कोहरे में लगेगी ट्रेनों की रफतार पर लगाम, 75 किमी प्रति घंटा से तेज नहीं दौड़ेगी ट्रेन
कोहरे को देखते हुए रेलवे ने तय की ट्रेनों की गति चालकों को उपलब्ध कराई हैं फाग सेफ डिवाइस सिग्नल से 500 मीटर पूर्व मिलेगी चालकाें काे जानकारी बिना डिवाइस वाली ट्रेनें 60 किमी प्रति घंटा से दौड़ेंगी
आगरा, जागरण संवाददाता। ट्रेनों पर कोहरे का असर दिखाई देना लगा है। कोहरे में ट्रेनों का बेहतर संचालन हो सके इसके लिए चालकों को फाग सेफ डिवाइस उपलब्ध करा दी गई हैं, लेकिन संरक्षा और सुरक्षा को पुख्ता करने के लिए कोहरे के चलते रेलवे ने ट्रेनों की गति सीमा निर्धारित कर दी है। जिन ट्रेनों में फाग सेफ डिवाइस होंगी, वो अधिकतम 75 किमी प्रति घंटा और बिना डिवाइस वाली ट्रेनें 60 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से ही दौड़ेंगी।
रेलवे सर्दी की शुरुआत में कोहरे में ट्रेनों के बेहतर संचालन के लिए चालकों को फाग सेफ डिवाइस उपलब्ध कराता है। अब जब कोहरे ने ट्रेनों को प्रभावित करना शुरू कर दिया है तो फाग सेफ डिवाइस चालकों के काम आ रही हैं। इस डिवाइस से चालकों को कोहरे में सिग्नल के बारे में पता चलने में मदद मिलती है। डिवाइस सिग्नल से 500 मीटर पहले चालक को अलर्ट कर देती है। डिवाइस बता देती है कि सिग्नल ग्रीन, येलो या रेड है। जानकारी मिलते ही लोको पायलट गति नियंत्रित कर लेते हैं। लोको पायलट को ट्रेनों की रफ्तार को लेकर भी निर्देश दिए गए हैं। डिवाइस लगी ट्रेनें धुंध में 100 फीसद दृश्यता होने पर ट्रेन 75 किमी प्रति घंटा से अधिक की रफ्तार से नहीं चलेंगी। जिनमें डिवाइस नहीं है वो धुंध में 60 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से तेज नहीं दौड़ेंगी।
कोच में लग रहीं फ्लैशिंग टेल लैंप
कोहरे को देखते हुए रेलवे द्वारा ट्रेन की रेक में सबसे पीछे लाल बत्ती की जगह फ्लैशिंग टेल लाइट लगाई जा रही हैं। फाटक पर हार्न बजाना अनिवार्य होगा। इसके साथ समपार फाटक पर चालक को ट्रेन की रफ्तार कम करनी होगी।