आगरा में दो फाड़ हुई उप्र प्रधानाचार्य परिषद, अध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाकर किया बर्खास्त
देर शाम हुई प्रांतीय कार्यकारिणी और प्रांतीय परिषद की आनलाइन बैठक। रविशंकर तिवारी को बनाया गया नवागत अंतरिम अध्यक्ष महामंत्री डा. रामलखन पर हुई कार्रवाई की गई निरस्त। प्रदेश अध्यक्ष ब्रजेश शर्मा को लेकर विरोध के स्वर किए गए बर्खास्त।
आगरा, जागरण संवाददाता। उप्र प्रधानाचार्य परिषद के दो फाड़ होने का नतीजा प्रांतीय कार्यकारिणी व प्रांतीय परिषद की रविवार देरशाम हुई ऑनलाइन बैठक में साफ नजर आया। बैठक में संगठन पदाधिकारियों ने प्रदेशाध्यक्ष ब्रजेश कुमार शर्मा को बर्खास्त करते हुए कानपुर देहात के प्रांतीय संयोजक न्याय समिति रविशंकर तिवारी को परिषद का नवागत अंतरिम अध्यक्ष चुना। साथ ही संगठन ने प्रदेश महामंत्री डा. राम लखन यादव के विरुद्ध अपदस्थ अध्यक्ष द्वारा की गई निष्कासन की कार्रवाई को असंवैधानिक कर देते हुए निरस्त कर दिया।
बैठक प्रधानाचार्य परिषद में चल रहे गतिरोध पर विचार-विमर्श कर आवश्यक निर्णय लेने के उद्देश्य से की गई। आॅॅनलाइन चली आपात बैठक में प्रांतीय कार्यकारिणी व परिषद के करीब 80 फीसद पदाधिकारी, सदस्य, जिला व मंडल अध्यक्ष, मंत्री, कोषाध्यक्ष व प्रतिनिधि शामिल हुए। अध्यक्षता अध्यक्ष की अनुपस्थित में विधान के अनुसार वरिष्ठ उपाध्यक्ष व जालौन के सेठ वृंदावन इंटर कालेज के प्रधानाचार्य डा. बृज बल्लभ सेंगर ने की। संचालन प्रांतीय महामंत्री ने किया।
इन आरोपों पर हुई बर्खास्तगी
- परिषद पदाधिकारियों ने संगठन अध्यक्ष बृजेश कुमार शर्मा द्वार पिछले दो वर्ष में व्यक्तिगत द्वेष भावना से प्रेरित होकर निरंतर स्वेच्छाचारी, निरंकुश व तानाशाही पूर्ण आचरण कर संगठन की प्रतिष्ठा व हित को आघात पहुंचाया। इसलिए उनके विरुद्ध संविधान की विभिन्न धाराओं के अनुसार अविश्वास प्रस्ताव पारित किया।
- उनकी परिषद की प्राथमिक सदस्यता से च्युत करते हुए अध्यक्ष पद से तत्काल प्रभाव से बर्खास्त किया और रविशंकर तिवारी को अंतरिम प्रदेशाध्यक्ष चुना गया।
- अपदस्थ प्रदेश अध्यक्ष ब्रजेश शर्मा द्वारा प्रदेश कार्यकारिणी की सहमति के बिना परिषद प्रदेश महामंत्री डा. राम लखन यादव की प्राथमिक सदस्यता से निष्कासित करने को असंवैधानिक करार दे उसे निरस्त किया।
- परिषद संरक्षक डा. यज्ञदत्त शर्मा व अपदस्थ अध्यक्ष बृजेश शर्मा द्वारा बिना कोई संवैधानिक प्रक्रिया अपनाए वाराणसी के डा. विश्वनाथ दुबे को परिषद में शामिल करने व संवैधानिक पद न होते हुए भी प्रदेशाध्यक्ष बनाने की कार्रवाई को छद्म करार दे अमान्य घोषित किया।
- परिषद विरुद्ध कार्य करने पर पूर्व महामंत्री सुनील मिश्र, प्रांतीय मंत्री डा. देव प्रकाश शर्मा, प्रांतीय मंत्री डा. देवप्रकाश शर्मा, प्रांतीय संगठन मंत्री अवनीश उपाध्याय को सदस्य की प्राथमिक सदस्यता से हटा दिया है।