दुआओं की बजाते ताली, फिर भी हाथ खाली, जानिए समाज के इन विशेष वोटरों की कहानी
सरकारी योजनाओं का नहीं मिल पाता लाभ लेकिन हर चुनाव में निभाते हैं फर्ज।
आगरा, गगन राव पाटिल। अजी छोडि़ए साहब, हमें कौन पूछता है। ये तो हम हैं कि हर एक की खुशी की दुआ मनाते हैं, भला हमारी खुशी के मामले किसी के मसले कैसे हो सकते हैं। चुनाव में हमारी पूछ बस थोड़े बहुत वोट के कारण हो जाती है फिर कौन मुड़कर देखता है। मगर, शहर में इतने वोट है कि किसी की जीत हार का गणित बिठा सकें।
मथुरा में थर्ड जेंडर कहे जाने वालों की अलग से कोई बस्ती नहीं है। शहर के पिछड़े और औसत आय वाले मुहल्लों में अलग-अलग कई जगह रहते हैं। लोकसभा चुनाव को लेकर यह किस तरह की राय रखते हैं इसे जानने के लिए जागरण ने इनकी गलियों का रुख किया।
शहर के व्यवस्तम स्टेट बैंक चौराहा से मुर्गा फाटक की ओर बढऩे पर बाएं हाथ पर डेंपियर की ओर एक गली पड़ती है। यही नया नगला है। अभिजात्य वर्ग के डेंपियर से सटे इलाके में एक पैबंद की तरह। इसी नगला में किराए के कुछ घरों में थर्ड जेंडर यानी किन्नर रहते हैं।
थर्ड जेंडर को नजरंदाज करना किसी भी पार्टी के लिए ठीक होगा। इस वाल पर नया नगला निवासी 70 वर्षीय रजनी का कहना है कि किन्नरों ने अपने-अपने क्षेत्र बांट रखे हैं। तमाम मुद्दों पर एकजुट नहीं हैं। हम निम्नतम स्थितियों में रहते हैं। रहने के लिए मकान भी नहीं। हमारे लिए तो मकान ही मुद्दा है। इसके अलावा साफ-सफाई, स्वच्छ यमुना पर सरकार को ध्यान देना चाहिए। जैसा धर्मनगरी का नाम है, वैसा ही काम भी होना चाहिए।
मसानी इलाके के निम्न आय वाले बैरागपुरा मोहल्ले में रहने वाली 40 वर्षीय पूर्व सभासद मुन्ना भाई किन्नर का कहना है कि हमारे पास पैसा तब आता है, जब लोगों का कारोबार चलता है। बीते कुछ सालों में व्यापार मंदी में बीते हैं। इसका असर हमारी कमाई पर भी पड़ा है। लोग कारोबार मंदी की ही दुहाई देते रहे। यह होली भी अच्छी नहीं बीती। सरकार को अनपढ़ों और युवतियों के लिए कुछ करना चाहिए। बिना शिक्षा के इनका जीवन व्यर्थ है।
क्या है इनका कहना
इस बार मैं पहली बार वोट डालने जाऊंगी। जो भी सांसद चुनकर आए उससे यही उम्मीद है कि वह बाद में भी अपने वादे अनुसार काम करे।
पायल, किन्नर नया नगला
लोगों के कारोबार अच्छे चलें, यही सबसे बड़ी मांग है। क्योंकि इनके चलने के बाद ही पैसा आएगा। पिछले कुछ सालों में काफी परेशानी झेलनी पड़ी है।
मुन्ना भाई किन्नर, बैरागपुरा
हमारे पास अपने घर नहीं है। जिससे चलते काफी परेशानी होती है। कोई किराए पर भी जल्द मकान नहीं देता है। हमें अपने क्षेत्र में मकान दिलवा दिए जाएं।
रजनी, नया नगला
यमुना की गंदगी दिल दुखाती है। सफाई के नाम ज्यादा कुछ होता नहीं दिख रहा है। नदी शहर के लोगों के लिए धर्म से जुड़ा मुददा है। इस पर सरकार को ध्यान देना चाहिए।
साधना भाई, बैरागपुरा
वोट देते हैं, सुविधा भी मिले
फीरोजाबाद के किन्नरों का है कहना
हम लोग भी हरेक चुनाव में मतदान करते हैं। परंतु सरकारी योजनाओं का लाभ भी नहीं मिल पाता। न तो उनका राशन कार्ड बनाया जाता, न ही आयुष्मान योजना का लाभ मिल रहा है। आरक्षण की व्यवस्था भी नहीं है। सुहागनगरी में समाज के लिए एक धर्मशाला की जरूरत है।
किन्नर प्रीति
संत नगर, फीरोजाबाद
मोहम्मदाबाद गांव निवासी किन्नर सीमा ने बताया कि लोकतंत्र को मजबूत बनाने में हम लोग भी कभी पीछे नहीं रहते। मतदान के दिन सबसे पहले हम लोग वोट डालने जाते हैं। इसके बाद भी हम लोग कल भी उपेक्षा का शिकार थे और आज भी हैं।
किन्नर सीमा
मोहम्मदाबाद, टूंडला
क्या है फीरोजाबाद में स्थिति
- जिले में कुल 82 थर्ड जेंडर मतदाता
- जिले में करीब 350 की आबादी है।
नहीं मिलता योजनाओं का लाभ
हर चुनाव में हम लोग मताधिकार का प्रयोग करते हैं। इस बार भी सभी अपने वोट का इस्तेमाल करेंगे। मगर, सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिलता।
किन्नर गुरु मुस्कान
मैनपुरी शहर
- मैनपुरी जिले में कुल 44 थर्ड जेंडर
एटा में किन्नरों की स्थिति
- जिले में करीब एक सौ किन्नर रहते हैं।
- शहर के मारहरा गेट, वनगांव, पीपल अड्डा आदि मुहल्लों में किन्नर रहते हैं।
- किन्नरों की अलग से कोई बस्ती नहीं, इसलिए सामूहिक रूप से कोई सुविधा नहीं मिलती।
- कई किन्नरों पर मुकदमे भी दर्ज हैं।
कासगंज
- जिले में 100 से अधिक आबादी है। लेकिन मात्र 31 वोट ही बने हैं।
समाज के लोग मतदान अवश्य करते हैं, लेकिन कईयों के वोट नहीं बन पाते हैं। कुछ लोग बाहर आते-जाते रहते हैं। समाज ऐसे प्रत्याशी को वोट देता है, जिसका कार्य अच्छा होता है, क्योंकि अच्छा व्यक्ति ही समाज का भला कर सकता है।
पूजा
अध्यक्ष, किन्नर समाज