Uttar Pradesh: फर्जी डिग्री से नौकरी पाने वाले 190 शिक्षक बर्खास्त, आगरा विवि की थी डिग्रीयां
डॉ. भीमराव आंबेडकर विवि आगरा की वर्ष 2004-05 की बीएड डिग्रियों में विशेष जांच दल (एसआइटी) ने बड़ा फर्जीवाड़ा पकड़ा था।
आगरा, जागरण संवाददाता। डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय से 2004-05 में बीएड की डिग्री लेकर नौकरी करने वाले 190 और शिक्षकों को बर्खास्त किया गया है। मैनपुरी में 74 व एटा में 116 शिक्षकों को नौकरी से बाहर का रास्ता दिखाया गया है। इन शिक्षकों में अधिकांश की बीएड डिग्रियां फर्जी या फिर मार्कशीटें टेंपर्ड पाई गई हैं।
डॉ. भीमराव आंबेडकर विवि आगरा की वर्ष 2004-05 की बीएड डिग्रियों में विशेष जांच दल (एसआइटी) ने बड़ा फर्जीवाड़ा पकड़ा था। इस जांच के आधार पर सभी जिलों को फर्जी डिग्रियों से नौकरी कर रहे शिक्षकों की सीडी दी गई थी। बेसिक शिक्षा विभाग दो साल से इन फर्जी डिग्रीधारियों की जांच में जुटा रहा।
जुलाई से शासन से दबाव बनने पर इन शिक्षकों की सूची फाइनल की गई। एटा में ऐसे 120 और 74 शिक्षकों को नोटिस जारी करने के बाद नवंबर के प्रथम सप्ताह में उनका पक्ष सुना गया था। इसके बाद डीएम की अध्यक्षता वाली समिति ने सेवा समाप्त करने का फैसला लिया। एटा बीएसए संजय सिंह ने बताया कि 120 में से चार शिक्षकों के कानूनी कार्यवाही की वजह से अभी कार्रवाई लंबित है। मैनपुरी में भी अभी चार शिक्षकों पर कार्रवाई होनी है।
एटा के छात्र ने ही किया पर्दाफाश
बीएड सत्र 2004-05 के एटा निवासी छात्र सुनील की पहली मार्कशीट में 54 फीसद अंक थे। यह मार्कशीट गुम हो जाने पर उन्होंने डुप्लीकेट मार्कशीट निकलवाई, इसमें उनके अंक 84 फीसद थे। वर्ष 2013 में उन्होंने हाईकोर्ट में याचिका दायर की। याचिका में कहा कि विवि ने मुझे दो तरह की मार्कशीट दी हैं। इसकी जांच हो। हाईकोर्ट ने इसकी जांच एसआइटी को सौंप दी। इसके बाद बड़े घोटाले का राजफाश हुआ। एसआइटी ने 2016 में 5186 फर्जी छात्रों का ब्योरा विवि प्रशासन को सौंप दिया।