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UP Chunav 2022: जुट जाएं त्रिदेव तो भेंद देंगे लक्ष्य, जानिए भाजपा अध्‍यक्ष जेपी नड्डा ने कौन सी बताई ये शक्ति

UP Vidhan Sabha Election 2022 बीजेपी अध्यक्ष JP Nadda भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने अभिभावक की तरह आगरा में सभी को समझाया। उन्‍होंने कहा कि हमें अनुसूचित जाति और पिछड़ी जाति के बीच जाते समय ये ध्यान रखना है कि हड़बड़ी में न जाएं।

By Prateek GuptaEdited By: Published: Sat, 22 Jan 2022 01:30 PM (IST)Updated: Sat, 22 Jan 2022 01:30 PM (IST)
UP Chunav 2022: जुट जाएं त्रिदेव तो भेंद देंगे लक्ष्य, जानिए भाजपा अध्‍यक्ष जेपी नड्डा ने कौन सी बताई ये शक्ति
बीजेपी अध्यक्ष JP Nadda के साथ आगरा में केंद्रीय कानून राज्‍यमंत्री एसपी सिंह बघेल, सांसद राजकुमार चाहर व अन्‍य।

आगरा, अम्बुज उपाध्याय। भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा अपने तंत्र को मजबूत करने आए थे। वे एक परिवार की तरह संगठन पदाधिकारियों से मिले तो अभिभावक की तरह बैठक में उन्हें समझाया। कहा कि जीत के लिए कोई नया मंत्र नहीं चाहिए, पार्टी की पूर्व में तैयार की गई रणनीति पर ही काम करते जाइए कोई पास नहीं फटक पाएगा। उन्होंने सर्वाधिक जोर अपने त्रिदेव (बूथ प्रभारी, बूथ अध्यक्ष, बीएलए-2) पर दिया और कहा कि अगर ये जुट जाएं तो लक्ष्य भेदना सरल हो जाएगा।

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ब्रजक्षेत्र में 65 विधानसभा क्षेत्र आते हैं। वर्ष 2017 में भाजपा की लहर में ब्रज में 57 सीटों पर भाजपा ने कब्जा जमाया था। विपक्ष के दिग्गजों के दांव पेंच और सपा मुखिया अखिलेश यादव के ब्रज के मैनपुरी की करहल सीट से चुनाव लड़ने का ऐलान किया है। ऐसे में भाजपा अपने इस मजबूत गढ़ की किलेबंदी में जुट गई है। पिछले दिनों एटा में भाजपा ने अपने बूथ की इकाई में ऊर्जा का संचार किया था। पार्टी अपने इस तंत्र को लंबे समय से तैयार कर चुकी है तो समय-समय पर धार देती रहती है। राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि बूथ अध्यक्ष और पूरी समिति को सक्रियता दिखानी है, तो पन्ना प्रमुख को पूरी ऊर्जा लगानी है। उन्होंने कहा कि एक पन्ने पर दर्ज हर नाम की पहचान पन्ना प्रमुख को होनी चाहिए, तो पन्ना प्रमुख को वे परिवार पहचाने। वोटिंग वाले दिन वे आपके साथ जाने में न कतराएं। राष्ट्रीय अध्यक्ष नड्डा ने कहा कि हमें अनुसूचित जाति और पिछड़ी जाति के बीच जाते समय ये ध्यान रखना है कि हड़बड़ी में न जाएं। अगर कोई जल्द है तो बिल्कुल न जाएं, जब जाएं तो उनके साथ अधिक समय बिताएं। उनको लंबे समय तक सुने और कोई दुविधा या नाराजगी हो तो उसे भी जाना जाए। इसके बाद अपनी बात बताएं। अधिक समय देने और साथ चाय पीने से जो आत्मीयता होगी, वह जल्दबाजी में नहीं हो सकती है।


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