बटेश्वर में यमुना नदी में डूबकर तीन युवकों की मौत
मरने वालों में दो फतेहाबाद और एक जगदीशपुरा का पूजा-अर्चना करने गए चारों
जागरण टीम, आगरा। बटेश्वर में पूजा-अर्चना करने आए चार लोगों में से तीन यमुना नदी में स्नान के दौरान डूब गए। स्थानीय गोताखोर एक घंटे की मशक्कत के बाद उनका शव बाहर निकाल सके। हादसे की जानकारी होते ही तीनों के घरों में कोहराम मच गया।
बोदला, जगदीशपुरा निवासी कन्हैया (25) पुत्र बंटू चांदी का काम करता था। वह फुफेरे भाई आयुष (18) पुत्र सितारी निवासी पीतावाली, उसके मौसेरे भाई आशीष (20) पुत्र प्रेम सिंह निवासी पीतावाली और दोस्त सौरभ (19) पुत्र पूरन सिंह निवासी मुहल्ला कछियात, फतेहाबाद के साथ सोमवार सुबह सात बजे दो बाइकों से बटेश्वर में दर्शन करने आए थे। पूजा-अर्चना से पहले तीनों यमुना नदी में स्नान करने लगे। आयुष के डूबते ही कन्हैया और सौरभ ने बचाने की कोशिश की तो वह भी डूब गए। आशीष के शोर मचाने पर लोग पहुंच गए। सूचना पर पहुंची पुलिस ने स्थानीय गोताखोरों को उतारा। एक घंटे बाद तीनों के शव बाहर निकाल लिए गए। फतेहाबाद में सन्नाटा को चीरती रहीं चीखें
जागरण टीम, आगरा। सोमवार सुबह तीन जिदगियां यमुना नदी में नहाते समय ठहर गईं। पीछे छोड गई करुण क्रंदन, चीत्कार और असहनीय दर्द भरी कराहें। यमुना नदी में डूबे तीन युवकों में अपनों को खोने वालों के आंसू थम नहीं रहे थे। घरवाले उनके लौटने की राह देख रहे थे लेकिन मृत्यु की सूचना ने उन्हें झकझोर दिया।
सोमवार सुबह आयुष, कन्हैया और सौरभ के यमुना नदी में डूबने की खबर स्वजन को पता चली तो उनके पैरों तले जमीन खिसक गई। उन्होंने बटेश्वर की ओर दौड़ लगा दी। वहां गोताखोर आयुष, कन्हैया और सौरभ के शव नदी से बाहर निकाल चुके थे। इसकी जानकारी पर घर की महिलाओं का क्रंदन शुरू हो गया। आयुष की मां कुसुमा बेहाल थीं। थोड़ी-थोड़ी देर में बेहोश हो रही थीं। गांव की महिलाएं उन्हें धीरज बंधातीं, होश में आते ही कुसुमा फिर छाती पीटने लगतीं। बोलीं, बेटा आयुष.. अब मेरी देखभाल कौन करेगा। कन्हैया.. बेटा तू भी चला गया। अब मुझे बुआ कौन बुलाएगा। 'बुआजी, बस दो घंटे में लौट आएंगे'
आयुष का ममेरा भाई कन्हैया शनिवार की शाम ही पातावाली पहुंचा था। उसने ही आयुष, सौरभ और आशीष के साथ बटेश्वर में पूजा-अर्चना करने का प्लान बनाया था। सुबह ही स्वजन को इसकी जानकारी देकर चारों दो बाइकों से घर से निकले थे। कुसुमा के मुताबिक जाते समय कन्हैया बोला था, बुआजी, बस दो घंटे में लौट आएंगे।