भाजपा का रथ रोकने की विपक्षियों ने की श्रीकांत की घेराबंदी... देखें मथुरा विधानसभा सीट का हाल
जो कन्हैया के काजे वो हमारौ प्यारौ। ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा के क्षेत्र में भाजपा विकास व अन्य पार्टियां उनकी घेराबंदी में जुटीं। कान्हा की क्रीड़ास्थली वृंदावन में भी चुनावी बयार तेज है। अब तक हुए चुनावों में नौ बार कांग्रेस जीती। पांच बार भाजपा ने जीत हासिल की।

आगरा, विनीत मिश्र। यहां राधे-राधे में प्रेम है, भावविहलता है, कामना है, अपेक्षा है, मनुहार है तो जिंदाबाद में समर्पण और समर्थन है। कान्हा की इस नगरी में राधारानी की सरकार चलती है, द्वारकाधीश यहीं विराजमान हैं। विघानसभा चुनाव के मैदान में उतरे योद्धा खुद को ही सर्वोत्तम मान रहे हैं। ... और मनभावन के तराजू में कौन भारी है और कौन है हल्का, क्या है आस। ब्रजवासी फिलहाल ये तो नहीं बताते किंतु मन की बात कहते हैं - जो कन्हैया के काजे, वो ही हमाओ। मथुरा के सियासी रुख को भांपती यह रिपोर्ट...
दोपहर के 12 बज रहे थे। शहर के हृदयस्थल होली गेट पर बुलाखी की दुकान पर कृष्णापुरी के विनोद अपने साथी कृष्ण कुमार के साथ खड़े थे। राधे-राधे से बात शुरू हुई तो विषय बन गया चुनावी। विनोद बोले,ये चुनाव बहुत कुछ दिखा रहा है। नेता द्वारे-द्वारे भटक रहे। सरकार ने मथुरा को तीर्थक्षेत्र घोषित कर अच्छा काम किया। अब विकास तेजी से होगा। ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने भी पांच साल में खूब काम किए हैैं, बात पूरी होती तभी, कृष्ण कुमार बोल पड़े- पूरे शहर को तीर्थक्षेत्र घोषित करना था, हमारा विश्राम घाट तो रह गया। सरकार की पूरी तरफदारी कर रहे विनोद से रहा नहीं गया, बोले, काहे परेशान है, अब हो जाएगा। इसी बीच, चाय के कुल्हड़ आ गए। चुस्की लेते होलीगेट के सियाराम शर्मा भी शामिल हो गए। यमुना अच्छी होने की उम्मीद है? सवाल पूरा होता, विनोद बोल पड़े, कुछ उम्मीद जागी है, बस काम होता रहे, तो शायद अपने जीते-जी पानी शुद्ध देख लें।
डीग गेट चौराहे पर एक ग्रुप में जातिगत चर्चा हो रही थी। पान दबाए दिलीप शर्मा बोले, इस बार हाथी की खूब कट रही। हर जाति-बिरादरी में सेंध लगा रहा है। दूसरे अपनी जाति के वोट बचाए फिर रहे। राधेश्याम चतुर्वेदी कैसे चुप रहते। बोले, पिछली बार का गणित देखो, भाजपा ने वोटों का जो पहाड़ खड़ा किया, उसे लांघना आसान नहीं है। इस बार काम भी खूब हुुआ है। ताकत दोगुनी हो गई। मेघश्याम से रहा नहीं गया, बोले, कांग्रेस को कम क्यों आंक रहे हो। पुराने काम के बूते दोनों हाथों से वोट बटोरेगी। सपा-रालोद साथ होने से ताकत उसे भी नजरअंदाज कैसे कर सकोगे। सबकी बातें सुन रहे कन्हैयालाल शर्मा धीरे से मुस्कुरा दिए। बोले, भाजपा ने तीर्थक्षेत्र बनाया, बिजली व्यवस्था ठीक रही, कुंभ पूर्व वैष्णव बैठक हुई, यमुना के लिए काम हो रहा है, वृंदावन की कुंजगलियां भी सुधरीं, तो जवाहरबाग का काम भी हुआ। दस मार्च तो आने दो, दूध का दूध, पानी का पानी हो जाएगा। जनता समझदार है, अपना भला-बुरा समझती है।
कान्हा की क्रीड़ास्थली वृंदावन में भी चुनावी बयार तेज है। नगर निगम चौराहे पर मिष्ठान भंडार पर खड़े वंशी शुक्ला, अनुराग शर्मा, जयप्रकाश गौड़ और ब्रजराज मिश्रा पांच साल का हिसाब-किताब लगा रहे थे। बांकेबिहारी मंदिर के आसपास की 22 गलियां दुरुस्त हो गईं, परिक्रमा मार्ग सुंदर हो गया। कुंभ पूर्व वैष्णव बैठक तो अभूतपूर्व थी,सुंदर बांगर में 400 एकड़ क्षेत्र में वनीकरण नया रूप लेने लगा है। सब कह रहे थे कि वास्तव में काम तो हुआ है। अनुराग ने कहा कि अखिलेश सरकार ने भी तो यहां काम कराए हैं, तो ब्रजराज ने कहा कि एक बात तो माननी पड़ेगी, यहां काम तो बसपा सरकार ने ही शुरू कराए थे। ये अलग बात है कि अंजाम तक अब पहुंच पाए हैं। इस्कान मंदिर क्षेत्र में पोशाक की दुकान पर धर्मेंद्र गौतम और अमित बजाज का कहना था कि प्रदीप माथुर इतने बार विधायक यूं ही नहीं बने। फिर बोले, उनका व्यवहार ही उन्हें जिताता रहा है। हां, उन्हें भी विकास कार्य कराने चाहिए थे।
जातिगत समीकरण
एक लाख ब्राह्मण, 1 लाख वैश्य, 25 हजार क्षत्रिय, 25 हजार बाल्मीकि, 25 हजार जाट,30 हजार मुस्लिम,20 हजार पंजाबी-ङ्क्षसधी, 15 हजार सैनी, 10 हजार लोधी,10 हजार प्रजापति, 30 हजार अन्य।
(नोट-ये आंकड़े अनुमानित हैं)
प्रमुख प्रत्याशी
श्रीकांत शर्मा(भाजपा)
प्रदीप माथुर(कांग्रेस)
एसके शर्मा (बसपा)
देवेंद्र अग्रवाल(सपा-रालोद)
मथुरा सीट का चुनावी परिदृश्य
अब तक हुए चुनावों में नौ बार कांग्रेस जीती। पांच बार भाजपा ने जीत हासिल की। कांग्रेस के प्रदीप माथुर 1985, 2002, 2007, 2012 में विधायक बने। 2017 में पहली बार विधायक बने श्रीकांत शर्मा ने रिकार्ड 101,161 वोटों से जीत हासिल की। मथुरा में सपा, बसपा और रालोद कभी चुनाव नहीं जीती।
2017 का चुनाव
श्रीकांत शर्मा (भाजपा) 143361 वोट
प्रदीप माथुर (कांग्रेस) 42200वोट
योगेश कुमार (बसपा) 31168 वोट
अशोक अग्रवाल (रालोद) 29080 वोट
Edited By Tanu Gupta