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UP Board Exam 2021: छात्राओं का केंद्र नहीं होगा पांच किमी से दूर, नाप-जोख कर होगा आवंटन

UP Board Exam 2021 छात्रों के लिए यूपी बोर्ड ने रखा है पांच से 10 किमी अधिकतम दूरी का नियम। बोर्ड की छात्राओं को स्वकेंद्र का मिलेगा लाभ न होने की स्थिति में दूरी का नियम होगा लागू।

By Tanu GuptaEdited By: Published: Sun, 29 Nov 2020 09:11 AM (IST)Updated: Sun, 29 Nov 2020 09:11 AM (IST)
बोर्ड की छात्राओं को स्वकेंद्र का मिलेगा लाभ

आगरा, जागरण संवाददाता। उप्र माध्यमिक शिक्षा परिषद (यूपी बोर्ड) ने केंद्र निर्धारण नीति की घोषणा के साथ ही बोर्ड परीक्षा की तैयारियों को रफ्तार दे दी है। बोर्ड के स्पष्ट निर्देश हैं कि विद्यार्थी चाहे संस्थागत हो या व्यक्तिगत, परीक्षा केंद्र उनके विद्यालय या अग्रसारण केंद्र से अधिकतम पांच से 10 किसी की परिधि में होना चाहिए।

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जिला विद्यालय निरीक्षण रवींद्र सिंह ने बताया कि बोर्ड के स्पष्ट निर्देश हैं कि बोर्ड परीक्षा में शामिल होने वाले विद्यार्थियों के केंद्रों की दूरी पर विशेष ध्यान दिया जाए। ऐसा न हों कि केंद्र दूर होने पर उन्हें परेशान होना पड़े। विषम भौगोलिक परिस्थिति व विद्यालय अनुपलब्धता की स्थिति में हाईस्कूल के विद्यार्थी को कम दूरी वाले परीक्षा केंद्र पर व इंटरमीडिएट के विद्यार्थी को दूर के परीक्षा केंद्र आवंटित किया जाए।

छात्राओं के लिए दूरी पांच किमी से कम

वहीं छात्राओं के लिए यह दूरी अधिकतम पांच किमी तय की गई है। इससे दूर के केंद्र को उनका परीक्षा केंद्र नहीं बनाया जाएगा। यदि किसी कारणवश उनका केंद्र दूर बनता है, तो जिला विद्यालय निरीक्षक द्वारा उसे रद् कर पास के विद्यालय के केंद्र बनाया जाएगा। वहीं वर्ष 2021 की हाईस्कूल और इंटर परीक्षा में शहरी व ग्रामीण क्षेत्र की सभी संस्थागत व व्यक्तिगत छात्राओं को उनका विद्यालय या अग्रसारण केंद्र ही परीक्षा केंद्र बनाया जाएगा, यानि उन्हें स्वकेंद्र की सुविधा दी जाएगी। स्वकेंद्र सुविधा न होने की स्थिति में अधिकतम पांच किमी दूरी वाला नियम लागू होगा।

वहीं दिव्यांग विद्यार्थियों को जिला विद्यालय निरीक्षण द्वारा सीएमओ द्वारा जारी प्रमाण पत्र की सत्यता परीक्षण कर उन्हें स्वकेंद्र की सुविधा दी जाएगी या केंद्र अधिकतम पांच किमी दूर ही आवंटित होगा।

ऐसे होगा निर्धारण

विद्यालय से परीक्षा केंद्र के बीच की दूरी का निर्धारण जिओ टैगिंग के माध्यम से किया जाएगा। इसके लिए बोर्ड ने सभी विद्यालयों को सुविधाओं और मानव संपदा का डाटा आनलाइन कराने के निर्देश दिए हैं। इसमें उनकी जिओ टैंगिंग भी शामिल होगी। जिओ टैंगिग विद्यालयों के बीच दूरी का आंकलन कर केंद्रों का आवंटन करेगा, इससे विभागीय हस्तक्षेप भी खत्म होगा। 


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