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आगरा की ऐसी विधानसभा सीट, जहां से सात बार से चुनाव नहीं लड़ी कोई महिला उम्‍मीदवार

UP Election 2022 आगरा की उत्‍तर विधानसभा सीट पर अब तक 14 बार विधानसभा चुनाव हुए इसमें से नौ बार से जीत रहे भाजपा प्रत्याशी। 1967 में अस्तित्व में आई थी यह सीट। 1985 से लगातार भारतीय जनता पार्टी को ही मिली विजय।

By Prateek GuptaEdited By: Published: Fri, 28 Jan 2022 08:52 AM (IST)Updated: Fri, 28 Jan 2022 08:52 AM (IST)
आगरा की ऐसी विधानसभा सीट, जहां से सात बार से चुनाव नहीं लड़ी कोई महिला उम्‍मीदवार
आगरा में उत्‍तर विधानसभा सीट से महिला उम्‍मीदवार चुनाव मैदान में आने से कतराती हैं।

आगरा, राजीव शर्मा। जिले की नौ विधानसभा सीटों में से उत्तर विधानसभा सीट भाजपा के प्रभाव वाली मानी जाती है। ये मानना गलत भी नहीं है। क्योंकि वर्ष 1985 के चुनाव से इस सीट पर लगातार भाजपा का ही कब्जा रहा है। यहां के मतदाताओं ने दूसरे दलों के प्रत्याशियों को मौका ही नहीं दिया। लगातार नौ बार से भाजपा प्रत्याशी ही यहां से चुनाव जीतते आ रहे हैं। भाजपा ने भी प्रत्याशियों को लेकर इस सीट पर ज्यादा उलटफेर नहीं की है। जो प्रत्याशी लगातार चुनाव जीता, पार्टी ने उसी पर दांव लगाया।

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यह सीट वर्ष 1967 के विधानसभा चुनाव में अस्तित्व में आई। उत्तर सीट वर्ष 2012 से पहले आगरा पूर्व के नाम से थी। इस सीट पर पहली बार हुए चुनाव में भारतीय जनसंघ के प्रत्याशी को विजयी मिली। इसके बाद लगातार चार बार इस पर कांग्रेस ने जीत दर्ज की। मगर, भाजपा के सत्यप्रकाश विकल ने वर्ष 1985 के चुनाव में कांग्रेस के इस विजय रथ को रोक दिया। वह लगातार पांच बार यहां से विधायक चुने गए। वर्ष 1998 में उनके निधन के बाद इस सीट पर उपचुनाव हुआ। इसमें भाजपा के जगन प्रसाद गर्ग की एंट्री हुई। वह भी विजयी हुए। जगन प्रसाद गर्ग लगातार पांच बार विधायक चुने गए। वर्ष 2019 में जगन प्रसाद गर्ग का निधन होने के बाद पुरुषोत्तम खंडेलवाल को उपचुनाव में मौका मिला और वह भी चुनाव जीते। भाजपा ने इस बीच जीतते आए प्रत्याशी का टिकट नहीं काटा। इस सीट पर बसपा, सपा सहित अन्य कई प्रमुख दलों के प्रत्याशी अब तक जीत का स्वाद नहीं चख सके हैं।

अब तक की स्थिति

वर्ष विजयी प्रत्याशी कुल प्रत्याशी

1967 आरएस अग्रवाल 12

1969 प्रकाश नारायण गुप्ता 17

1974 प्रकाश नारायण गुप्ता 18

1977 सुरेंद्र कुमार 17

1980 ओम प्रकाश जिंदल 15

1985 सत्य प्रकाश विकल 27

1989 सत्य प्रकाश विकल 33

1991 सत्य प्रकाश विकल 45

1993 सत्य प्रकाश विकल 47

1996 सत्य प्रकाश विकल 07

2002 जगन प्रसाद गर्ग 16

2007 जगन प्रसाद गर्ग 19

2012 जगन प्रसाद गर्ग 21

2017 जगन प्रसाद गर्ग 15

दो बार हुए उपचुनाव

इस सीट पर अब तक दो बार उपचुनाव हो चुका है। पहला उपचुनाव वर्ष 1996 के चुनाव में विजयी हुए भाजपा प्रत्याशी सत्य प्रकाश विकल के निधन के बाद और दूसरा उपचुनाव वर्ष 1919 में जगन प्रसाद गर्ग के निधन के बाद उपचुनाव हुआ। दोनों ही उपचुनावों में भाजपा को विजय हासिल हुई।

सबसे कम प्रत्याशी थे 1996 के चुनाव में

इस सीट पर अब तक हुए चुनाव में सबसे कम प्रत्याशी वर्ष 1996 के चुनाव में उतरे थे। इस साल सिर्फ सात प्रत्याशी ही चुनावी मैदान में थे। जबकि सबसे अधिक प्रत्याशी वर्ष 1993 के चुनाव में थे।

महिला प्रत्याशी कतराती रही हैं चुनाव में उतरने से

इस सीट पर महिला प्रत्याशी चुनाव लड़ने से कतराती रही हैं। अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि सात विधानसभा चुनाव में एक भी महिला प्रत्याशी इस सीट से चुनावी मैदान में नहीं उतरीं। वर्ष 1967, 1969, 1974, 1980, 1996, 2002 और 2007 के चुनाव में एक भी महिला प्रत्याशी ने इस सीट से चुनाव नहीं लड़ा।


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