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मिलिये आगरा में जीत के इन 12 महारथियों से, जो बदलते रहे दल, जीतते रहे दिल

UP Assembly Election 2022 12 ऐसे पूर्व विधायक रहे हैं जिन्होंने दल बदल कर जारी रखा जीत का सफर। पांच पूर्व विधायक दल-बदल कर चुनावी मैदान में फिर से आजमा रहे हैं किस्मत। दल-बदलकर विधायक बनने वालों में सबसे ऊपर बदन सिंह हैं।

By Tanu GuptaEdited By: Published: Sat, 22 Jan 2022 04:31 PM (IST)Updated: Sat, 22 Jan 2022 04:31 PM (IST)
मिलिये आगरा में जीत के इन 12 महारथियों से,  जो बदलते रहे दल, जीतते रहे दिल
आगरा के 12 ऐसे पूर्व विधायक रहे हैं, जिन्होंने दल बदल कर जारी रखा जीत का सफर।

आगरा, राजीव शर्मा। ताजनगरी के सियासी संग्राम में ऐसा पहली बार नहीं है, जब चार पूर्व विधायक दल-बदल कर चुनावी रण में ताल ठोक रहे हैं। इससे पहले जिले की विभिन्न विधानसभा सीटों पर 12 ऐसे विधायक रहे हैं, जिन्होंने दल-बदल कर अपने जीत के सफर को जारी रखा। इनके दल भले ही बदलते रहे लेकिन मतदाताओं का दिल जीतने में सफल होते रहे।

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दल-बदलकर विधायक बनने वालों में सबसे ऊपर बदन सिंह हैं। फतेहपुर सीकरी विधानसभा सीट से पांच बार विधायक रहे बदन सिंह ने पांचों बार अलग-अलग पार्टियों के प्रत्याशी के रूप में चुनावी मैदान में उतरे और जीत दर्ज की। 2022 के रण में पांच पूर्व विधायक चुनावी मैदान में हैं। बदन सिंह पहली बार 1977 में जनता पार्टी के प्रत्याशी के रूप में चुनावी मैदान में उतरे। अगला चुनाव यानि 1980 में वह जनता पार्टी (सेकुलर) के प्रत्याशी के तौर पर जनता के बीच पहुंचे। मतदाताओं ने इस पर भी उन पर खूब प्यार लुटाया और विधानसभा तक पहुंचाया। अपने तीसरे चुनाव में उन्होंने फिर करवट ली और 1985 में लोकदल (एलकेडी) के टिकट पर चुनाव लड़े। इस बार भी विजयी हुए। उनके दल-बदल का सिलसिला यहीं नहीं रुका। लगातार तीन बार अलग-अलग दलों से चुनाव जीतने के बाद चौथे चुनाव में उन्होंने फिर से दल बदल दिया। 1989 में वह जनता दल से विधायक बने। मगर, 1991 के चुनाव में पहली बार वह उसी दल से चुनावी मैदान में उतरे, जिससे वह विधायक थे लेकिन चुनाव हार गए। इसलिए 1993 के चुनाव में उन्होंने जनता दल छोड़कर भाजपा प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ा और पांचवीं बार विजय पताका फहराया।

भदावर घराने के प्रत्याशियों ने भी कम दल नहीं बदले हैं। बाह विधानसभा सीट से 1957 के चुनाव में पहली बार रिपुदमन सिंह निर्दलीय चुनाव जीते। इसके बाद 1974 में उन्होंने स्वतंत्र पार्टी (एसडब्ल्यूए), 1977 में जनता पार्टी, 1980 में जनता पार्टी (सेकुलर) के टिकट पर चुनाव जीते। उनके बाद उनके पुत्र ने दल-बदल कर अपने जीत के सफर को जारी रखा। छह बार विधायक रह चुके अरिदमन सिंह 1989, 1991 और 1993 के चुनाव में जनता दल के प्रत्याशी के रूप में चुनाव जीते। 1996 और 2002 में उन्होंने भाजपा के टिकट पर चुनाव जीता। 2012 में वह समाजवादी पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़े और विधायक बने।

ये भी जीते दल-बदलकर चुनाव

- एत्मादपुर सीट से शिव चरन 1962 में सोशलिस्ट (एसओसी) के प्रत्याशी के रूप में चुनाव जीते। इसके बाद 1974 में ब्रजक्रांति दल (बीकेडी) से चुनाव जीता।

- एत्मादपुर सीट से चंद्रभान मौर्य पहली बार 1977 में जनता पार्टी से विधायक बने। इसके बाद 1985 में एलकेडी और 1989 व 1991 में जनता दल से चुनाव जीते। 1993 में सपा की टिकट पर चुनाव जीता।

- एत्मादपुर सीट से गंगा प्रसाद पुष्कर 1996 में बसपा और 2002 में रालोद के टिकट पर विधायक बने।

- दयालबाग सीट (वर्तमान में आगरा ग्रामीण) से विजय सिंह राणा 1980 में जनता पार्टी (सेकुलर), 1985 में एलकेडी, 1989 व 1991 में जनता दल से विधायक रहे।

- फतेहपुर सीकरी से रघुनाथ सिंह 1967 में भारतीय जनसंघ व 1969 में बीकेडी से विधायक बने।

- फतेहपुर सीकरी से चौधरी बाबूलाल 1996 में निर्दलीय व 2002 में रालोद के टिकट से चुनाव जीते।

- खेरागढ़ से मंडलेश्वर सिंह 1980 में कांग्रेस, 1989 में जनता दल और 1993 व 1996 में कांग्रेस से विधायक बने।

- फतेहाबाद से हुकुम सिंह 1967 और 1969 में संघटा सोशलिस्ट पार्टी (एसएसपी) और 1977 में जनता पार्टी से चुनाव जीता।

- फतेहाबाद से छोटेलाल वर्मा 1993 व 2002 में भाजपाउ तथा 2012 में बसपा के टिकट पर विधायक चुने गए।

अब ये हैं पूर्व विधायक चुनावी मैदान में

डा. धर्मपाल सिंह: एत्मादपुर सीट पर भाजपा प्रत्याशी हैं। इससे पहले ये 2012 में बसपा से इसी सीट पर विधायक रहे चुके हैं। 2007 में दयालबाग (वर्तमान में आगरा ग्रामीण) में जनमोर्चा से विधायक रह चुके हैं।

भगवान सिंह कुशवाह: खेरागढ़ सीट से भाजपा प्रत्याशी हैं। इससे पहले ये 2012 व 2007 में इसी सीट से बसपा के टिकट पर विधायक रह चुके हैं।

छोटेलाल वर्मा: फतेहाबाद सीट से भाजपा प्रत्याशी हैं। इससे पहले ये 1993 व 2002 में भाजपा और 2012 में बसपा के टिकट पर इसी सीट से विधायक रह चुके हैं।

मधुसूदन शर्मा: बाह सीट से सपा-रालोद गठबंधन प्रत्याशी हैं। इससे पहले ये वर्ष 2007 के चुनाव में बसपा के टिकट पर इसी सीट से चुनाव जीत चुके हैं।

चौधरी बाबूलाल: फतेहपुर सीकरी सीट से भाजपा प्रत्याशी हैं। इससे पहले ये 1996 में निर्दलीय और 2002 रालोद के टिकट पर विधायक रह चुके हैं। 


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