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ताजनगरी में एयर कनेक्टिविटी को नहीं लग पाए पंख, ये रहे कारण Agra News

पर्यटन नगरी होने के बाद भी नहीं मिल सकी ताजनगरी को ‘उड़ानें’। ट्रेनों के शाम को आगरा आने और सुबह जाने की मांग भी है ख्वाब।

By Tanu GuptaEdited By: Published: Sat, 05 Oct 2019 05:08 PM (IST)Updated: Sat, 05 Oct 2019 05:08 PM (IST)
ताजनगरी में एयर कनेक्टिविटी को नहीं लग पाए पंख, ये रहे कारण Agra News
ताजनगरी में एयर कनेक्टिविटी को नहीं लग पाए पंख, ये रहे कारण Agra News

आगरा, जागरण संवाददाता। देश के विकास का अंदाजा एक शहर की दूसरे शहर से कनेक्टिविटी की सुविधा को देखकर लगाया जा सकता है। वर्तमान में बेहतरीन हाईवे बने हैं, लेकिन शहरवासियों के सामने अभी भी पब्लिक ट्रांसपोर्ट को लेकर कई समस्याएं हैं। पर्यटन नगरी होने के नाते लंबे समय से यहां पर अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट की मांग उठ रही है। एयरपोर्ट का ख्वाब तो दूर की बात है, प्रमुख शहरों से आगरा की एयर कनेक्टिविटी दशकों बाद भी एक सपना बनी हुई है।

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अनुमति के चलते फंसा सिविल एन्क्लेव

सिविल एन्क्लेव को मंजूरी मिले लंबा समय हो गया। सिविल एन्क्लेव का मामला केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा की गई उद्योगों की नई कैटेगरी के चलते अभी भी फंसा हुआ है। आगरा में व्हाइट कैटेगरी लागू है, जिसके चलते यहां पांच हजार वर्ग मीटर से अधिक क्षेत्रफल वाले निर्माण नहीं हो सकते। सुप्रीम कोर्ट का यथा स्थिति का आदेश होने के साथ यहां नेशनल ग्रीन टिब्यूनल द्वारा लगाया गया तदर्थ रोक का आदेश भी प्रभावी है।

लोगों की नहीं है पहुंच

वर्तमान में सिविल एन्क्लेव एयरफोर्स एरिया में है। यहां स्थानीय लोगों की सीधे पहुंच नहीं है। जो लोग यहां से फ्लाइट पकड़ना भी चाहते हैं वो ज्यादा तामझाम होने के कारण नहीं आते हैं। टिकट होने पर ही यात्रियों को अर्जुन नगर गेट से प्रवेश दिया जाता है। कई बार अंदर वाहन की व्यवस्था नहीं होने से यात्री परेशान हो चुके हैं।

फ्लाइट कंपनियों की मनमानी

पर्यटन नगरी होने के कारण यहां लाखों की संख्या में देशी-विदेशी पर्यटक आते हैं। लंबे समय से यहां प्रमुख शहरों से सीधी फ्लाइट की मांग उठ रही है। वर्तमान में यहां एयर इंडिया की दिल्ली-वाराणसी-आगरा-खजुराहो फ्लाइट आती है, जो 28 अक्टूबर से मार्च तक के लिए स्थगित कर दी गई है। वहीं एलाइंस एयर की जयपुर-आगरा-जयपुर फ्लाइट भी सप्ताह में चार से घटाकर तीन दिन कर दी गई है। दक्षिण भारतीय शहरों व दिल्ली से सीधे फ्लाइट की मांग वर्षो से अधूरी है।

नहीं पूरी हुई रात में प्रमुख ट्रेन के ठहराव की मांग

दिल्ली में अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट होने के चलते विदेशी पर्यटक सीधे वहीं उतरते हैं। ऐसे में वह सुबह ट्रेन से आगरा आते हैं और शाम को फिर उसी ट्रेन से लौट जाते हैं। लंबे समय से दिल्ली से आगरा के लिए शताब्दी, गतिमान जैसी ट्रेनों को शाम को चलाने की मांग पर्यटन उद्यमी कर रहे हैं, जिससे पर्यटक रात को यहां आएं और रात्रि प्रवास करें।

टूंडला पर शताब्दी का ठहराव

लंबे समय से दिल्ली-कानपुर शताब्दी की टूंडला स्टेशन पर ठहराव की मांग उठ रही है। सांसद भी इस मांग को उठा चुके हैं, लेकिन अभी तक ये मांग पूरी नहीं हुई है। पर्यटन उद्यमियों की वंदे भारत और तेजस ट्रेनों के ठहराव की मांग पर भी सरकार ध्यान नहीं दे रही।

डग्गामार वाहनों को नहीं रोक पाया रोडवेज

आइएसबीटी के बाहर डग्गामार वाहन संचालित होते हैं। अधिकारियों की आंखों के सामने ये बेखौफ यात्रियों को अपनी बसों में बैठाते हैं। यमुना एक्सप्रेस-वे पर खटारा बसें बेखौफ दौड़ाई जा रही हैं। यात्रियों की जान के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। विभाग डग्गामार वाहनों पर लगाम नहीं कस पा रहा है।

रात में अंधेरे में रहता है आइएसबीटी

रोडवेज बसों के संचालन के लिए शहर के बीचोंबीच आइएसबीटी बनाया गया। अभी भी ये बस स्टैंड बदहाल है। बस स्टैंड के आसपास और अंदर की सड़क बदहाल हैं। लाइटें सही न होने के कारण रात को अंधेरा रहता है।


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