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Ambedkar University Agra: एक हफ्ते में बदले तीन अधिकारी, विवि की परीक्षाएं बन सकती हैं बड़ी चुनौती

Ambedkar University Agra तीन नए अधिकारियों के सामने हैं परीक्षा जैसी बड़ी चुनौती। एक हफ्ते में बदले तीन अधिकारी 22 जुलाई से प्रस्तावित हैं मुख्य परीक्षाएं। 1.76 लाख छात्रों को करना है प्रोन्नत परीक्षा में शामिल होंगे 2.60 लाख छात्र।

By Tanu GuptaEdited By: Published: Thu, 08 Jul 2021 04:22 PM (IST)Updated: Thu, 08 Jul 2021 04:22 PM (IST)
Ambedkar University Agra: एक हफ्ते में बदले तीन अधिकारी, विवि की परीक्षाएं बन सकती हैं बड़ी चुनौती
22 जुलाई से प्रस्तावित हैं आंबेडकर विवि की मुख्य परीक्षाएं।

आगरा, जागरण संवाददाता। डा. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय की मुख्य परीक्षाएं 22 जुलाई से प्रस्तावित हैं। जून अंत में कुलसचिव और परीक्षा नियंत्रक का तबादला और अब कुलपति को कार्य से विरत करना। एेसे में नए अधिकारियों के सामने परीक्षा एक बड़ी चुनौती के रूप में खड़ी है। स्नातक प्रथम वर्ष, परास्नातक प्रथम वर्ष और विधि प्रथम वर्ष के 1.76 लाख छात्र हैं, इनको कोरोना महामारी के कारण बिना परीक्षा के द्वितीय वर्ष में प्रोन्नत करना है। विश्वविद्यालय में अभी यह प्रक्रिया शुरू नहीं हुई है। स्नातक-विधि की द्वितीय-तृतीय वर्ष और परास्नातक अंतिम वर्ष के छात्रों की परीक्षा करानी हैं। इनकी संख्या 2.60 लाख है। परीक्षा केंद्रों के निर्धारण से लेकर शासन के निर्देशों का पालन करना, हर काम में सतर्कता के साथ ही तेजी भी दिखानी होगी। अधिकारी इस समय पुरानी कार्यप्रणाली को समझने के साथ ही नए नियमों को बनाने की जद्दोजहद के बीच में से गुजर रहे हैं।

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विगत 28 जून को विश्वविद्यालय के कुलसचिव और परीक्षा नियंत्रक का स्थानांतरण हुआ था। बुंदेलखंड विश्वविद्यालय के परीक्षा नियंत्रक अजय कृष्ण यादव को परीक्षा नियंत्रक के पद पर भेजा गया और महात्मा ज्योतिबाफुले रुहेलखंड विश्वविद्यालय के परीक्षा नियंत्रक संजीव कुमार सिंह को कुलसचिव बनाकर भेजा गया।दोनों अधिकारियों ने आधिकारिक रूप से एक जुलाई से कार्यभार ग्रहण किया।विगत पांच जुलाई को राजभवन ने कुलपति प्रो. अशोक मित्तल को कार्य विरत करने के आदेश दिए।उनके स्थान पर लखनऊ विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. आलोक राय को कुलपति की अतिरिक्त जिम्मेदारी दी गई।तीन बड़े अधिकारियों के बदलाव से विश्वविद्यालय की कार्यप्रणाली पर भी असर पड़ा है।

शासन के निर्देशों पर विश्वविद्यालय ने स्नातक द्वितीय, तृतीय व परास्नातक अंतिम वर्ष की परीक्षाएं कराने की तैयारी तो शुरू कर दी है, पर प्रथम वर्ष के छात्रों को प्रोन्नत करने की तरफ अभी कोई कदम नहीं उठाया गया है।परीक्षा नियंत्रक अजय कृष्ण यादव के सामने परीक्षा कराने की बड़ी जिम्मेदारी है। परीक्षा केंद्रों के निर्धारण से लेकर शासन के नियमों का पालन कराने के लिए समय काफी कम है क्योंकि 22 जुलाई से परीक्षाएं प्रस्तावित हैं।

यह आएंगी समस्या

- पुराने परीक्षा केंद्रों की संपूर्ण जानकारी उपलब्ध न हो पाना

- छात्रों के परीक्षा फार्म भरवाकर सही समय पर एडमिट कार्ड जारी करना

- नकल विहीन परीक्षा कराने के लिए परीक्षा केंद्रों की जांच शासन के नियमों के अनुरूप करना

- उप-मुख्यमंत्री डा. दिनेश शर्मा के निर्देशों पर कंट्रोल रूम स्थापित करना

समय काफी कम है, लेकिन हम पूरी मेहनत कर रहे हैं। शासन के निर्देशों का पालन हर हाल में किया जाएगा।छात्रों को कोई समस्या नहीं आने दी जाएगी।

अजय कृष्ण यादव, परीक्षा नियंत्रक

छात्र हित में ही काम होगा। हमारे लिए सर्वोच्च प्राथमिकता छात्र ही हैं। परीक्षाएं और प्रवेश फिलहाल प्राथमिकताएं हैं।

संजीव कुमार सिंह, कुलसचिव 


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