धीरे-धीरे इसकी मात्रा और विविधता बढ़ानी चाहिए। साफ हाथों से पकाया साफ खाना ही बच्चे को खिलाना चाहिए। व्यावसायिक शिशु आहार जैसे डिब्बा बंद दूध, बोतल का प्रयोग बिल्कुल नहीं करना चाहिए। माताएं हर माह बच्चे को वजन करा कर मातृ सुरक्षा एवं कार्ड में अंकित करवाएं।
यह भी जानना जरूरी
यदि केवल स्तनपान कर रहा शिशु 24 घंटे में छह से आठ बार पेशाब करता है, स्तनपान के बाद कम से कम दो घंटे की नींद ले रहा है और उसका वजन हर माह करीब 500 ग्राम बढ़ रहा है, तो इसका मतलब है कि शिशु को मां का पूरा दूध मिल रहा है ।
शिशु के लिए स्तनपान के लाभ
- सर्वोत्तम पोषक तत्व।
- सर्वोच्च मानसिक विकास में सहायक।
- संक्रमण से सुरक्षा (दस्त-निमोनिया)।
- दमा एवं एलर्जी से सुरक्षा।
- शिशु के ठंडा होने से बचाव।
- प्रौढ़ एवं वृद्ध होने पर उम्र के साथ होने वाली बीमारियों से सुरक्षा।
मां के लिए स्तनपान के फायदे
- जन्म के पश्चात बच्चेदानी के जल्दी सिकुड़ना व रक्तस्राव एवं एनीमिया से बचाव।
- कारगर गर्भनिरोधक।
- मोटापा कम करने और शरीर को सुडौल बनाने में सहायक।
- स्तन एवं अंडाशय के कैंसर से बचाव।
- सुविधाजनक।