UP Board: यूपी बोर्ड परीक्षा में हो फेल, पास होना है तो तुरंत भेजो रुपये, फर्जी काल पर विभाग में जारी की ये एडवाइजरी
UP Board विद्यार्थियों के पास आ रहे हैं इस तरह के फोन। परेशान विद्यार्थियों ने शिक्षकों प्रधानाचार्यों को दी सूचना मंडलीय संयुक्त शिक्षा निदेशक ने जारी की चेतावनी। 70 प्रतिशत अंक के लिए चार हजार और 80 प्रतिशत अंक के लिए साढ़े पांच हजार मांग रहे हैं।
आगरा, जागरण संवाददाता। तुम उप्र माध्यमिक शिक्षा परिषद (यूपी बोर्ड) में फेल हो। परिणाम के लिए अंको की फीडिंग चल रही है, पास होना हो, तो मेरे ई वॉलेट में पांच हजार रुपए भेज दो, 72 प्रतिशत अंक देकर पास कर दूंगा। यूपी बोर्ड परीक्षा देने वाले तमाम विद्यार्थी आजकल ऐसे ही फोन से परेशान हैं। लगातार बढ़ती शिकायतों के बाद मंडलीय संयुक्त शिक्षा निदेशक ने मंडल के सभी जिला विद्यालय निरीक्षक को एडवाइजरी जारी कर ऐसे फर्जी काल पर कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं।
एक के बाद एक, कई स्कूलों के विद्यार्थी, शिक्षक और प्रधानाचार्य ने विभाग को शिकायत की कि फोन करने वाले विधार्थियों के नाम, रोल नंबर, माता पिता के नाम आदि जानकारी देने के बाद परिणाम में उन्हें फेल बताकर पास कराने के एवज में ढ़ाई से साढ़े पांच हजार रुपये मांग रहे हैं।
इस तरह के फोन आने पर कई विद्यार्थियों ने शिक्षकों को जानकारी दी और सत्यता जानने की कोशिश की। वहीं शिक्षक इस बात से परेशान हैं कि फोन करने वाला साइबर फ्राड हो सकता है, लेकिन उनके पास विद्यार्थियों के माता-पिता और स्कूल का नाम व विद्यार्थी का रोल नंबर की जानकारी कैसे है? उन्होंने इसकी शिकायत प्रधानाचार्य के माध्यम से शिक्षाधिकारियों से की है।
खुद को बता रहा रिजल्ट अपलोडर
विद्यार्थियों को पास कराने के एवज में रुपये मांगने वाले खुद को लखनऊ और प्रयागराज में यूपी बोर्ड का रिजल्ट अपलोडर बता रहे हैं। भरोसा दिलाने के लिए वह विद्यार्थियों के रोल नंबर और अन्य जानकारी भी देता है। साथ ही एक विषय में पास करने लिए ढ़ाई हजार, 70 प्रतिशत अंक के लिए चार हजार और 80 प्रतिशत अंक के लिए साढ़े पांच हजार मांग रहे हैं।
तुरंत कर दो आनलाइन पेमेंट
फोन करने वाले व्यक्ति विद्यार्थियों को फोन कर रहे हैं और पास होने के लिए तुरंत बताए जा रहे नंबर पर रुपये भेजने की बोल रहा है।
एडवाइजरी जारी
मंडलीय संयुक्त शिक्षा निदेशक डा. मुकेश अग्रवाल का कहना है कि मामला गंभीर है। ऐसे मामलों की तुरंत पुलिस से शिकायत करें और अपने प्रधानाचार्यों को भी अवगत कराएं। पास करने के लिए इस तरह बोर्ड से किसी को फोन नहीं किया जाता। एहतियात के लिए मंडल के सभी जिला विद्यालय निरीक्षक को एडवाइजरी जारी कर ऐसे मामलों में कार्रवाई कराने के निर्देश दिए गए हैं विद्यार्थी किसी के झांसे में ना आए।