Fraud: ARTO के फर्जी आदेश बना अदालत को किया गुमराह, अब खुली जाकर पोल
Fraud इरादत नगर का मामला फर्जी रसीद दिखा कोर्ट से प्राप्त किए थे ट्रैक्टर-ट्राली मुक्त कराने के आदेश। पुलिस द्वारा सत्यापन कराने पर खुला मामला अदालत ने खारिज की आरोपित की अग्रिम जमानत याचिका। शासन की ओर से इस मामले की पैरवी सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता आदर्श चौधरी ने की।
आगरा, जागरण संवाददाता। सहायक परिवहन अधिकारी (एआरटीओ) के फर्जी आदेश बना आरोपित ने अदालत को गुमराह कर दिया। पुलिस द्वारा पकड़ी गई बालू से भरी ट्रैक्टर-ट्राली को अवमुक्त कराने के आदेश जारी करा लिए। आदेश लेकर थाने पहुंचने पर पुलिस को शक हो गया। उसने आरटीओ विभाग द्वारा जारी की गई रसीद का सत्यापन कराया तो वह फर्जी निकली। मामले में आरोपित की ओर से प्रस्तुत अग्रिम याचिका को अदालत ने खारिज करने के आदेश दिए।
घटना इरादत नगर थाने की है। दस जुलाई 2020 को प्रभारी निरीक्षक इरादत नगर सूरज प्रसाद थाने पर माैजूद थे। धौलपुर के थाना दिहौली के गाेपालपुर निवासी बालतर वहां आया। उसने प्रभारी निरीक्षक के सामने एसडीएम खेरागढ़ द्वारा प्रेषित वाहन ट्रैक्टर के खनिज परिवहन से संबंधित शमन शुल्क जमा कराते हुए उसे अवमुक्त कराने के अदालत के आदेश संबंधी प्रपत्र प्रस्तुत किए। अदालत द्वारा प्रभारी निरीक्षक को निर्देश दिए गए थे कि उक्त वाहन के संबंध में जांच करके अन्य मामलों में वांछित न होने पर वाहन स्वामी के हक में अवमुक्त करने के आदेश दिए गए थे।
प्रभारी निरीक्षक द्वारा आरटीओ से जारी हुए प्रपत्र का सत्यापन कराया गया। वहां पता चला कि अदालत में जो रसीद प्रस्तुत की गई थीं, वह फर्जी हैं। आरटीओ ने इस तरह की कोई रसीद जारी ही नहीं की थीं। आरोपित और अन्य ने धोखाधड़ी से कूटरचित दस्तावेज तैयार करके रसीदों पर एआरटीओ की फर्जी मुहर एवं हस्ताक्षर बनाए थे। जिन्हें अदालत में प्रस्तुत करके धोखे से वाहन को अवमुक्त कराने का आदेश हासिल किया था। उक्त मामले में आरोपित बालतर द्वारा प्रस्तुत अग्रिम जमानत याचिका को अदालत ने खारिज कर दिया। शासन की ओर से इस मामले की पैरवी सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता आदर्श चौधरी ने की।