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55 साल से लगातार सज रहा तिब्बती बाजार, जानिए कहां

1964 में पहली बार बिजली घर चौराहे पर सजा था बाजार - 200 से 2500 रुपये तक के आइटम मिल रहा

By JagranEdited By: Published: Thu, 14 Nov 2019 10:00 AM (IST)Updated: Sun, 17 Nov 2019 06:03 AM (IST)
55 साल से लगातार सज रहा तिब्बती बाजार, जानिए कहां
55 साल से लगातार सज रहा तिब्बती बाजार, जानिए कहां

आगरा, जागरण संवाददाता। सर्दियों ने दस्तक दे दी हैं। इसके साथ शहर में गर्म कपड़ों के बाजार लग गए हैं। बिजली घर पर भी तिब्बत बाजार सज गया है। इस बार लेटेस्ट फैशन के आइटम के साथ तिब्बती दुकानदार आए हैं। 55 साल से लगातार गर्म कपड़ों का बाजार लग रहा है।

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सर्दी की शुरुआत होने पर गर्म कपड़ों की खरीदारी के लिए शहर का एक बड़ा तबका तिब्बत बाजार लगने का इंतजार करता है। दुकानदारों ने बताया कि बाजार में 200 रुपये से लेकर 2500 रुपये तक के आइटम हैं। पुरुषों के लिए लेदर लुक जैकेट, पैराशूट फैबरिक जैकेट, स्पोर्टी जैकेट की रेंज है। वहीं महिलाओं के लिए शॉल, जैकेट, कुर्ती और लैगिंग आई हैं। बाजार में 36 दुकानें लगी हैं। पांच फरवरी तक बाजार चलेगा। 1964 में पहली बार लगा था बाजार :

पहली बार 1964 में जब यहां बाजार लगना शुरू हुआ था तब से अब तक लगातार 70 वर्षीय पाल जोर ताजनगरी आ रहे हैं। उन्होंने बताया कि 1964 में पहली बार आगरा आए थे। उस समय आंबेडकर पार्क के पास ही कुछ दुकानें लगती थीं। धीरे-धीरे लोगों का प्यार मिलता गया, दुकानों की संख्या बढ़ती गई। वहीं, दोरजे भी पिछले 50 साल से आगरा आ रहे हैं। उन्होंने बताया कि पहले बिजलीघर चौराहे पर अस्थायी बाजार होता था। मगर, पिछले 12 साल से चार माह के लिए एक स्थान पर बाजार लगता है। ताजनगरी में हुआ जन्म

तिब्बत बाजार में दुकान लगाने वाले कई तिब्बती ऐसे भी हैं, जिनका जन्म आगरा में ही हुआ। ऐसे ही दुकानदार मिगमर शा ने बताया कि 1978 से उनके पिता यहां आ रहे हैं। 1988 में उनका जन्म आगरा में ही हुआ था। इसके बाद वह अपने परिवार के साथ आगरा आते हैं। 41 वर्षीय नामडोल भी 21 साल से ताजनगरी में दुकान लगा रहे हैं। उन्होंने बताया कि यहां की जनता के प्यार के कारण ही 55 साल से बाजार लग रहा है। मोलभाव हुआ कम

तिब्बती दुकानदारों ने बताया कि पिछले 55 साल में बहुत से बदलाव आए, मगर, एक सबसे बड़ा बदलाव मोलभाव को लेकर आया है। पहले लोग बहुत मोलभाव करते थे, लेकिन अब इसमें कमी आई है। लोग फिक्स प्राइज का टैग देखकर मोलभाव की बात नहीं करते हैं।


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