Tiddi Dal Attack In UP: आगरा से महज 40 किमी दूरी पर है आफत, अलर्ट किया जारी
Tiddi Dal Attack In UP एक दल बयाना और दूसरा है दौसा के निकट। बुधवार रात पिनाहट में मार गिराई थी 70 फीसद टिड्डियां। बची हुई ने पिनाहट से फीरोजाबाद की ओर भरी थी उड़ान।
आगरा, जागरण संवाददाता। राजस्थान की ओर से रोज उड़ान भर रही आसामनी आफत से किसान परेशान हो गए हैं। बुधवार शाम पिनाहट में आए दल ने गुरुवार सुबह तक फसलों को नुकसान पहुंचाया था। शुक्रवार को चार दल आगरा की ओर आ रहे हैं। इसमें से एक बयाना के निकट है, जिसकी दूरी 40 किलोमीटर है। दूसरा दल दौंसा के पास था, जिसकी दूरी 80 किमी बताई जा रही है। बयाना के निकट बाला दल जगनेर के रास्ते आगरा में प्रवेश कर सकता है।
बुधवार शाम मुरैना की ओर से आए एक टिड्डी दल ने पिनाहट में प्रवेश कर दिया था। पिनाहट ब्लाॅक के गांव उदयपुर खालसा सहित आस-पास के गांव में रातभर डेरा जमाए टिड्डी दल ने पेड़ों की पत्तियों को नष्ट किया तो फसलों को भी नुकसान पहुंचाया। टिड्डियों के कारण पेड़ों से मोटी-मोटी तने टूटकर गिर रहे थे। दल की सूचना पर पिनाहट पहुंचे जिला कृषि रक्षा अधिकारी ने रात 12 बजे से ऑपरेशन शुरू करा दिया। इसके लिए एक फायर बिग्रेड और तीन ट्रैक्टर के माध्यम से स्प्रे कराया गया। इसके बाद कुछ टिड्डियां तो तत्काल ही मरकर नीचे गिरने लगी, जबकि जिन पर हल्का स्प्रे हुआ उन्हाेंने गुरुवार सुबह तक दम तोड़ा। नौ बजे तक टिड्डियों को मार गिराने की प्रकि्रया चलती रही, जिसमें 17 लीटर कीटनाशी का प्रयोग किया गया। इसके बाद भी 30 फीसद टिड्डियां बच गई, जिन्होंने फीरोजाबाद की ओर रुख कर दिया। इसके बाद ग्रामीणों ने भी राहत की सांस ली। कृषि रक्षा अधिकारी ने बताया कि दल सवा किलोमीटर लंबा था, जिसमें से 70 से 75 फीसद को नष्ट कर दिया है। बचा हुआ दल फीरोजाबाद की तरफ उड़ गया। शुक्रवार को तीन से चार दलों ने आगरा की ओर उड़ान भरी है। इसमें से एक दल 40 किलो मीटर दूरी पर है और दूसरा 80 किलोमीटर दूरी पर है। हवा का रुख इनकी दिशा निर्धारित करेगा। उम्मीद है कि 40 किमी दूर वाला दल जो बयाना के निकट है वह जगनेर के ऊपर होता हुआ धौलपुर की ओर निकल जाएगा।
10 किमी की होती है रफ्तार, ऐसे करें बचाव
जिला कृषि रक्षा अधिकारी डॉ. रामप्रवेश ने बताया कि टिड्डी दल 10 से 15 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से चलते हुए एक दिन में 100 से 150 किमी का सफर तय कर सकता है। ये जहां बैठता है पूरी फसल चट कर जाता है। ये अपने वजन से अधिक खाता है और हरी पत्ती, फूल, बीज सभी को नष्ट करती है। किसान भी खेतों में क्लोरोपाइरीफांस 20 फीसद या मैलाथियान 96 फीसद कीटनाशक का छिड़काव कर सकते हैं। अगर टिड्डियों का हमला होता है ताे किसान थाली, नगाड़े बजाकर, पटाखे चलाकर भी इन्हें भगा सकते है।