Ballot Box Loot: आगरा में पंचायत चुनाव में मतपेटिका लूटने के आरोपितों को नहीं मिली जमानत
फतेहाबाद के रिहावली में मतदान कर्मियाें से हुई थी मारपीट। महिला समेत चार आरोपितों ने प्रस्तुत किया था जमानत प्रार्थना पत्र। अपर जिला जज ने प्रार्थना पत्र पर सुनवाई के बाद तर्क एवं मामले की गंभीरता को देखते हुए आरोपितों की जमानत को खारिज कर दिया।
आगरा, जागरण संवाददाता। त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के दौरान फतेहाबाद में मतपेटिका और मतपत्र लूटने के आरोपितों को जमानत नहीं मिल सकी। महिला समेत चार आरोपितों की ओर से प्रस्तुत जमानत प्रार्थना पत्र को अपर जिला जज मोहम्मद राशिद ने खारिज करने के आदेश दिए।
त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव का मतदान 15 अप्रैल को हुआ था। इसमें फतेहाबाद के रिहावली में सेंटर नंबर दस पर लक्ष्मी नारायण की पीठासीन अधिकारी के रूप में तैनात थे। उनके साथ में अनीता रानी,राजेश कुमार,जगदीश चंद की ड्यूटी मतदानकर्मी के रूप थी। पीठासीन अधिकारी के मुताबिक दोपहर 11:30 बजे रिहावली और सिलावली गांव के 50 से 60 लोग जिसमें महिलाएं भी शामिल थीं। मतदान केंद्र पर पहुंचकर गड़बड़ी का आरोप लगाने लगे। भीड़ ने मतदान केंद्र पर तोड़फोड़ शुरू कर दी।
इससे वहां मौजूद मतदान कर्मियों और वोट डालने आए लोगों में अफरातफरी और भगदड़ मच गई। भीड़ में शामिल लोगों ने मतदान कर्मियों से अभद्रता शुरू कर दी। मतदान कर्मियों ने पोलिंग बूथ का गेट बंद कर दिया। उपद्रवी जंगला उखाड़कर अंदर घुस आए। लाठी-डंडों व अवैध असलाह से लैस लोगों ने स्टाफ के साथ मारपीट कर दी।इसके बाद दो मतपेटिका, मतपत्र, मतदाता सूची के साथ ही स्टाफ का सामान भी लूटकर ले गए। पुलिसकर्मियों ने मतदान कर्मियों को बचाने का प्रयास किया तो उपद्रवियों ने उससे भी मारपीट कर दी। सूचना पर पहुंचे फोर्स ने मतदान कर्मियों को सुरक्षित थाने तक पहुंचाया।
मामले में पीठासीन अधिकारी की आेर से उपद्रवियों के खिलाफ लूट, सरकारी कार्य में बाधा, सार्वजनिक संपत्ति क्षति निवारण अधिनियम, सात क्रिमिनल ला अमेंडमेंट एक्ट की धारा के तहत मुकदमा दर्ज कराया गया था। पुलिस ने कई आरोपिताें को गिरफ्तार करके जेल भेजा था। मामले में आरोपित गुड्डी देवी, कामता प्रसाद, बंसल और अमर चंद की आेर से जमानत प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किया गया था। अपर जिला जज ने प्रार्थना पत्र पर सुनवाई के बाद सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता आदर्श चौधरी, पीओ मनीष मिश्रा के तर्क एवं मामले की गंभीरता को देखते हुए आरोपितों की जमानत खारिज करने के आदेश दिए।