Tiddi Dal Attack in Agra: खतरा अभी टला नहींं है, ताजनगरी के बेहद करीब है एक और टिड्डी दल
Tiddi Dal Attack in Agra रुदावल पास टिड्डी दल आगरा की ओर रुख करके उड़ रहा है। पिनाहट के गांव में रात में दो फायर बिग्रेड लगा मारी 70 फीसद टिड्डी।
आगरा, जागरण संवाददाता। ब्रज में टिड्डियों का खतरा अभी टला नहीं है। हजारों- लाखों की तादाद में खतरा ताजनगरी के सिर पर अभी भी मंडरा रहा है। रुदावल के पास एक और टिड्डी दल मंडरा रहा है। दल की लंबाई करीब 400 मीटर है, जबकि आगरा से दूरी तहज 12 किमी बताई जा रही है। अब सबकुछ हवा के रुख पर निर्भर है। दल के दूसरी ओर जाने की भी उम्मीद है। इसके अलावा एक और टिड्डी दल आगरा की ओर बढ़ चला है। ये दल देहरा से चला है। आगरा से करीब 15 किमी दूरी पर है। यदि हवा का रुख बदला तो टिड्डी दल मध्य प्रदेश की ओर भी जा सकता है।
हांलाकि शनिवार रात को मप्र की ओर जा रहे टिड्डी दल में से आगरा में ठहरे छोटे-छोटे टिड्डी समूह को कृषि विभाग ने स्प्रे कर मार गिराया था। इसके बाद रविवार दोपहर में अचानक एक दल बिचपुरी क्षेत्र में एक टूटे भट्टे पर पहुंचने की सूचना पर अफरा-तफरी मच गई। इस दल को भी मार गिराया गया। इसमें दो से तीन हजार टिड्डी का छोटा समूह मुख्य दल से टूट कर आ गया था। वहीं करौली की ओर से आगरा आ रहे दो दलों ने मप्र की ओर रुख कर लिया। धौलपुर से आगरा आ रहे दल के तीन टुकड़े होने के बाद वह भी आगरा जिले के आस-पास था, लेकिन वे भी रवाना हो गए। इसके बाद भी भरतपुर के देहरा में रविवार देरशाम तक एक किलोमीटर का एक दल मौजूद था, जिसकी आगरा से दूरी 25 किलोमीटर है। अगर तेज हवा चली तो ये देर शाम तक आगरा आ सकता है। शनिवार को बारिश आने के कारण टिड्डी दल का कुछ हिस्सा रुख बदल पिनाहट के मानिकपुरा, सुताहरी, बसई अरेला, अरनौटा, महापुर में प्रवेश कर गया था। ग्रामीणों के साथ कृषि विभाग की टीम ने पूरे इलाके में ध्वनि कर सैकड़ों टिड्डियों को टिकने से पहले भगा दिया, इसके बाद भी सैकड़ों टिड्यां अलग-अलग झुंड में बच गई थी। जिला कृषि रक्षा अधिकारी डॉ. रामप्रवेश ने रात को स्वयं मोर्चा संभाला और टीम के साथ क्षेत्र में टिड्डी नष्ट करने जुट गए। उन्होंने बताया कि रात में दो फायर बिग्रेड, पांच ट्रेक्टर, 81 लीटर कीटनाशक का प्रयोग कर 70 फीसद टिड्डियों को मार गिराया गया। 30 फीसद बची हुई टिड्डी रविवार सुबह फीरोजाबाद की ओर रवाना हो गई। देहरा में मौजूद दल का भय बना हुआ है। अगर ये आया तो फतेहपुर सीकरी की ओर से प्रवेश करने की आशंका है। रात में टीम मुस्तैद है और ग्रामीणों को भी जागरुक किया गया है। पिनाहट में भी ग्रामीणों का भरपूर सहयोग मिला था। अगर ये दल सुबह आया तो सीधे उड़कर निकलने की उम्मीद है।
उधर कासगंज के कादरगंज में कादरगंज क्षेत्र में रात में एक टिड्डी दल ने डेरा जमाया। हालांकि यह दल खेतों में नहीं उतरा, बल्कि पेड़ों पर ही डेरा जमाए रहा। रात में ही दमकल के साथ में ट्रैक्टर एवं अन्य वाहनों से टिड्डियों पर स्प्रे भी किया गया। सुबह यह दल गंगा किनारे वापस अलीगढ़ की तरफ चल पड़ा। 10 बजे करीब दल कछला बदायूं जिले में पहुंचा, लेकिन हवा तेज होने के कारण यह बार-बार रास्ता बदल रहा है। अभी फिर से कासगंज में आ गया है। कृषि विभाग की टीम दल का पीछा कर रही है तथा माना जा रहा है कि या तो यह अलीगढ की सीमा में प्रवेश करेगा या फिर संभल जाएगा।
एक घंटे में 10 किमी का करता है सफर, ऐसे करें बचाव
टिड्डी दल एक दिन में 100 से 150 कमी का सफर तय कर सकता है। ये 10 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से चलता है। ये अपने वजन से अधिक खाता है और हरी पत्ती, फूल, बीज सभी को नष्ट करती है। ये बड़े झुंड में आती है, जिससे खेतों के खेत नष्ट कर चली जाती है। किसानों को कर्मचारी सतर्क कर रहे हैं, तो रोकथाम के इंतजाम किए जा रहे हैं। खेतों में सब्जियां तो आम, अमरूद, फालसे, जामुन के पेड़ को नुकसान पहुंचने की आशंका है। रात में टिड्डी बैठती है, तब इन पर स्प्रे होता है। किसान भी खेतों में क्लोरोपाइरीफांस 20 फीसद या मैलाथियान 96 फीसद कीटनाशक का छिड़काव कर सकते हैं। टिड्डियों का हमला होने पर किसान थाली, नगाड़े बजाकर, पटाखे चलाकर भी इन्हें भगा सकते है।