World Heritage Week: स्मारकों में पर्यटकों को बिना टिकट मिल रहा प्रवेश, लेकिन कैपिंग है लागू
World Heritage Week 19 से 25 नवंबर तक मनाया जाएगा विश्व धरोहर सप्ताह। ताजमहल में विश्व धरोहरों के संरक्षण का संदेश दे रही प्रदर्शनी। कैपिंग न बढ़ने से रोजाना ताजमहल देखे बगैर लौट रहे हैं पर्यटक। पर्यटन पर मौसम का भी असर नजर आने लगा है।
आगरा, जागरण संवाददाता। गुरुवार से विश्व धरोहर सप्ताह शुरू हो गया। ताजमहल समेत देशभर के स्मारकों में पर्यटकों को बिना टिकट प्रवेश दिया जा रहा है। पर्यटकों से प्रवेश शुल्क तो नहीं लिया जा रहा है, लेकिन कैपिंग लागू है।
यूनेस्को द्वारा प्रतिवर्ष 19 से 25 नवंबर तक विश्व धरोहर सप्ताह मनाया जाता है। इसका उद्देश्य स्मारकों के संरक्षण के प्रति लोगों को जागरूक करना और उन्हें भविष्य की पीढ़ियों के लिए सुरक्षित रखना है। अधीक्षण पुरातत्वविद वसंत कुमार स्वर्णकार ने आगरा सर्किल के सब-सर्किलों में आने वाले स्मारकों के संरक्षण सहायकों को विश्व धरोहर सप्ताह के पहले दिन प्रवेश शुल्क नहीं लिए जाने के निर्देश दिए थे। जिसके बाद गुरुवार को किसी स्मारक में टिकट लागू नहीं है। स्मारकों को देखने पहुंचे पर्यटक टिकट लागू न होने से खुश नजर आए। ताजमहल में विश्व धरोहरों से सम्बंधित चित्रों की प्रदर्शनी लगाई गई है। इसमें देश मे स्थित विश्व धरोहर स्थलों की जानकारी पर्यटकों को मिल रही है। स्मारकों में टिकट भले ही लागू न हों, लेकिन उनमें निर्धारित कैपिंग के अनुसार ही पर्यटकों को प्रवेश दिया जाएगा। ताजमहल में पांच हजार, आगरा किला में 2500 और अन्य स्मारकों में दो हजार की कैपिंग है।
कैपिंग नहीं बढ़ी तो ताज की छवि होगी खराब
कोरोना के बाद अब पर्यटन पर मौसम का भी असर नजर आने लगा है। ताजमहल की कैपिंग अगर नहीं बढ़ाई गई तो स्मारक की छवि को नुकसान पहुंचेगा। पिछले चार दिनों में यहां से लगातार पर्यटक लौटे हैं। आने वाले दिनों में मौसम में आए बदलाव के साथ यह समस्या और गंभीर हो सकती है।
कोरोना काल में खोले गए ताजमहल में कैपिंग लागू है। यहां एक दिन में अधिकतम पांच हजार टिकट ही बुक हो सकते हैं। सुबह व दोपहर के स्लाट में 2500-2500 पर्यटक ही ताज देख सकते हैं। वीकेंड को छोड़कर ताजमहल में कम ही पर्यटक आ रहे हैं। इस पर अब मौसम का भी असर नजर आने लगा है। आने वाले दिनों में सुबह के समय कोहरा व धुंध के चलते दृश्यता प्रभावित होने से पर्यटक यहां नहीं आ पाएंगे। जिससे दोपहर के स्लाट में केवल 2500 टिकटें ही बुकिंग को उपलब्ध होने से पर्यटकों को परेशानी का सामना करना पड़ेगा। पर्यटन उद्यमी इसी वजह से कैपिंग बढ़ाने की मांग कर रहे हैं। मेयर नवीन जैन ने भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र भेजा है। कैपिंग बढ़ाने का निर्णय गृह मंत्रालय के स्तर से होना है, जिसके चलते एएसआइ कोई बदलाव नहीं कर पा रहा है।