दीदार से पहले इंतजार की 'सजा'
दीदार-ए-ताज का ख्वाब संजोए आगरा आने वाले सैलानियों को स्मारक के दीदार से अधिक समय लाइन में इंतजार करते हुए बिताना पड़ रहा है। प्रवेश द्वार पर सुरक्षा जांच के बाद चमेली फर्श और मुख्य मकबरे पर उन्हें लंबी लाइनों में लगना पड़ता है। इससे बुजुर्गो, बच्चों और महिलाओं को काफी परेशानी उठानी पड़ रही है।
जागरण संवाददाता, आगरा: दीदार-ए-ताज का ख्वाब संजोए आगरा आने वाले सैलानियों को स्मारक के दीदार से अधिक समय लाइन में इंतजार करते हुए बिताना पड़ रहा है। प्रवेश द्वार पर सुरक्षा जांच के बाद चमेली फर्श और मुख्य मकबरे पर उन्हें लंबी लाइनों में लगना पड़ता है। इससे बुजुर्गो, बच्चों और महिलाओं को काफी परेशानी उठानी पड़ रही है।
ताजनगरी में चल रहे पर्यटन सीजन में रोजाना ताज देखने के लिए 20 हजार से अधिक पर्यटक पहुंच रहे हैं। सप्ताहांत में शनिवार व रविवार को यह संख्या और बढ़ जाती है। स्मारक पर भीड़ के अनुकूल व्यवस्थाएं नहीं किए जाने से सैलानियों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। शनिवार को भी दोपहर 12 बजे के बाद स्मारक पर लंबी लाइन लगीं। पश्चिमी गेट पर नीम तिराहा बैरियर, पूर्वी गेट पर पाठक प्रेस बैरियर तक लाइन पहुंच गई। पर्यटकों को सुरक्षा जांच के चलते करीब आधा-आधा घंटा तक लाइन में लगना पड़ा। मुख्य मकबरे पर विदेशी सैलानियों को तो चमेली फर्श से सीधे प्रवेश मिल जाता है, मगर घरेलू पर्यटकों के लिए अलग व्यवस्था है। उन्हें मेहमानखाना की तरफ से चमेली फर्श पर प्रवेश मिलता है। इसके बाद वह यमुना किनारा, शाही मस्जिद की तरफ से घूमकर मुख्य मकबरे की सीढि़यों तक पहुंचते हैं। उनका इंतजार यहीं खत्म नहीं होता। सीढि़यां चढ़ने के बाद ऊपर भी उन्हें मुख्य मकबरे का पूरा चक्कर काटना पड़ता है। शनिवार को ऐसा ही नजारा देखने को मिला। ताज देखने के लिए एक पर्यटक को औसतन 40 मिनट का समय लगता है, लेकिन सैलानियों का इससे अधिक समय लाइन में इंतजार करते हुए ही बिताना पड़ रहा है।
शनिवार को ताज पर 23106 टिकट बिके। इसमें 15 वर्ष तक के बच्चों और ऑनलाइन टिकट बिक्री की संख्या नहीं है। अनुमान लगाया जा रहा है कि दिन भर में करीब 40 हजार पर्यटकों ने स्मारक निहारा।
ताज पर टिकट बिक्री की स्थिति
भारतीय, 19098
विदेशी, 3338
सार्क, 670
कुल, 23106